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Gwalior News नगर निगम सभापति चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस पार्षदों पर कार्रवाई की तैयारी - ग्वालियर में नगर निगम में क्रॉस वोटिंग

ग्वालियर में नगर निगम के सभापति के चुनाव में कांग्रेस की तरफ से हुई क्रॉस वोटिंग को लेकर सियासत गरमाई हुई है. सभापति के चुनाव में कांग्रेस के ही पार्षदों द्वारा हराने के बाद अब इसकी जांच के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दो सदस्यीय दल का गठन कर दिया है. यह जांच दलित सभापति के चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग को लेकर पड़ताल करेगा. Cross voting in municipal election, Congress is serious, Preparations action on councilors

Preparations action on councilors
क्रॉस वोटिंग करने वाले पार्षदों पर कार्रवाई
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Published : Aug 12, 2022, 6:02 PM IST

ग्वालियर। नगर निगम चुनाव में पार्टी से गद्दारी करने वाले कांग्रेस पार्षदों के खिलफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. क्रॉस वोटिंग में जिन पार्षदों के नाम सामने आएंगे, उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाएगा. बताया जा रहा है कि सभापति के चुनाव में तीन पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की है. ये तीनों पार्षद बड़े राजनीतिक घरानों से ताल्लुक रखते हैं.

क्रॉस वोटिंग करने वाले पार्षदों पर कार्रवाई

कांग्रेस का जांच दल : सभापति के चुनाव में क्रॉस वोटिंग को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गंभीर विषय माना है. यही कारण है कि जिला कांग्रेस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर कमलनाथ को भेज दी थी. इसके बारे में तत्काल कमलनाथ ने दो सदस्यीय जांच दल का गठन किया. ये दल आज ग्वालियर पहुंचा है. जांच दल में पूर्व मंत्री मुकेश नायक और प्रदेश संगठन की नेता महेंद्र सिंह शामिल हैं. गौरतलब है कि ग्वालियर में कांग्रेस सभापति के चुनाव को सिर्फ एक वोट से हारी थी.

बीजेपी ने कांग्रेस को कैसे दी मात : कांग्रेस के पास 25 पार्षद खुद के थे और निर्दलीयों को मिलाकर कुल 32 पार्षद अपने खाते में कर लिए थे. वहीं भाजपा के पार्षद 34 से कांग्रेस ने कुछ भाजपा के पार्षदों को अपनी ओर वोटिंग के लिए तैयार कर लिया था. लेकिन ऐन वक्त पर कांग्रेस के ही पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग कर मामला बिगाड़ दिया और अंत में कांग्रेस एक वोट से सभापति का चुनाव हार गई. कांग्रेस को बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि सभापति का चुनाव हार जाएगी लेकिन सभापति बीजेपी का बन गया.

ग्वालियर। नगर निगम चुनाव में पार्टी से गद्दारी करने वाले कांग्रेस पार्षदों के खिलफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. क्रॉस वोटिंग में जिन पार्षदों के नाम सामने आएंगे, उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाएगा. बताया जा रहा है कि सभापति के चुनाव में तीन पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की है. ये तीनों पार्षद बड़े राजनीतिक घरानों से ताल्लुक रखते हैं.

क्रॉस वोटिंग करने वाले पार्षदों पर कार्रवाई

कांग्रेस का जांच दल : सभापति के चुनाव में क्रॉस वोटिंग को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गंभीर विषय माना है. यही कारण है कि जिला कांग्रेस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर कमलनाथ को भेज दी थी. इसके बारे में तत्काल कमलनाथ ने दो सदस्यीय जांच दल का गठन किया. ये दल आज ग्वालियर पहुंचा है. जांच दल में पूर्व मंत्री मुकेश नायक और प्रदेश संगठन की नेता महेंद्र सिंह शामिल हैं. गौरतलब है कि ग्वालियर में कांग्रेस सभापति के चुनाव को सिर्फ एक वोट से हारी थी.

बीजेपी ने कांग्रेस को कैसे दी मात : कांग्रेस के पास 25 पार्षद खुद के थे और निर्दलीयों को मिलाकर कुल 32 पार्षद अपने खाते में कर लिए थे. वहीं भाजपा के पार्षद 34 से कांग्रेस ने कुछ भाजपा के पार्षदों को अपनी ओर वोटिंग के लिए तैयार कर लिया था. लेकिन ऐन वक्त पर कांग्रेस के ही पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग कर मामला बिगाड़ दिया और अंत में कांग्रेस एक वोट से सभापति का चुनाव हार गई. कांग्रेस को बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि सभापति का चुनाव हार जाएगी लेकिन सभापति बीजेपी का बन गया.

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