ETV Bharat / state

ऑनलाइन शिक्षा से खतरे में गोपनीयता, फीमेल टीचर और छात्राओं को सता रहा इस बात का डर!

इस कोरोना संक्रमण काल में पूरे देश भर की शिक्षा पद्धति में बदलाव देखने को मिले है. इस समय स्कूल और कॉलेजों में बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है. ऑनलाइन शिक्षा में स्कूल और कॉलेज प्रबंधन की तरफ से व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं. जिससे महिला शिक्षकों के पर्सनल मोबाइल नंबर सार्वजनिक होने लगे, ऐसे में उनकी निजता और गोपनीयता के साथ खिलवाड़ हो रहा है. पढ़िए पूरी खबर...

Privacy threatened by online education
ऑनलाइन शिक्षा से खतरे में गोपनीयता
author img

By

Published : Aug 31, 2020, 12:48 PM IST

ग्वालियर। कोरोना काल में स्कूल, कोचिंग, कॉलेज से लेकर विश्वविद्यालयों में भी ऑनलाइन क्लासेस चल रही हैं. ऑनलाइन शिक्षा में स्कूल और कॉलेज प्रबंधन की तरफ से व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं. ऐसे में छात्रा और महिला शिक्षकों के पर्सनल मोबाइल नंबर सार्वजनिक होने लगे हैं. ऑनलाइन क्लासेस से महिला कॉलेज और विश्वविद्यालय के शिक्षकों की गोपनीयता और निजता के साथ खिलवाड़ हो रहा है, क्योंकि व्हाट्सएप के लिए छात्रओं और शिक्षकों के व्यक्तिगत मोबाइल नंबर दिए जाते हैं. ऐसे में मोबाइल नंबर के दुरुपयोग की गुंजाइश बन जाती है. इस बात को खुद महिला शिक्षक और छात्राएं स्वीकार रही हैं.

ऑनलाइन शिक्षा से खतरे में गोपनीयता

ऑनलाइन शिक्षा के पैटर्न में बदलाव की मागं

नंबर सार्वजनिक होने से महिला शिक्षकों के पास सुबह से लेकर रात तक लगातार फोन कॉल्स आने लगे हैं, ऐसे में उनकी परेशानी बढ़ गई है. लिहाजा निजता और गोपनियता को खतरे से बाहर लाने के लिए महिला शिक्षकों और छात्राए ऑनलाइन शिक्षा के पैटर्न में बदलाव चाहती हैं. ये हाल सिर्फ ग्वालियर ही नहीं कमोबेश मध्यप्रदेश के सभी जिलों के यही हाल हैं.

गोपनीयता के भंग होने का डर

इंदौर में भी स्कूल और कॉलेज प्रबंधन ने अलग-अलग कक्षाओं के व्हाट्सएप ग्रुप बना दिए गए हैं और इन व्हाट्सएप ग्रुप में स्कूल के सभी छात्र छात्राओं के साथ साथ महिला और पुरुष टीचरों को भी जोड़ा गया है. ऐसे में इंदौर में भी फीमेल टीचर और स्टूडेंट को उनकी गोपनीयता के भंग होने का डर सता रहा है, क्योंकि नंबर धीरे-धीरे सार्वजनिक होने लगे हैं, जिससे अनजान व्यक्तियों के मैसेज और फोन कॉल आने का डर है. इससे जाहिर होता है कि उनके पर्सनल मोबाइल नंबर की गोपनीयता पूरी तरह से भंग हो रही है. इसको लेकर न तो स्कूल प्रबंधक और न ही जिला प्रशासन ने कोई नियम बनाए हैं.

ग्वालियर पुलिस ने माना ये गंभीर मामला

कोरोना काल में लाई गई ऑनलाइन शिक्षा पद्धति से महिला शिक्षकों और स्टूडेंट के मोबाइल नंबर सार्वजनिक हो गए हैं. हालांकि ग्वालियर इंदौर और भोपाल में नंबरों के दुरुपयोग का मामला अब तक तो सामने नहीं आया है, लेकिन भविष्य में ऐसा नहीं होगा इस बात की गारंटी नहीं है. ग्वालियर पुलिस का मानना है कि ये गंभीर मुद्दा है. इस मामले में आला अधिकारियों से बात की जाएगी और जरूरी बदलाव किए जाएंगे.

अब तक नहीं उठाए गए ठोस कदम

कोरोना काल में भले ही सरकार ऑनलाइन शिक्षा पर जोर दे रही है, लेकिन जरूरी ये है कि महिलाओं की निजता और गोपनीयता का ध्यान भी रखा जाए, लेकिन इस दिशा में अब तक किसी भी तरह के ठोस कदम नहीं उठाए गए, यही वजह है कि महिला शिक्षक और छात्राएं निजता और गोपनीयता को लेकर चिंतित हैं.

ग्वालियर। कोरोना काल में स्कूल, कोचिंग, कॉलेज से लेकर विश्वविद्यालयों में भी ऑनलाइन क्लासेस चल रही हैं. ऑनलाइन शिक्षा में स्कूल और कॉलेज प्रबंधन की तरफ से व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं. ऐसे में छात्रा और महिला शिक्षकों के पर्सनल मोबाइल नंबर सार्वजनिक होने लगे हैं. ऑनलाइन क्लासेस से महिला कॉलेज और विश्वविद्यालय के शिक्षकों की गोपनीयता और निजता के साथ खिलवाड़ हो रहा है, क्योंकि व्हाट्सएप के लिए छात्रओं और शिक्षकों के व्यक्तिगत मोबाइल नंबर दिए जाते हैं. ऐसे में मोबाइल नंबर के दुरुपयोग की गुंजाइश बन जाती है. इस बात को खुद महिला शिक्षक और छात्राएं स्वीकार रही हैं.

ऑनलाइन शिक्षा से खतरे में गोपनीयता

ऑनलाइन शिक्षा के पैटर्न में बदलाव की मागं

नंबर सार्वजनिक होने से महिला शिक्षकों के पास सुबह से लेकर रात तक लगातार फोन कॉल्स आने लगे हैं, ऐसे में उनकी परेशानी बढ़ गई है. लिहाजा निजता और गोपनियता को खतरे से बाहर लाने के लिए महिला शिक्षकों और छात्राए ऑनलाइन शिक्षा के पैटर्न में बदलाव चाहती हैं. ये हाल सिर्फ ग्वालियर ही नहीं कमोबेश मध्यप्रदेश के सभी जिलों के यही हाल हैं.

गोपनीयता के भंग होने का डर

इंदौर में भी स्कूल और कॉलेज प्रबंधन ने अलग-अलग कक्षाओं के व्हाट्सएप ग्रुप बना दिए गए हैं और इन व्हाट्सएप ग्रुप में स्कूल के सभी छात्र छात्राओं के साथ साथ महिला और पुरुष टीचरों को भी जोड़ा गया है. ऐसे में इंदौर में भी फीमेल टीचर और स्टूडेंट को उनकी गोपनीयता के भंग होने का डर सता रहा है, क्योंकि नंबर धीरे-धीरे सार्वजनिक होने लगे हैं, जिससे अनजान व्यक्तियों के मैसेज और फोन कॉल आने का डर है. इससे जाहिर होता है कि उनके पर्सनल मोबाइल नंबर की गोपनीयता पूरी तरह से भंग हो रही है. इसको लेकर न तो स्कूल प्रबंधक और न ही जिला प्रशासन ने कोई नियम बनाए हैं.

ग्वालियर पुलिस ने माना ये गंभीर मामला

कोरोना काल में लाई गई ऑनलाइन शिक्षा पद्धति से महिला शिक्षकों और स्टूडेंट के मोबाइल नंबर सार्वजनिक हो गए हैं. हालांकि ग्वालियर इंदौर और भोपाल में नंबरों के दुरुपयोग का मामला अब तक तो सामने नहीं आया है, लेकिन भविष्य में ऐसा नहीं होगा इस बात की गारंटी नहीं है. ग्वालियर पुलिस का मानना है कि ये गंभीर मुद्दा है. इस मामले में आला अधिकारियों से बात की जाएगी और जरूरी बदलाव किए जाएंगे.

अब तक नहीं उठाए गए ठोस कदम

कोरोना काल में भले ही सरकार ऑनलाइन शिक्षा पर जोर दे रही है, लेकिन जरूरी ये है कि महिलाओं की निजता और गोपनीयता का ध्यान भी रखा जाए, लेकिन इस दिशा में अब तक किसी भी तरह के ठोस कदम नहीं उठाए गए, यही वजह है कि महिला शिक्षक और छात्राएं निजता और गोपनीयता को लेकर चिंतित हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.