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ग्वालियर: बारिश से शहर का मौसम हुआ खुशनुमा, उमस और गर्मी से मिली राहत - rain in gwalior

सोमवार को तेज बारिश ने शहर के मौसम को खुशनुमा बना दिया. ग्वालियर के लोग पिछले कई दिनों से गर्मी और उमस से बेचैन थे. लेकिन बारिश से लोगों ने राहत की सांस ली है.

Rain in gwalior
ग्वालियर में बारिश
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Published : Aug 10, 2020, 6:14 PM IST

ग्वालियर। गर्मी और उमस से बेचैन ग्वालियर वासियों को बारिश होती ही राहत मिल गई. सोमवार को तेज बारिश ने शहर के मौसम को खुशनुमा बना दिया. लेकिन 15 मिनट की बारिश के बाद आसमान साफ हो गया. जिससे ग्वालियर शहर में एक बार फिर से उमस की संभावना बढ़ गई है. हालांकि शहर में करीब 20 एमएम बारिश होने से शहरवासियों ने राहत की सांस ली है.

तेज हवा के साथ बारिश

खरीफ की फसल में लाभ पहुंचेगा

इस समय किसानों ने तिली, बाजरा एवं अरहर सहित अन्य फसलों की बुवाई की है. लेकिन पानी की कमी लगातार किसानों को सता रही है. 10 अगस्त तक अमूमन 440 मिली मीटर बारिश औसतन होती है. लेकिन इस बार सिर्फ ग्वालियर में 300 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है.

यानी अभी औसतन बारिश से भी ग्वालियर काफी पीछे है. मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि आने वाले 2 दिनों तक बंगाल की खाड़ी से उठे मानसून का असर ग्वालियर और चंबल अंचल में देखा जा सकेगा और इससे अच्छी बारिश हो सकती है.

ग्वालियर में लंबे अरसे से बारिश औसत के आसपास ही हो रही है. पिछले कुछ सालों का रिकॉर्ड देखा जाए तो 5 सालों में सिर्फ दो बार सामान्य से अधिक बारिश हुई है, अन्यथा हर साल बारिश की कमी महसूस होती है. इसका असर किसानों की फसल पर भी पड़ रहा है. खास बात यह है कि ग्वालियर की लाइफ लाइन तिघरा बांध भी अभी पूरी तरह से भरा नहीं है. मानसून का आधे से ज्यादा सीजन निकल चुका है. सिंचाई विभाग को भी कम बारिश की संभावना अभी से नजर आ रही है.

ग्वालियर। गर्मी और उमस से बेचैन ग्वालियर वासियों को बारिश होती ही राहत मिल गई. सोमवार को तेज बारिश ने शहर के मौसम को खुशनुमा बना दिया. लेकिन 15 मिनट की बारिश के बाद आसमान साफ हो गया. जिससे ग्वालियर शहर में एक बार फिर से उमस की संभावना बढ़ गई है. हालांकि शहर में करीब 20 एमएम बारिश होने से शहरवासियों ने राहत की सांस ली है.

तेज हवा के साथ बारिश

खरीफ की फसल में लाभ पहुंचेगा

इस समय किसानों ने तिली, बाजरा एवं अरहर सहित अन्य फसलों की बुवाई की है. लेकिन पानी की कमी लगातार किसानों को सता रही है. 10 अगस्त तक अमूमन 440 मिली मीटर बारिश औसतन होती है. लेकिन इस बार सिर्फ ग्वालियर में 300 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है.

यानी अभी औसतन बारिश से भी ग्वालियर काफी पीछे है. मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि आने वाले 2 दिनों तक बंगाल की खाड़ी से उठे मानसून का असर ग्वालियर और चंबल अंचल में देखा जा सकेगा और इससे अच्छी बारिश हो सकती है.

ग्वालियर में लंबे अरसे से बारिश औसत के आसपास ही हो रही है. पिछले कुछ सालों का रिकॉर्ड देखा जाए तो 5 सालों में सिर्फ दो बार सामान्य से अधिक बारिश हुई है, अन्यथा हर साल बारिश की कमी महसूस होती है. इसका असर किसानों की फसल पर भी पड़ रहा है. खास बात यह है कि ग्वालियर की लाइफ लाइन तिघरा बांध भी अभी पूरी तरह से भरा नहीं है. मानसून का आधे से ज्यादा सीजन निकल चुका है. सिंचाई विभाग को भी कम बारिश की संभावना अभी से नजर आ रही है.

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