ग्वालियर। रक्षाबंधन के पर्व पर ग्वालियर के केंद्रीय कारागार में इस बार भी बहने जेल में बंद अपने भाइयों को तिलक नहीं लगा सकेंगी. जेल प्रशासन ने आदेश जारी करके अपनी मंशा साफ कर दी है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए लगातार दूसरे साल भी बहनें जेल में बंद अपने भाइयों से फिजिकली मुलाकात नहीं कर सकेंगी. न ही वो उन्हें तिलक कर उनकी कलाईयों में राखी बांध सकेंगी. वह सिर्फ नए सिस्टम में कांच के पीछे खड़े अपने भाइयों से टेलीफोन के जरिए ही बातचीत कर सकेंगी.
3 हजार से ज्यादा कैदी जेल में बंद
ग्वालियर के केंद्रीय कारागार में करीब 3 हजार बंदी कैद है. इनसे मिलने के लिए पूर्व में हजारों की संख्या में लोग आती थी. लेकिन पिछले 2 साल से इस भौतिक रूप से मिलने पर पूरी तरह से रोक लग चुकी है. इसलिए बहनों को इस बार भी निराशा ही हाथ लगेगी. जेल में मोबाइल, नशे की सामग्री और दूसरी चीजें कैदियों को पूर्व में उपलब्ध होती रही है. जिसके चलते जेल प्रबंधन पर कई बार सवाल उठते रहे. इसके मद्देनजर जेल प्रबंधन ने भौतिक रूप से मिलने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है.
बहनें सिर्फ फोन पर कर सकेंगी बात
जेल प्रशासन ने रक्षाबंधन के दिन पुरुष कैदियों से मिलने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. सिर्फ बहनें ही जेल आ सकेंगी, वह भी सीमित अवधि के लिए अपने भाइयों से टेलीफोन पर बातचीत कर उन्हें देख सकेंगी. ग्वालियर जेल में हाल ही में कुछ युवकों ने अपने साथी से मिलने की वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था. इसके बाद अब जेल प्रशासन अब सख्ती बरत रहा है.
साल 2019 तक जेल में बहन जेल में बंद भाइयों से मिलती रही है. उन्हें घर का बना खाना भी खिलाती रही है, लेकिन अब यह परंपरा पूरी तरह से जेल प्रशासन ने रोक दी है.