ग्वालियर। झांसी के 3 सर्राफा व्यापारियों से ट्रेन हुई 60 लाख की लूट के मामले में पुलिस ने खुलासा किया है. दो पुलिसकर्मी, एक RPF जवान, व्यापारी का ड्राइवर और व्यापम कांड में निलंबित चल रहे एक पुलिसकर्मी ने मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था. इन आरोपियों ने राजस्थान क्राइन ब्रांच बनकर व्यापारियों से रुपयों से भरे बैग ले लिए थे और फिर फरार हो गए थे.
ट्रेन में व्यापारियों से हुई थी 60 लाख की लूट
दरअसल झांसी के व्यापारी राकेश अग्रवाल रुपए लेकर ज्वैलरी लेने दिल्ली जा रहे थे. उन्हीं के साथ सागर अग्रवाल और संजय गुप्ता भी थे. 17 जून को डबरा निकलने के बाद 4 लोग इनके पास आए. खुद को राजस्थान क्राइम ब्रांच के जवान और अफसर बताकर तीनों व्यापारियों की तलाशी लेने लगे. व्यापारियों के पास से रुपए मिलने पर चारों ने बैग जब्त करने का बहाना किया और फिर बैग लेकर जाने लगे. जब व्यापारियों ने पूछा की बैग कहां लेकर जा रहे तो चारों ने बताया कि आगे साहब बैठे हैं, अब पूरी जांच के बाद ही रुपए मिलेंगे.
सीसीटीवी फुटेज से हुआ खुलासा
व्यापारी जब आगे वाले डिब्बे में पहुंचे तो वहां कोई अधिकारी नहीं मिला. इसके बाद व्यापारियों ने जीआरपी को इसकी सूचना दी. इस मामले में क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की तो सीसीटीवी फुटेज के आधार पर निलंबित जवान सतेन्द्र को पहचान लिया गया. इसके बाद क्राइम ब्रांच ने कड़ी से कड़ी जोड़ना शुरू किया. पुलिस जांच में सामने आया कि व्यापम कांड में निलंबित सत्येन्द्र गुर्जर ने सायबर पुलिस के जवान अभिषेक तिवारी, विवेक पाठक और रेलवे पुलिस फोर्स के जवान योगेन्द्र के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था. वही इस गैंग को व्यापारियों के कैश लेकर निकलने की टिप एक व्यापारी के ड्राइवर ने दी थी.
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27 लाख मिले, फरार आरोपी की तलाश जारी
पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इनके पास से पुलिस ने 27 लाख रुपए बरामद कर लिए है. अन्य रुपयों को लेकर पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है. पुलिस ने बताया कि इस गैंग का एक सदस्य अभी फरार है. जिसकी तलाश की जा रही है.