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कर्मचारी को नहीं दिया वेतन, सीनियर IAS समेत तीन अधिकारी जमानती वारंट पर तलब

हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने लोक निर्माण विभाग के चौकीदार के रूप में पदस्थ सुरेश सिंह की अवमानना याचिका पर लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव और सीनियर आईएएस अफसर मलय श्रीवास्तव सहित दो अन्य अधिकारियों को 25-25 हजार के जमानती वारंट से तलब किया है.

Three officers including senior IAS summoned on bailable warrant
सीनियर IAS समेत तीन अधिकारी जमानती वारंट पर तलब
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Published : Dec 11, 2020, 9:28 PM IST

ग्वालियर : हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने लोक निर्माण विभाग के चौकीदार के रूप में पदस्थ सुरेश सिंह की अवमानना याचिका पर लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव और सीनियर आईएएस अफसर मलय श्रीवास्तव सहित दो अन्य अधिकारियों को 25-25 हजार के जमानती वारंट से तलब किया है. मामला ग्वालियर में पदस्थ एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी से जुड़ा है. वह 1989 में पीडब्ल्यूडी में दैनिक वेतन भोगी के रूप में भर्ती हुआ था. जबकि 2004 में उसका स्थाई वर्गीकरण कर दिया गया है. लेकिन वेतन का भुगतान उसे दैनिक वेतन भोगी मानकर ही किया गया.

Three officers including senior IAS summoned on bailable warrant
सीनियर IAS समेत तीन अधिकारी जमानती वारंट पर तलब

पीडब्ल्यूडी कर्मचारी ने दायर की थी याचिका

इसके खिलाफ पीडब्ल्यूडी कर्मचारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने 2018 में राम नरेश रावत केस वाले सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का हवाला देते हुए कहा कि कर्मचारी को उसके एरियर और न्यूनतम वेतन का लाभ दिया जाए. इसका भी पालन नहीं हुआ तो सुरेश सिंह ने एक बार फिर 2019 में याचिका दायर की. लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव, चीफ इंजीनियर आरके मेहरा, ग्वालियर संभाग के मुख्य अभियंता आरएल भारती और कार्यपालन यंत्री ओम हरि शर्मा को नोटिस जारी किया गया था.

अफसरों की ओर से नहीं हुआ कोई पेश

कार्यपालन यंत्री की ओर से सिर्फ उनका अधिवक्ता पेश हुआ. जबकि अन्य अफसरों की ओर से कोई भी पेश नहीं हुआ. इसे हाईकोर्ट ने गंभीर माना और सीनियर आईएएस अफसर मलय श्रीवास्तव सहित दोनों आरोपियों को 25-25 हजार के जमानती वारंट से तलब किया है. अब इस मामले में जनवरी में सुनवाई होगी. इससे पहले कोर्ट ने फरियादी कर्मचारी को सभी वेतन लाभ देने के आदेश भी दिए हैं.

ग्वालियर : हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने लोक निर्माण विभाग के चौकीदार के रूप में पदस्थ सुरेश सिंह की अवमानना याचिका पर लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव और सीनियर आईएएस अफसर मलय श्रीवास्तव सहित दो अन्य अधिकारियों को 25-25 हजार के जमानती वारंट से तलब किया है. मामला ग्वालियर में पदस्थ एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी से जुड़ा है. वह 1989 में पीडब्ल्यूडी में दैनिक वेतन भोगी के रूप में भर्ती हुआ था. जबकि 2004 में उसका स्थाई वर्गीकरण कर दिया गया है. लेकिन वेतन का भुगतान उसे दैनिक वेतन भोगी मानकर ही किया गया.

Three officers including senior IAS summoned on bailable warrant
सीनियर IAS समेत तीन अधिकारी जमानती वारंट पर तलब

पीडब्ल्यूडी कर्मचारी ने दायर की थी याचिका

इसके खिलाफ पीडब्ल्यूडी कर्मचारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने 2018 में राम नरेश रावत केस वाले सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का हवाला देते हुए कहा कि कर्मचारी को उसके एरियर और न्यूनतम वेतन का लाभ दिया जाए. इसका भी पालन नहीं हुआ तो सुरेश सिंह ने एक बार फिर 2019 में याचिका दायर की. लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव, चीफ इंजीनियर आरके मेहरा, ग्वालियर संभाग के मुख्य अभियंता आरएल भारती और कार्यपालन यंत्री ओम हरि शर्मा को नोटिस जारी किया गया था.

अफसरों की ओर से नहीं हुआ कोई पेश

कार्यपालन यंत्री की ओर से सिर्फ उनका अधिवक्ता पेश हुआ. जबकि अन्य अफसरों की ओर से कोई भी पेश नहीं हुआ. इसे हाईकोर्ट ने गंभीर माना और सीनियर आईएएस अफसर मलय श्रीवास्तव सहित दोनों आरोपियों को 25-25 हजार के जमानती वारंट से तलब किया है. अब इस मामले में जनवरी में सुनवाई होगी. इससे पहले कोर्ट ने फरियादी कर्मचारी को सभी वेतन लाभ देने के आदेश भी दिए हैं.

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