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डेंटिस्ट करती थी कोरोना का इलाज, तीन कोविड सेंटर के पंजीयन निरस्त

ग्वालियर में जिला प्रशासन की टीम ने शहर के तीन निजी कोविड-19 केयर सेंटर के खिलाफ कार्रवाई की. और उनके पंजीयन भी निरस्त कर दिए. इन कोविड सेंटर्स के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रहीं थीं. वहीं कोरोना मरीजों को डेंटिस्ट तक रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रिसक्राइब्ड कर देती थी.

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Published : May 9, 2021, 10:38 PM IST

registration of three private nursing homes canceled in gwalior
तीन कोविड सेंटर के पंजीयन निरस्त

ग्वालियर। जिले से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. यहां एक महिला डेंटिस्ट ने कोविड मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रिसक्राइब्ड कर दिया. बताया जा रहा है कि महिला डेंटिस्ट मां शीतला नर्सिंग होम में पदस्थ है. वह इन दिनों कोविड मरीजों का इलाज कर रही थी. वहीं घटना सामने आने के बाद आरोपी महिला डेंटिस्ट के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इधर लगातार शिकायतों के बाद जिला प्रशासन की टीम ने शहर के तीन निजी कोविड-19 केयर सेंटर के खिलाफ कार्रवाई की, और उनके पंजीयन निरस्त कर दिए.

डेंटिस्ट करती थी कोरोना का इलाज

इन तीनों निजी कोविड सेंटर्स पर मरीजों से ओवर चार्जिंग के आरोप हैं. बताया जा रहा है कि कोविड सेंटर संचालक मरीज के परिजनों से ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन भी मंगवाया करते थे. जबकि उनके पास खुद भी इसकी पर्याप्त व्यवस्था होती थी. वहीं इस दौरान एक महिला डेंटिस्ट डॉ.एस शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. जो डेंटिस्ट होकर कोविड मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रिसक्राइब्ड करती थी. जबकि उनके पास इसका अधिकार ही नहीं था. यह महिला डेंटिस्ट मां शीतला नर्सिंग होम में पदस्थ थी. और खुद बीडीएस स्नातक तक ही पढ़ाई की है. जिन अस्पतालों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने पंजीयन निरस्त की कार्रवाई की है. उनमें मैक्स केयर, श्रद्धा नर्सिंग होम और लोटस नर्सिंग होम शामिल हैं.

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निजी कोविड सेंटर्स पर गंभीर आरोप

लोटस अस्पताल के कोविड-19 केयर सेंटर में मरीजों की ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने पर जमकर बवाल मचा. मरीजों के परिजन ने अस्पताल में जमकर उत्पात मचाया और चक्काजाम तक कर दिया. लगातार निजी नर्सिंग होम द्वारा मरीजों और उनके अटेंडरों के साथ की जा रही बदसलूकी के चलते जिला प्रशासन ने इन नर्सिंग होम के खिलाफ जांच शुरू की थी. जिनमें इन तीन अस्पतालों को कोविड-19 गाइडलाइन का उल्लंघन का दोषी पाया गया. स्वास्थ्य विभाग अब निजी पैथोलॉजी लैब के खिलाफ भी नोटिस की कार्रवाई कर रहा है. जहां मरीजों के साथ गाइडलाइन के उल्लंघन की शिकायतें मिल रहीं थीं.

ग्वालियर। जिले से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. यहां एक महिला डेंटिस्ट ने कोविड मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रिसक्राइब्ड कर दिया. बताया जा रहा है कि महिला डेंटिस्ट मां शीतला नर्सिंग होम में पदस्थ है. वह इन दिनों कोविड मरीजों का इलाज कर रही थी. वहीं घटना सामने आने के बाद आरोपी महिला डेंटिस्ट के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इधर लगातार शिकायतों के बाद जिला प्रशासन की टीम ने शहर के तीन निजी कोविड-19 केयर सेंटर के खिलाफ कार्रवाई की, और उनके पंजीयन निरस्त कर दिए.

डेंटिस्ट करती थी कोरोना का इलाज

इन तीनों निजी कोविड सेंटर्स पर मरीजों से ओवर चार्जिंग के आरोप हैं. बताया जा रहा है कि कोविड सेंटर संचालक मरीज के परिजनों से ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन भी मंगवाया करते थे. जबकि उनके पास खुद भी इसकी पर्याप्त व्यवस्था होती थी. वहीं इस दौरान एक महिला डेंटिस्ट डॉ.एस शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. जो डेंटिस्ट होकर कोविड मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रिसक्राइब्ड करती थी. जबकि उनके पास इसका अधिकार ही नहीं था. यह महिला डेंटिस्ट मां शीतला नर्सिंग होम में पदस्थ थी. और खुद बीडीएस स्नातक तक ही पढ़ाई की है. जिन अस्पतालों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने पंजीयन निरस्त की कार्रवाई की है. उनमें मैक्स केयर, श्रद्धा नर्सिंग होम और लोटस नर्सिंग होम शामिल हैं.

लापरवाही के बाद प्रशासन की कार्रवाई, डेंटिस्ट करती थी कोरोना का इलाज

कोरोना इलाज के नाम पर प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी, थमा रहे लाखों का बिल

निजी कोविड सेंटर्स पर गंभीर आरोप

लोटस अस्पताल के कोविड-19 केयर सेंटर में मरीजों की ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने पर जमकर बवाल मचा. मरीजों के परिजन ने अस्पताल में जमकर उत्पात मचाया और चक्काजाम तक कर दिया. लगातार निजी नर्सिंग होम द्वारा मरीजों और उनके अटेंडरों के साथ की जा रही बदसलूकी के चलते जिला प्रशासन ने इन नर्सिंग होम के खिलाफ जांच शुरू की थी. जिनमें इन तीन अस्पतालों को कोविड-19 गाइडलाइन का उल्लंघन का दोषी पाया गया. स्वास्थ्य विभाग अब निजी पैथोलॉजी लैब के खिलाफ भी नोटिस की कार्रवाई कर रहा है. जहां मरीजों के साथ गाइडलाइन के उल्लंघन की शिकायतें मिल रहीं थीं.

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