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फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में सजा काट चुका पीड़ित कलेक्ट्रेट के काट रहा चक्कर, अधिकारी दे रहे आश्वासन - fake caste certificate case

ग्वालियर जिला कलेक्ट्रेट में फर्जी जाति प्रमाणपत्र के झूठे केस में तीन महीने की सजा काट चुका पीड़ित गार्डन राय न्याय के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा है, लेकिन अधिकारियों से उसे न्याय के आश्वासन के सिवा अभी तक कुछ नहीं मिला है.

फर्जी प्रमाण पत्र में फंसा पीड़ित न्याय के लिए भटक रहा
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Published : Sep 5, 2019, 1:28 PM IST

ग्वालियर। कलेक्ट्रेट में अधिकारियों की सांठगांठ के चलते फर्जी जाति प्रमाणपत्र के मामले के झूठे केस में तीन महीने की सजा काट चुका पीड़ित न्याय के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा है, बावजूद इसके अभी तक न्याय नहीं मिला है. हैरानी की बात ये है कि इस मामले में ग्वालियर बेंच ने भी तीन दिन में जांच पूरी करने का आदेश दिया था. पीड़ित का आरोप है कि ग्वालियर बेंच के आदेश के मुताबिक उसे एक महीने में जांच की कॉपी मिली है, लेकिन वो भी अधूरी.

फर्जी प्रमाण पत्र में फंसा पीड़ित न्याय के लिए भटक रहा

बताया जा रहा है कि एसडीएम कार्यालय लश्कर द्वारा कुछ महीने पहले बिना जांच किए फर्जी रूप से एक महिला बेबी आर्य का अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र जारी किया गया था. इस महिला की पड़ोस में रहने वाले गार्डन राय से कहासुनी हो गई थी, तो महिला ने थाने में जाकर एट्रोसिटी एक्ट में रिपोर्ट लिखवा दी और गार्डन राय को तीन महीने की जेल हो गई.

जब पीड़ित तीन महीने की सजा काटकर जेल से बाहर आया, तो उसने मामले की छानबीन की. पीड़ित का आरोप है कि महिला बेबी आर्य ने एसडीएम ऑफिस में सांठगांठ कर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया है. आरटीआई के तहत निकाले दस्तावेज में इसका खुलासा हुआ है. पीड़ित का कहना है कि इसकी शिकायत जब कलेक्टर अनुराग चौधरी को की गई, तो उन्होंने जांच समिति बनाई और तीन दिन में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा. जबकि पीड़ित गार्डन राय एक महीने तक लगातार अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाता रहा, लेकिन रिपोर्ट नहीं आई, क्योंकि मामला जिला प्रशासन के अधिकारी से जुड़ा था.

एसडीएम लश्कर सीबी प्रसाद से जब इस विषय में पूछा गया, तो उन्होंने जांच समिति का बहाना देकर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की. हालांकि ये उन्होंने भी माना कि जिले में कुछ जाति प्रमाणपत्र फर्जी रूप से बनाए गए हैं, लेकिन इस मामले में एक महीने से ज्यादा बीतने के बाद भी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है.

ग्वालियर। कलेक्ट्रेट में अधिकारियों की सांठगांठ के चलते फर्जी जाति प्रमाणपत्र के मामले के झूठे केस में तीन महीने की सजा काट चुका पीड़ित न्याय के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा है, बावजूद इसके अभी तक न्याय नहीं मिला है. हैरानी की बात ये है कि इस मामले में ग्वालियर बेंच ने भी तीन दिन में जांच पूरी करने का आदेश दिया था. पीड़ित का आरोप है कि ग्वालियर बेंच के आदेश के मुताबिक उसे एक महीने में जांच की कॉपी मिली है, लेकिन वो भी अधूरी.

फर्जी प्रमाण पत्र में फंसा पीड़ित न्याय के लिए भटक रहा

बताया जा रहा है कि एसडीएम कार्यालय लश्कर द्वारा कुछ महीने पहले बिना जांच किए फर्जी रूप से एक महिला बेबी आर्य का अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र जारी किया गया था. इस महिला की पड़ोस में रहने वाले गार्डन राय से कहासुनी हो गई थी, तो महिला ने थाने में जाकर एट्रोसिटी एक्ट में रिपोर्ट लिखवा दी और गार्डन राय को तीन महीने की जेल हो गई.

जब पीड़ित तीन महीने की सजा काटकर जेल से बाहर आया, तो उसने मामले की छानबीन की. पीड़ित का आरोप है कि महिला बेबी आर्य ने एसडीएम ऑफिस में सांठगांठ कर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया है. आरटीआई के तहत निकाले दस्तावेज में इसका खुलासा हुआ है. पीड़ित का कहना है कि इसकी शिकायत जब कलेक्टर अनुराग चौधरी को की गई, तो उन्होंने जांच समिति बनाई और तीन दिन में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा. जबकि पीड़ित गार्डन राय एक महीने तक लगातार अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाता रहा, लेकिन रिपोर्ट नहीं आई, क्योंकि मामला जिला प्रशासन के अधिकारी से जुड़ा था.

एसडीएम लश्कर सीबी प्रसाद से जब इस विषय में पूछा गया, तो उन्होंने जांच समिति का बहाना देकर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की. हालांकि ये उन्होंने भी माना कि जिले में कुछ जाति प्रमाणपत्र फर्जी रूप से बनाए गए हैं, लेकिन इस मामले में एक महीने से ज्यादा बीतने के बाद भी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है.

Intro:एंकर-:कलेक्टरेट में बैठे अधिकारियों के अनियमितता संबंधी तमाम सारे मामले सामने आते रहे हैं लेकिन इस बार गलत दस्तावेज और बिना देखे फर्जी जाति प्रमाणपत्र जारी करने का मामला सामने आया है,इस मामले में केवल फर्जी जाति प्रमाणपत्र की वजह से झूठा केस लगने के कारण पीड़ित तीन महीने की जेल भी काटकर आया है!

Body:वीओ-1 एसडीएम कार्यालय लश्कर द्वारा कुछ माह पहले बिना जाँच किए फर्जी रूप से एक महिला बेबी आर्य का अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र जारी किया गया था इस महिला की पड़स में रहने वाले गार्डन राय से कहा सुनी हुई तो महिला ने थाने में जाकर एट्रोसिटी एक्ट में रिपोर्ट लिखवा दी और गार्डन राय को तीन महीने की जेल हो गई बाहर आने के बाद पीड़ित गार्डन राय ने छानबीन की तो पता चला कि महिला न एसडीएम ऑफिस में साँठ गाँठ कर जाति प्रमाणपत्र फर्जी बनवाया है आरटीआई के तहत निकाले दस्तावेज़ में इसका खलासा  हुआ इसकी शिकायत जब कलेक्टर अनुराग चौधरी को की गई तो उन्होंने जाँच समिति बनाई और तीन दिन में जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा पीड़ित गार्डन राय एक महीने तक लगातार अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाता रहा लेकिन रिपोर्ट नहीं आई क्योंकि मामला जिला प्रशासन के अधिकारी से जुड़ा था।

Conclusion:वीओ-2 एसडीएम लश्कर सी बी प्रसाद के ऑफिस से बना फर्जी जाति प्रमाणपत्र जिसके कारण एक बेगुनाह को तीन महीने तक जेल में रखा गया प्रशासन इसकी जाँच के विषय में कोई भी जानकारी देने को तैयार नहीं हुआ जब इंडिया न्यूज के संवाददाता ने जाँच कर रहे एडीएम से इस विषय में पूछा तो उन्होंने जाँच समिति का बहाना बनाकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की हालांकि ये उन्होंने भी माना कि जिले में कुछ जाति प्रमाणपत्र फर्जी रूप से बनाए गए हैं लेकिन इस मामले में एक महीने से ज्यादा बीतने के बाद भी अपने ही अधिकारियों के खिलाफ कोई निर्णय न लेना कहीं न कहीं अधिकारियों की मंशा पर सवाल खड़े करता है आखिर कब तक बेगुनाह पीड़ित प्रशासन की गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।


बाइट-गार्डन राय (पीड़ित व्यक्ति)

बाइट-:अनूप कुमार सिंह (एडीएम, ग्वालियर)
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