ग्वालियर। कोरोना संक्रमण के इस दर्दनाक दौर में लोगों को ऑक्सीजन, जीवन रक्षक दवाएं और मेडिकल उपकरणों के लिए परेशान होना पड़ रहा है. पिछले दिनों जयारोग्य अस्पताल समूह के कमलाराजा अस्पताल में भर्ती कई मरीजों ने ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने से दम तोड़ दिया था. जिससे पूरे स्वास्थ्य विभाग जिला प्रशासन को सुविधाओं में कमी के चलते आलोचना का शिकार होना पड़ा था.
ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करना पहली प्राथमिकता
स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन के जरिए अब पूरे शहर की सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं सहित आइसोलेशन सेंटर पर ऑक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था बनाई गई है. इसमें पटवारी तहसीलदार से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन के कर्मचारियों की महती भूमिका है. संक्रमण के तेज होते प्रभाव के कारण मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इसी के लिए कई गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन की भी जरूरत पड़ रही है. ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति में समन्वय स्थापित करने के लिए स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन, स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से एक व्यवस्था बनाई है. जिसमें सभी सरकारी गैर सरकारी करीब 100 से ज्यादा स्वास्थ्य केंद्रों पर ऑक्सीजन पहुंचाने का काम किया जा रहा है.
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पहुंचाई जाती है मेडिकल रसद
इसके लिए एक टास्क फोर्स का संगठन भी किया गया है. जिसमें 30 पटवारी एक तहसीलदार एसडीएम को शामिल किया गया है. पटवारियों को अस्पताल निर्धारित किए गए हैं. वहीं real-time की स्थिति कंट्रोल कमांड सेंटर से मॉनिटर की जा रही है. यह 24 घंटे और सातों घंटों अनवरत काम कर रही है. ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ने पर कंट्रोल कमांड सेंटर से इमरजेंसी स्टॉप और स्टेशन से त्वरित कार्रवाई करके सिलेंडर का वितरण सुनिश्चित किया जाता है. इस व्यवस्था का मकसद यही है कि कहीं भी संकट आने पर रसद पहुंचाई जाती है. फिलहाल शहर में तीन ऑक्सीजन के प्लांट काम कर रहे हैं.