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बैंकिंग सेक्टर में भी दिखा कोरोना का असर, SBI के राजस्व में 50 फीसदी की गिरावट - SBI Bank Revenue down

लॉकडाउन का असर हर वर्ग पर पड़ा है, स्टेट बैंक की ग्वालियर शाखा के राजस्व में 50 फीसदी की कमी आई है क्योंकि लॉकडाउन के दौरान नए खाते नहीं खुल पाए और लोन की किस्तें भी लगातार नहीं आ पाई है.

SBI Bank Revenue down 50 percent during corona
एसबीआई के राजस्व में आई कमी
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Published : Jul 26, 2020, 10:36 AM IST

ग्वालियर। लॉकडाउन के दौरान सरकार ने सभी संस्थानों को बंद करने के निर्देश दिए थे, लेकिन बैंक और बैंक कर्मचारी कोरोना काल में अपने उपभोक्ताओं के लिए बिना डरे तत्पर सेवा के लिए खड़े रहे, ऐसे में उन्हें कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा. लॉकडाउन के दौरान बैंकिंग सिस्टम को सुचारू रूप से चलाना बड़ी चुनौती रही. लोगों को सोशल डिस्टेंसिग के पालन करवाने से लेकर मास्क लगवाने तक की जिम्मेदारी बैंक कर्मचारियों ने बखूबी निभाई. हालांकि इस दौरान बैंक के राजस्व पर जरूर फर्क पड़ा.

एसबीआई के राजस्व में आई कमी

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्वालियर रीजन के डिप्टी जनरल मैनेजर अभय सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान बैंक के आगे सबसे बड़ी चुनौती थी कि किसी भी तरह हमारे उपभोक्ताओं को पैसे निकालने में कोई दिक्कत न आये, इसके लिए एटीएम में टाइम टू टाइम पैसे का प्रबंध किया जाता रहा. संक्रमण के दौरान बैंक कर्मियों के लिए बैंक का राजस्व बरकरार रखने की चुनौती है और कस्टमर को कोरोना से बचने के लिए प्रोटोकॉल का पालन करवाना है.

बैंक के अंदर सैनिटाइज कराना फिर भी आसन है, लेकिन बैंक के बाहर उपभोक्ता कई बार मास्क नहीं लगाते और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते हैं. इस वजह से बैंक कर्मी भी थोड़े डरे और सहमे हुए हैं. बावजूद इन सबके बैंककर्मी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं, कस्टमर्स से फोन पर बात कर ऑनलाइन ट्रांजेशन से लेकर बैंक खाते तक की समस्याओं को सुलझाया गया.

बैंक के राजस्व में 50 प्रतिशत की आई कमी

महिला नागरिक सहकारी बैंक की चेयरमैन अलका बताती हैं कि इस दौरान बैंक के राजस्व में 50 फीसदी की कमी आई है क्योंकि लॉकडाउन के दौरान नए खाते नहीं खुल पाए और लोन की किस्ते भी लगातार नहीं आ पाई हैं. कोई भी ग्राहक इस समय खाता नहीं खुलवा रहा है, इसकी सबसे बड़ी यही है कि उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. उसके काम-धंधे चौपट हो चुके हैं. बैंकों में ग्राहकों की कमी भी इस दौरान देखने को मिली है.

वहीं बैंकों में जो पैसों का आदान-प्रदान होता है, उसमें भी काफी गिरावट देखने को मिली है क्योंकि अधिकतर लोगों ने इस संक्रमण के दौरान ऑनलाइन ट्रांजेक्शन किया है. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बैंक पूरे एहतियात बरत रहा है, बैंक के गेट पर ही ग्राहक को पूरी सुविधाएं दी जा रही है. साथ ही जो पैसा बैंक आ रहा है, उसकों भी सौनिटाइज किया जा रहा है.

ग्वालियर। लॉकडाउन के दौरान सरकार ने सभी संस्थानों को बंद करने के निर्देश दिए थे, लेकिन बैंक और बैंक कर्मचारी कोरोना काल में अपने उपभोक्ताओं के लिए बिना डरे तत्पर सेवा के लिए खड़े रहे, ऐसे में उन्हें कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा. लॉकडाउन के दौरान बैंकिंग सिस्टम को सुचारू रूप से चलाना बड़ी चुनौती रही. लोगों को सोशल डिस्टेंसिग के पालन करवाने से लेकर मास्क लगवाने तक की जिम्मेदारी बैंक कर्मचारियों ने बखूबी निभाई. हालांकि इस दौरान बैंक के राजस्व पर जरूर फर्क पड़ा.

एसबीआई के राजस्व में आई कमी

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्वालियर रीजन के डिप्टी जनरल मैनेजर अभय सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान बैंक के आगे सबसे बड़ी चुनौती थी कि किसी भी तरह हमारे उपभोक्ताओं को पैसे निकालने में कोई दिक्कत न आये, इसके लिए एटीएम में टाइम टू टाइम पैसे का प्रबंध किया जाता रहा. संक्रमण के दौरान बैंक कर्मियों के लिए बैंक का राजस्व बरकरार रखने की चुनौती है और कस्टमर को कोरोना से बचने के लिए प्रोटोकॉल का पालन करवाना है.

बैंक के अंदर सैनिटाइज कराना फिर भी आसन है, लेकिन बैंक के बाहर उपभोक्ता कई बार मास्क नहीं लगाते और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते हैं. इस वजह से बैंक कर्मी भी थोड़े डरे और सहमे हुए हैं. बावजूद इन सबके बैंककर्मी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं, कस्टमर्स से फोन पर बात कर ऑनलाइन ट्रांजेशन से लेकर बैंक खाते तक की समस्याओं को सुलझाया गया.

बैंक के राजस्व में 50 प्रतिशत की आई कमी

महिला नागरिक सहकारी बैंक की चेयरमैन अलका बताती हैं कि इस दौरान बैंक के राजस्व में 50 फीसदी की कमी आई है क्योंकि लॉकडाउन के दौरान नए खाते नहीं खुल पाए और लोन की किस्ते भी लगातार नहीं आ पाई हैं. कोई भी ग्राहक इस समय खाता नहीं खुलवा रहा है, इसकी सबसे बड़ी यही है कि उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. उसके काम-धंधे चौपट हो चुके हैं. बैंकों में ग्राहकों की कमी भी इस दौरान देखने को मिली है.

वहीं बैंकों में जो पैसों का आदान-प्रदान होता है, उसमें भी काफी गिरावट देखने को मिली है क्योंकि अधिकतर लोगों ने इस संक्रमण के दौरान ऑनलाइन ट्रांजेक्शन किया है. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बैंक पूरे एहतियात बरत रहा है, बैंक के गेट पर ही ग्राहक को पूरी सुविधाएं दी जा रही है. साथ ही जो पैसा बैंक आ रहा है, उसकों भी सौनिटाइज किया जा रहा है.

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