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आंगनबाड़ी सहायिका को पद से हटाया गया, भ्रूण लिंग परीक्षण में शामिल होने पर हुई कार्रवाई - आंगनबाड़ी सहायिका

ग्वालियर। आंगनबाड़ी सहायिका अरुणा राठौर को आखिरकार महिला बाल विकास विभाग ने शुरुआती जांच के बाद उनके पद से हटा दिया है. दो दिन पहले आंगनबाड़ी सहायिका अपनी ड्यूटी से गायब होकर झांसी में युवती का भ्रूण लिंग परीक्षण अल्ट्रासाउंड सेंटर में कराते हुए पकड़ी गई थी. जिसको लेकर ये कार्रवाई की गई.

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आंगनबाड़ी सहायिका को पद से हटाया गया
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Published : Jan 18, 2020, 9:06 PM IST

ग्वालियर। आंगनबाड़ी सहायिका अरुणा राठौर को आखिरकार महिला बाल विकास विभाग ने शुरुआती जांच के बाद उनके पद से हटा दिया है. दो दिन पहले आंगनबाड़ी सहायिका अपनी ड्यूटी से गायब होकर झांसी में युवती का भ्रूण लिंग परीक्षण अल्ट्रासाउंड सेंटर में कराते हुए पकड़ी गई थी. जिसको लेकर ये कार्रवाई की गई.

आंगनबाड़ी सहायिका को पद से हटाया गया


दरअसल आंगनबाड़ी सहायिका अरुणा राठौर को पिंक सेल प्रभारी और एसडीएम जयति सिंह ने एक स्टिंग ऑपरेशन में झांसी में पकड़ा था. अल्ट्रासाउंड सेंटर पर अरुणा राठौर एक नायब तहसीलदार को कथित रूप से गर्भवती बताकर अल्ट्रासाउंड कराते समय पिंक सेल ने झांसी प्रशासन के सहयोग से पकड़ा था. इससे पहले भी अरुणा राठौर दो और महिलाओं को झांसी ले जाकर उनका अल्ट्रासाउंड करा चुकी थी. ऐसा उसने खुद स्वीकार किया है.


आंगनबाड़ी सहायिका की प्रारंभिक तौर पर संलिप्तता देखते हुए महिला बाल विकास में 15 जनवरी को उसके गैरहाजिर होने का कारण पूछा था. वह लूट पूरा क्षेत्र में तैनात थी. और धौलपुर जाने को कहकर गायब हुई थी. जबकि उसको एसडीएम ने झांसी में पकड़ा था. विभाग ने प्रारंभिक तौर पर उसे पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट अधिनियम 1994 के तहत दोषी पाया है. नोटिस देने के बाद उसे बर्खास्त करने के आदेश जारी किए गए हैं.

ग्वालियर। आंगनबाड़ी सहायिका अरुणा राठौर को आखिरकार महिला बाल विकास विभाग ने शुरुआती जांच के बाद उनके पद से हटा दिया है. दो दिन पहले आंगनबाड़ी सहायिका अपनी ड्यूटी से गायब होकर झांसी में युवती का भ्रूण लिंग परीक्षण अल्ट्रासाउंड सेंटर में कराते हुए पकड़ी गई थी. जिसको लेकर ये कार्रवाई की गई.

आंगनबाड़ी सहायिका को पद से हटाया गया


दरअसल आंगनबाड़ी सहायिका अरुणा राठौर को पिंक सेल प्रभारी और एसडीएम जयति सिंह ने एक स्टिंग ऑपरेशन में झांसी में पकड़ा था. अल्ट्रासाउंड सेंटर पर अरुणा राठौर एक नायब तहसीलदार को कथित रूप से गर्भवती बताकर अल्ट्रासाउंड कराते समय पिंक सेल ने झांसी प्रशासन के सहयोग से पकड़ा था. इससे पहले भी अरुणा राठौर दो और महिलाओं को झांसी ले जाकर उनका अल्ट्रासाउंड करा चुकी थी. ऐसा उसने खुद स्वीकार किया है.


आंगनबाड़ी सहायिका की प्रारंभिक तौर पर संलिप्तता देखते हुए महिला बाल विकास में 15 जनवरी को उसके गैरहाजिर होने का कारण पूछा था. वह लूट पूरा क्षेत्र में तैनात थी. और धौलपुर जाने को कहकर गायब हुई थी. जबकि उसको एसडीएम ने झांसी में पकड़ा था. विभाग ने प्रारंभिक तौर पर उसे पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट अधिनियम 1994 के तहत दोषी पाया है. नोटिस देने के बाद उसे बर्खास्त करने के आदेश जारी किए गए हैं.

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आंगनबाड़ी सहायिका अरुणा राठौर को आखिरकार महिला बाल विकास विभाग ने शुरुआती जांच के बाद उनके पद से हटा दिया है। दो दिन पहले आंगनवाड़ी सहायिका अपनी ड्यूटी से गायब होकर झाँसी में युवती का भ्रूण लिंग परीक्षण एक अल्ट्रासाउंड सेंटर पर कराते हुए पकड़ी गई थी।Body:दरअसल आंगनवाड़ी सहायिका अरुणा राठौर को पिंक सेल प्रभारी एवं एसडीएम जयति सिंह ने एक स्टिंग ऑपरेशन में झाँसी में पकड़ा था ।जय माता दी अल्ट्रासाउंड सेंटर पर अरुणा राठौर एक नायब तहसीलदार को कथित रूप से गर्भवती बताकर अल्ट्रासाउंड कराते समय पिंक सेल ने झाँसी प्रशासन के सहयोग से पकड़ा था। इससे पहले भी अरुणा राठौर दो और महिलाओं को झाँसी ले जाकर उनका अल्ट्रासाउंड करा चुकी थी ऐसा उसने स्वीकार किया है।Conclusion:आंगनवाड़ी सहायिका की प्रारंभिक तौर पर संलिप्तता देखते हुए महिला बाल विकास में 15 जनवरी को उसके गैरहाजिर होने का कारण पूछा था ।वह लूट पूरा क्षेत्र में तैनात थी केंद्र पर वह धौलपुर जाने की कहकर गायब हुई थी। जबकि उसको एसडीएम ने झाँसी में पकड़ा था ।विभाग ने प्रारंभिक तौर पर उसे पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट अधिनियम 1994 के तहत दोषी पाया है ।नोटिस देने के बाद उसे बर्खास्त करने के आदेश जारी किए गए हैं।
बाईट- राहुल पाठक... सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग ग्वालियर
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