ग्वालियर। जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 9वीं से 12वीं तक के कई छात्र इन दिनों किताबों के बिना ही पढ़ रहे हैं. जबकि 2 महीने बाद उनकी परीक्षा शुरू होने वाली है. कोरोना संक्रमण के कारण माध्यमिक शिक्षा मंडल ने अपने सिलेबस में 30 फ़ीसदी की कटौती कर दी है, लेकिन छात्र संख्या के हिसाब से किताबों का प्रकाशन नहीं कराया गया. लिहाजा ग्वालियर के साथ ही भिंड और मुरैना के कई स्कूलों के छात्रों को किताब नहीं मिलने से ऑनलाइन पढ़ाई करना पड़ रही है.
30% छात्रों को नहीं मिली किताबें
अकेले ग्वालियर जिले में 30 फ़ीसदी छात्र-छात्रों को निशुल्क रूप से मिलने वाली किताबें नहीं मिल सकी है. जबकि स्कूल संचालक पिछले चार महीने से बराबर डिमांड भेज रहे हैं. पाठ्य पुस्तक निगम का कहना है कि पूर्व में जो स्कूल संचालकों द्वारा आयुक्त लोक शिक्षण को छात्र संख्या दी गई थी, उसके हिसाब में पाठ्य पुस्तकों का प्रकाशन कराया गया था, ऐसे में अतिरिक्त छात्रों के लिए कोई पाठ्य पुस्तकें अभी तक निगम के पास उपलब्ध नहीं है.
किसकी गलती
निगम का कहना है कि स्कूल के प्राचार्यों ने जितनी छात्र संख्या दर्शाई थी उसके हिसाब से किताबें वितरित हो चुकी है, ऐसे में कौन गलत है यह तय कर पाना मुश्किल है. कक्षा 9वीं की हिंदी क्षितिज की ढाई सौ किताबें नहीं है. 100 छात्रों को सामाजिक विज्ञान की किताब नहीं मिल पाई है. कक्षा 11वीं के 50 छात्रों को अभिव्यक्ति विषय की किताबें अभी तक नहीं मिल सकी है. कक्षा 9 में 58 छात्रों में से 41 को हिंदी की किताबें और सामाजिक विज्ञान की किताबें नहीं मिल पाई है. दसवीं में गणित सामाजिक विज्ञान की किताब सिर्फ कुछ ही छात्रों को मिली है.
DAVV में ऑनलाइन परीक्षा आयोजित, ऑफलाइन उत्तर पुस्तिका भी जमा कर सकते हैं छात्र
स्कूल प्राचार्य का कहना है कि उन्होंने अपने छात्रों को ऑनलाइन किताबें मुहैया कराई हैं, लेकिन किताबों के ना होने से स्वाभाविक रूप से परीक्षा की तैयारी नहीं हो पा रही है, यह भी उतना ही सच है.