ग्वालियर। मध्यप्रदेश में सियासी उठापटक के बीच सोमवार को 26 मार्च तक के लिए विधानसभा स्थगित कर दी गई है. जोरदार हंगामे के बीच सिर्फ 10 मिनट तक विधानसभा चली, उसके बाद हंगामे और कोरोना वायरस के चलते इसे 26 मार्च तक स्थगित कर दिया गया है. अब लोगों के मन में यही सवाल उठ रहे हैं कि क्या कोरोना वायरस कमलनाथ सरकार को बचा पाएगा या फिर बीजेपी फिर से मध्यप्रदेश में सत्ता हासिल कर पाएगी. दोनों पार्टियों की तरफ से क्या रणनीति रहेगी, इन सब पर जानकारी के लिए वरिष्ठ पत्रकार देव श्रीमाली से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
वरिष्ठ पत्रकार देव श्रीमाली का मानना है कि राष्ट्रपति शासन लगना इतना आसान नहीं है, क्योंकि उसे 6 महीने के अंदर राज्यसभा और लोकसभा में पास कराना होता है. पहले भी कई मामले में ऐसा हुआ है कि सरकार को मुंह की खानी पड़ी है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के इस सियासी दंगल में ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. क्योंकि अगर सिंधिया खेमे के 6-7 विधायक भी साथ छोड़ देते हैं, तो स्थिति काफी कमजोर हो जाएगी.