ग्वालियर। दिनारपुर मुरार तहसील में 45 बीघा जमीन पर कलेक्टर कोर्ट ने एक निजी व्यक्ति का दावा खारिज कर दिया है. इस जमीन के 30 बीघा से ज्यादा क्षेत्र पर इस व्यक्ति का कब्जा है. जहां सालों से इस जमीन पर खेती-बाड़ी की जा रही है. इसके अलावा अवैध बसाहट भी है. दरअसल ग्वालियर कलेक्टर कोर्ट ने इस जमीन को दोबारा सरकारी घोषित कर इसका आधिपत्य लेने का दावा प्रशासन ने किया है, लेकिन अभी यहां बड़े स्तर पर अतिक्रमण हटाने की जरूरत है.
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने हाल ही में इस जमीन पर दावा खारिज किया है. जिसका बाजार मूल्य लगभग 100 करोड़ रूपए बताया गया है, साथ ही कलेक्टर ने अपने आदेश में अधिकारियों का नाम आदेश में लिखते हुए देखरेख की जिम्मेदारी भी अधिकारियों को सौंपी है. जिससे जमीन खुर्द बुर्द न हो जाए. अब एसडीएम मुरार की ओर से इस जमीन पर थ्रीडी मशीन चलवाकर कार्रवाई की जाएगी.
कलेक्टर कोर्ट की ओर से दिनारपुर की सर्वे क्रमांक-376 लगाकर 411 तक की कुल भूमि 45 बीघा 10 बिस्वा को शासकीय घोषित करने के आदेश पारित किए हैं. प्रकरण में आवेदक नौमी सिंह ने भूमि को अपना बताकर भू-अर्जन का मुआवजा न मिलने और भूमि पर खुद का ही कब्जा बताने का आवेदन वर्ष 2017 में लगाया था. 75 साल पहले 1945 में भूमि को उद्योग विभाग के लिए आरक्षित किया गया था. उद्योग विभाग द्वारा भूमि का कब्जा नहीं लिया गया और न ही कोई भू-अर्जन की राशि प्रदान की थी. आवेदक ने भू-अर्जन की राशि की मांग करने के साथ ही भूमि पर स्वयं का कब्जा बताकर जमीन वापस करने का आवेदन दिया था. वहीं इस जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी आवेदक का प्रकरण निरस्त कर दिया था.