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कानपुर के एक ट्रांसपोर्टर के ट्रक को किराए पर लेकर हुई लाखों की ठगी - ग्वालियर पुलिस

कानपुर एक ट्रांसपोर्टर कारोबारी से ट्रक किराए पर लेकर ग्वालियर के दो ट्रांसपोर्टर द्वारा लाखों रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है. वहीं कारोबारी को ठगी का पता तब चला जब 6 महीने तक ना तो ट्रक का किराया आया ना ही ट्रक वापस आया.

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Published : Mar 17, 2021, 7:01 PM IST

ग्वालियर। कानपुर एक ट्रांसपोर्टर कारोबारी से ट्रक किराए पर लेकर ग्वालियर के दो ट्रांसपोर्टर द्वारा लाखों रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है. वहीं कारोबारी को ठगी का पता तब चला जब 6 महीने तक ना तो ट्रक का किराया आया ना ही ट्रक वापस आया. जब ट्रांसपोर्टर ने कारोबारी से संपर्क किया तो ट्रांसपोर्टर किराया देने से मुकर गया. जिसके बाद ठगी के शिकार हुए ट्रांसपोर्टर ने इसकी शिकायत थाने पहुंचकर पुलिस से की है. वहीं पुलिस ने ट्रांसपोर्टर की शिकायत पर दोनों ट्रांसपोर्टर ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है.

दरअसल उत्तर प्रदेश के कानपुर में रहने वाले सुनील कुमार पाल पेशे से एक ट्रांसपोर्टर कारोबारी हैं. वह किराए पर ट्रक चलाते हैं. वहीं वर्ष 2020 में उनकी मुलाकात ग्वालियर के महाराजपुरा थाना क्षेत्र के डीडी नगर में रहने वाले शैलेन्द्र सिंह गुर्जर व सत्यभान सिंह गुर्जर से हुई थी. शैलेन्द्र सिंह गुर्जर और सत्यभान सिंह गुर्जर भी पेशे से एक ट्रांसपोर्टर हैं. कुछ परेशानी आने पर ट्रांसपोर्टर कारोबारी सुनील अपने दो ट्रकों को बेचने के लिए ग्राहक तलाश रहे थे, तभी शैलेन्द्र व सत्यभान उनके पास पहुंचे और बताया की वह उनके ट्रकों को किराए पर लेकर चलाना चाहते हैं. उनको दोनों ट्रकों के बदले 1 लाख रुपए महीना के हिसाब से कौन है किराया देंगे. इससे उनकी आर्थिक परेशानी भी दूर हो जाएगी, उनको अपने ट्रैकों को भी नहीं बेचना पड़ेंगे. वही उनकी बातों में आकर सुनील कुमार पाल अपने ट्रकों को किराए पर देने के लिए तैयार हो गया.

जिसके बाद सुनील कुमार ने अपने एक ट्रक का एग्रीमेंट कर लिया. जबकि सुनील कुमार के दूसरे ट्रक का एग्रीमेंट नहीं हो पाया था. इसके बाद शैलेन्द्र और सत्यभान ट्रक लेकर चले गए. उसके बाद दोनों कारोबारी ने न तो कभी किराया दिया और न ही कानपुर ट्रांसपोर्टर कारोबारी को ट्रक लौटाए. जब ट्रांसपोर्टर ने उनकी तलाश की , तो पता चला कि वह उनके दोनों ट्रकों को मुरैना में चंबल की रेत में अवैध परिवहन में चला रहे हैं. जब सुनील ग्वालियर आया तो दोनों ठग उन्हें मिले ही नहीं. जिसके बाद ट्रांसपोर्टर कारोबारी ने अपने साथ हुई ठगी की शिकायत महाराजपुरा थाने पहुंचकर पुलिस से की है.

बता दें कि ट्रकों की पूरी डील डीडी नगर इलाके में हुई थी. ट्रकों के एग्रीमेंट के महीने के हिसाब से कुल 45 लाख रुपए की ठगी कर ट्रांसपोर्टर कारोबारी को चपत लगाई है. वहीं दोनों ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने चोरी की कार को भी कानपुर कारोबारी ने आरोपितों से एक कार भी 2.80 लाख रुपए में खरीदी थी. जिसे दोनों ठगों ने ट्रक लेते समय बेची थी. वहीं कानपुर कारोबारी को कुछ दिन बाद पता लगा कि वह कार इटावा जिले से चोरी हुई थी और कारोबारी को इटावा पुलिस ने पकड़ा चोरी का मामला दर्ज कर कार छुड़ा ली. फिलहाल पुलिस ने कारोबारी की शिकायत पर ठगी करने वाले दोनों ट्रांसपोर्टर कारोबारी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है.

ग्वालियर। कानपुर एक ट्रांसपोर्टर कारोबारी से ट्रक किराए पर लेकर ग्वालियर के दो ट्रांसपोर्टर द्वारा लाखों रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है. वहीं कारोबारी को ठगी का पता तब चला जब 6 महीने तक ना तो ट्रक का किराया आया ना ही ट्रक वापस आया. जब ट्रांसपोर्टर ने कारोबारी से संपर्क किया तो ट्रांसपोर्टर किराया देने से मुकर गया. जिसके बाद ठगी के शिकार हुए ट्रांसपोर्टर ने इसकी शिकायत थाने पहुंचकर पुलिस से की है. वहीं पुलिस ने ट्रांसपोर्टर की शिकायत पर दोनों ट्रांसपोर्टर ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है.

दरअसल उत्तर प्रदेश के कानपुर में रहने वाले सुनील कुमार पाल पेशे से एक ट्रांसपोर्टर कारोबारी हैं. वह किराए पर ट्रक चलाते हैं. वहीं वर्ष 2020 में उनकी मुलाकात ग्वालियर के महाराजपुरा थाना क्षेत्र के डीडी नगर में रहने वाले शैलेन्द्र सिंह गुर्जर व सत्यभान सिंह गुर्जर से हुई थी. शैलेन्द्र सिंह गुर्जर और सत्यभान सिंह गुर्जर भी पेशे से एक ट्रांसपोर्टर हैं. कुछ परेशानी आने पर ट्रांसपोर्टर कारोबारी सुनील अपने दो ट्रकों को बेचने के लिए ग्राहक तलाश रहे थे, तभी शैलेन्द्र व सत्यभान उनके पास पहुंचे और बताया की वह उनके ट्रकों को किराए पर लेकर चलाना चाहते हैं. उनको दोनों ट्रकों के बदले 1 लाख रुपए महीना के हिसाब से कौन है किराया देंगे. इससे उनकी आर्थिक परेशानी भी दूर हो जाएगी, उनको अपने ट्रैकों को भी नहीं बेचना पड़ेंगे. वही उनकी बातों में आकर सुनील कुमार पाल अपने ट्रकों को किराए पर देने के लिए तैयार हो गया.

जिसके बाद सुनील कुमार ने अपने एक ट्रक का एग्रीमेंट कर लिया. जबकि सुनील कुमार के दूसरे ट्रक का एग्रीमेंट नहीं हो पाया था. इसके बाद शैलेन्द्र और सत्यभान ट्रक लेकर चले गए. उसके बाद दोनों कारोबारी ने न तो कभी किराया दिया और न ही कानपुर ट्रांसपोर्टर कारोबारी को ट्रक लौटाए. जब ट्रांसपोर्टर ने उनकी तलाश की , तो पता चला कि वह उनके दोनों ट्रकों को मुरैना में चंबल की रेत में अवैध परिवहन में चला रहे हैं. जब सुनील ग्वालियर आया तो दोनों ठग उन्हें मिले ही नहीं. जिसके बाद ट्रांसपोर्टर कारोबारी ने अपने साथ हुई ठगी की शिकायत महाराजपुरा थाने पहुंचकर पुलिस से की है.

बता दें कि ट्रकों की पूरी डील डीडी नगर इलाके में हुई थी. ट्रकों के एग्रीमेंट के महीने के हिसाब से कुल 45 लाख रुपए की ठगी कर ट्रांसपोर्टर कारोबारी को चपत लगाई है. वहीं दोनों ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने चोरी की कार को भी कानपुर कारोबारी ने आरोपितों से एक कार भी 2.80 लाख रुपए में खरीदी थी. जिसे दोनों ठगों ने ट्रक लेते समय बेची थी. वहीं कानपुर कारोबारी को कुछ दिन बाद पता लगा कि वह कार इटावा जिले से चोरी हुई थी और कारोबारी को इटावा पुलिस ने पकड़ा चोरी का मामला दर्ज कर कार छुड़ा ली. फिलहाल पुलिस ने कारोबारी की शिकायत पर ठगी करने वाले दोनों ट्रांसपोर्टर कारोबारी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है.

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