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जूलॉजी के छात्रों ने बनाया अन टच डिस्पेंसर, हाथ ऐसे हो जाते हैं सैनेटाइज

जूलॉजी डिपार्टमेंट के कर्मचारियों और छात्रों ने एक ऐसा सैनिटाइजर डिस्पेंसर बनाया है. जो बिना टच किए हाथों को सैनिटाइज कर देता है. इस सैनिटाइजर की खासियत यह है कि बाजार में मिलने वाले सैनिटाइजर स्पेंसर की तुलना में इसकी लागत लगभग एक तिहाई है.

un Touch Dispenser
अन टच डिस्पेंसर
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Published : Jul 9, 2020, 6:28 PM IST

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय के जूलॉजी डिपार्टमेंट के कर्मचारियों और छात्रों ने एक ऐसा सैनिटाइजर डिस्पेंसर बनाया है. जो बिना टच किए हाथों को सैनिटाइज कर देता है. जूलॉजी डिपार्टमेंट के कर्मचारी और शोधार्थियों ने संयुक्त रूप से इसे तैयार किया है खास बात यह कि डिस्पेंसर फिलहाल 1 लीटर के सैनिटाइजर की क्षमता का बनाया गया है, लेकिन जरूरत के हिसाब से इसे छोटा या बड़ा किया जा सकता है.

Zoology Department के छात्रों ने बनाया टचलैस डिस्पेंसर

जूलॉजी डिपार्टमेंट के शोधार्थी राजू कुशवाह ने बताया कि डिस्पेंसर खासकर ऑफिस अथवा संस्थानों के लिए लाभदायक है. जहां कई कर्मचारी काम करते हैं और अलग-अलग क्षेत्रों से आते हैं. अब विश्वविद्यालय प्रबंधन इस सैनिटाइजर के इस्तेमाल और बनाने की विधि को अवगत कराने और उन्हें प्रशिक्षण देने के लिए कार्यक्रम तैयार कर रहा है. खास बात यह है कि बाजार में मिलने वाले सैनिटाइजर डिस्पेंसर की तुलना में इसकी लागत लगभग एक तिहाई है. यानी सिर्फ 1200 रुपए में यह एक लीटर का ये डिस्पेंसर तैयार हुआ है.

Department of Zoology University of Jeeva
जूलॉजी डिपार्टमेंट जीवाजी विश्वविद्यालय

गौरतलब है कि इससे पहले भी जीवाजी विश्वविद्यालय के छात्रों ने बिना हाथ लगाए और पैर से संचालित डिस्पेंसर बनाया था. लेकिन उसमें पैर को उपकरण से टच करना पड़ता था. इसमें उपकरण के सामने शरीर का कोई हिस्सा रखने पर उसमें लगा सेंसर रीड कर लेता है और जब तक हम हाथ नहीं हटा लेते तब तक सैनिटाइजर बॉक्स में से निकलता रहता है. सैनिटाइजर डिस्पेंसर को बनाने और इसका प्रशिक्षण देने के लिए विश्वविद्यालय जल्द ही एक कार्यशाला का आयोजन करेगा.

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय के जूलॉजी डिपार्टमेंट के कर्मचारियों और छात्रों ने एक ऐसा सैनिटाइजर डिस्पेंसर बनाया है. जो बिना टच किए हाथों को सैनिटाइज कर देता है. जूलॉजी डिपार्टमेंट के कर्मचारी और शोधार्थियों ने संयुक्त रूप से इसे तैयार किया है खास बात यह कि डिस्पेंसर फिलहाल 1 लीटर के सैनिटाइजर की क्षमता का बनाया गया है, लेकिन जरूरत के हिसाब से इसे छोटा या बड़ा किया जा सकता है.

Zoology Department के छात्रों ने बनाया टचलैस डिस्पेंसर

जूलॉजी डिपार्टमेंट के शोधार्थी राजू कुशवाह ने बताया कि डिस्पेंसर खासकर ऑफिस अथवा संस्थानों के लिए लाभदायक है. जहां कई कर्मचारी काम करते हैं और अलग-अलग क्षेत्रों से आते हैं. अब विश्वविद्यालय प्रबंधन इस सैनिटाइजर के इस्तेमाल और बनाने की विधि को अवगत कराने और उन्हें प्रशिक्षण देने के लिए कार्यक्रम तैयार कर रहा है. खास बात यह है कि बाजार में मिलने वाले सैनिटाइजर डिस्पेंसर की तुलना में इसकी लागत लगभग एक तिहाई है. यानी सिर्फ 1200 रुपए में यह एक लीटर का ये डिस्पेंसर तैयार हुआ है.

Department of Zoology University of Jeeva
जूलॉजी डिपार्टमेंट जीवाजी विश्वविद्यालय

गौरतलब है कि इससे पहले भी जीवाजी विश्वविद्यालय के छात्रों ने बिना हाथ लगाए और पैर से संचालित डिस्पेंसर बनाया था. लेकिन उसमें पैर को उपकरण से टच करना पड़ता था. इसमें उपकरण के सामने शरीर का कोई हिस्सा रखने पर उसमें लगा सेंसर रीड कर लेता है और जब तक हम हाथ नहीं हटा लेते तब तक सैनिटाइजर बॉक्स में से निकलता रहता है. सैनिटाइजर डिस्पेंसर को बनाने और इसका प्रशिक्षण देने के लिए विश्वविद्यालय जल्द ही एक कार्यशाला का आयोजन करेगा.

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