ग्वालियर। शहर में शनिवार को हुई बारिश ने नगर निगम को बेनकाब कर दिया. स्मार्ट सिटी के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाने के बावजूद बारिश का पानी बहने का कोई मुकम्मल इंतजाम नहीं किया जा सका. मजह एक घंटे की बारिश में ही सड़कें लबालब हो गयीं. सरकारी दफ्तरों में पानी भर गया. कई वाहन खस्ताहाल सड़कों पर बने गड्ढों में फंसे नजर आये, जबकि कई जलभराव के चलते गड्ढे में गिरकर घायल हो गये.
नगर निगम करोड़ों रुपए खर्च कर बारिश से पहले नालों की सफाई कराने का दावा किया था, फिर जलभराव जैसी स्थिति क्यों निर्मित हो रही है. बारिश के दौरान जगह-जगह जलभराव की स्थिति से नगर निगम के दावों की पोल खुल रही है. शहर में जल निकासी की स्थिति सुधरने की जगह दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है. रियासत काल में जल निकासी के लिए प्राकृतिक और कृत्रिम रूप से बनाए गए कुल 481 नाले थे, जिसमें अधिकांश की स्थिति बेहाल है. कई नाले अतिक्रमण के चलते लापता हो गये हैं तो कई नालों की चौड़ाई घटकर चौथाई रह गई है.
ग्वालियर स्मार्ट सिटी के नाम पर अधिकारी करोड़ों रुपए डकार गए, लेकिन स्मार्ट सिटी बनाना तो दूर शहर के हालात और भी बदतर होते जा रहे हैं. हर साल नगर निगम लाखों रूपए खर्च करता है, फिर भी हालात जस के तस बने हुए हैं.