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चेन पुलिंग की घटनाएं रेल विभाग के लिए बनी मुसीबत, ट्रेनों की रफ्तार में आ रही कमी - Chain Pulling at Gwalior Railway Station

ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर चेन खींचकर ट्रेन को रोकने के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. लगातार चेन पुलिंग के चलते ट्रेन के शेड्यूल पर असर पड़ रहा है.

speed of train is decreasing due to chain pulling incidents in gwalior railway station
ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर चेन पुलिंग
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Published : Jan 7, 2020, 5:57 PM IST

ग्वालियर। रेलवे स्टेशन ग्वालियर में चेन पुलिंग की घटनाएं रेलवे विभाग के लिए एक बड़ी मुसीबत बनती जा रही है. चेन पुल कर ट्रेन को रोकने की घटनाओं से ग्वालियर से गुजरने वाली ट्रेनों की रफ्तार पर बुरा असर देखने को मिल रहा है. आरपीएफ के आकड़े के अनुसार 2019 के 365 दिनों में ग्वालियर स्टेशन पर 1474 बार चेन पुलिंग करने की शिकायत मिली है. चेन पुलिंग रोकने के लिए आरपीएफ अभियान चला रहा है लेकिन इस अभियान का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा.

ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर चेन पुलिंग

पिछले पांच सालों की बात करें तो यह चेन पुलिंग की घटनाएं लगातार हर साल बढ़ती जा रही है. जिससे यहां से गुजरने वाली ट्रेनों की रफ्तार भी कम हो रही है. दिसंबर के महीने में 113 बार ट्रेनों को रोकने के लिए चैन खींची गई. एक बार चेन पुलिंग होने से पूरा सिस्टम बिगड़ जाता है और ट्रेन 5 से 10 मिनट तक खड़ी हो जाती है इसके पीछे आने वाली ट्रेनों पर भी बुरा असर पड़ता है.

झांसी मंडल में सबसे ज्यादा चेन पुलिंग ग्वालियर स्टेशन पर देखने में आ रही है. यात्रियों का कहना है कि ट्रैन में चैन पोलिंग होने से उन्हे भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि अगर ट्रेन का एक बार शेड्यूल बिगड़ गया तो वह लेट होती जाती है. वहीं रेलवे पीआरओ मनोज कुमार का कहना है की रेल प्रशासन चेन पुलिंग की घटनाओं को रोकने के लिए गंभीर है और इसको रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा हैं.

ग्वालियर। रेलवे स्टेशन ग्वालियर में चेन पुलिंग की घटनाएं रेलवे विभाग के लिए एक बड़ी मुसीबत बनती जा रही है. चेन पुल कर ट्रेन को रोकने की घटनाओं से ग्वालियर से गुजरने वाली ट्रेनों की रफ्तार पर बुरा असर देखने को मिल रहा है. आरपीएफ के आकड़े के अनुसार 2019 के 365 दिनों में ग्वालियर स्टेशन पर 1474 बार चेन पुलिंग करने की शिकायत मिली है. चेन पुलिंग रोकने के लिए आरपीएफ अभियान चला रहा है लेकिन इस अभियान का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा.

ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर चेन पुलिंग

पिछले पांच सालों की बात करें तो यह चेन पुलिंग की घटनाएं लगातार हर साल बढ़ती जा रही है. जिससे यहां से गुजरने वाली ट्रेनों की रफ्तार भी कम हो रही है. दिसंबर के महीने में 113 बार ट्रेनों को रोकने के लिए चैन खींची गई. एक बार चेन पुलिंग होने से पूरा सिस्टम बिगड़ जाता है और ट्रेन 5 से 10 मिनट तक खड़ी हो जाती है इसके पीछे आने वाली ट्रेनों पर भी बुरा असर पड़ता है.

झांसी मंडल में सबसे ज्यादा चेन पुलिंग ग्वालियर स्टेशन पर देखने में आ रही है. यात्रियों का कहना है कि ट्रैन में चैन पोलिंग होने से उन्हे भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि अगर ट्रेन का एक बार शेड्यूल बिगड़ गया तो वह लेट होती जाती है. वहीं रेलवे पीआरओ मनोज कुमार का कहना है की रेल प्रशासन चेन पुलिंग की घटनाओं को रोकने के लिए गंभीर है और इसको रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा हैं.

Intro:ग्वालियर- ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर चेन पुलिंग की घटनाएं रेलवे विभाग के लिए एक बड़ी मुसीबत बनती जा रही है। चेन पुलिंग की घटनाओं से ग्वालियर से गुजरने वाली ट्रेनों की रफ्तार पर बुरा असर देखने को मिल रहा है। अगर आरपीएफ पुलिस के आकड़ो की मानें तो सन 2019 के 365 दिनों में ग्वालियर स्टेशन पर 1474 बार चेन पुलिंग करने की शिकायत मिली है। चेन पुलिंग रोकने के लिए आरपीएफ अभियान चला रहा है लेकिन इस अभियान का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा। पिछले 5 सालों की बात करें तो यह चेन पुलिंग की घटनाएं लगातार हर साल बढ़ती जा रही है। जिससे यहां से गुजरने वाली ट्रेनों की रफ्तार भी कम हो रही है।


Body:अगर दिसंबर महीने की बात करें तो इस महीने में लगभग 113 बार ट्रेनों को रोकने के लिए चैन पुलिंग खींची गई। एक बार चेन पुलिंग होने से पूरा सिस्टम बिगड़ जाता है और ट्रेन 5 से 10 मिनट तक खड़ी हो जाती है इसके पीछे आने वाली ट्रेनों पर भी बुरा असर पड़ता है। झांसी मंडल में सबसे ज्यादा चेन पुलिंग ग्वालियर स्टेशन पर देखने में आ रही है यात्रियों का कहना है कि ट्रैन में चैन पोलिंग की घटनाओं से हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि अगर ट्रेन का एक वार शेड्यूल बिगड़ गया तो वह लेट होती जाती है। चैन पोलिंग की घटनाओं से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस बारे में जब आरपीएफ पुलिस से बात की तो उन्होंने बात करने से मना कर दिया और कहा के हमारे वरिष्ठ अधिकारियों ने मीडिया से बात करने के लिए मना कर दिया है।


Conclusion:बाईट - सुमित , यात्री P2C - अनिल गौर
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