ग्वालियर। प्रदेश सरकार के उस आदेश का मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने विरोध किया है, जिसमें राज्य के विभिन्न विभागों में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों का इस महीने का 1 दिन का वेतन काटकर सीएम राहत कोष में जमा करने की बात कही गई है.
इंडियन मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन का कहना है कि कोरोना संक्रमण काल में डॉक्टर तमाम जोखिम उठाकर फ्रंटलाइन पर आकर काम कर रहे हैं, ऐसे में उन्हें प्रोत्साहन देने की जरूरत है. अन्य राज्यों ने ऐसा किया भी है.
अधिकतर राज्यों ने फ्रंट लाइन पर काम करने वाले डॉक्टरों को इंश्योरेंस, दोगुना वेतन और सुरक्षा उपकरण मुहैया कराए हैं. ऐसे में डाक्टरों का वेतन काटकर सरकार उन्हें एक तरह से हतोत्साहित कर रही है.
इसके उलट कोरोना संकट से निपटने के लिए सरकार ने जो चिकित्सीय टीम गठित की है, उसमें मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन का कोई भी पदाधिकारी नहीं रखा गया है. जबकि एसोसिएशन के पदाधिकारी प्रमुख रूप से सरकार के साथ इस लड़ाई को लड़ रहे हैं.
टीचर्स एसोसिएशन का कहना है कि वे 1 दिन नहीं बल्कि पूरे 1 महीने का वेतन देने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले डॉक्टरों को सुरक्षा उपकरण जैसे पीपीई किट, मास्क, सेनिटाइजर आदि उपलब्ध कराए जाएं.