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बिजली कटौती का मुद्दा सत्तारूढ़ दल को पड़ सकता है भारी, प्रतिदिन होती है करीब 6 घंटे की कटौती

ग्वालियर में घोषित और अघोषित बिजली कटौती का मुद्दा कहीं सत्तारूढ़ दल पर भारी नहीं पड़ जाए. क्योंकि रोजाना शहर के अलग-अलग इलाकों में 5 से 6 घंटे की बिजली कटौती हो रही है, जिसके चलते स्थानीय निवासियों में काफी आक्रोश है.

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बिजली समस्या
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Published : Oct 20, 2020, 8:44 PM IST

ग्वालियर। मध्यप्रदेश ग्वालियर शहर में घोषित और अघोषित बिजली कटौती का मुद्दा कहीं सत्तारूढ़ दल पर भारी न पड़ जाए. क्योंकि रोजाना शहर के अलग-अलग इलाकों में 5 से 6 घंटे की बिजली कटौती हो रही है, जिसके चलते स्थानीय निवासियों में काफी आक्रोश है.

दरअसल इस समय छात्रों की ऑनलाइन क्लासेस चल रही है, और अब भी गर्मी पड़ रही है. कई इलाकों में पानी की समस्या भी है. ऐसे में लोगों को पानी भरने के लिए बिजली की समस्या से जूझना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जब से अनलॉक शुरू हुआ है तब से बिजली के बिलों में भी बेतहाशा वृद्धि हो गई है. बिजली कटौती इस समय दीपावली के मेंटेनेंस के नाम पर काटी जा रही है, जबकि इससे पहले गर्मी में लोड बढ़ने के बहाने बिजली की कटौती हो रही थी.

इन सबके बीच लगातार बिजली की कटौती और बढ़े हुए बिजली के बिलों के चलते लोग परेशान हैं. जबकि उप चुनाव नजदीक है, ऐसे में सत्तारूढ़ दल को बिजली की समस्या कहीं रुला न दे. सीएम की बिजली बिलों को आधा माफ करने और बिलों को स्थगित करने की योजना का भी कुछ अता-पता नहीं है. बिजली घर के दफ्तरों में लोग अपने बिलों के पेमेंट के लिए चक्कर लगाते देखे जा सकते हैं.

ग्वालियर। मध्यप्रदेश ग्वालियर शहर में घोषित और अघोषित बिजली कटौती का मुद्दा कहीं सत्तारूढ़ दल पर भारी न पड़ जाए. क्योंकि रोजाना शहर के अलग-अलग इलाकों में 5 से 6 घंटे की बिजली कटौती हो रही है, जिसके चलते स्थानीय निवासियों में काफी आक्रोश है.

दरअसल इस समय छात्रों की ऑनलाइन क्लासेस चल रही है, और अब भी गर्मी पड़ रही है. कई इलाकों में पानी की समस्या भी है. ऐसे में लोगों को पानी भरने के लिए बिजली की समस्या से जूझना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जब से अनलॉक शुरू हुआ है तब से बिजली के बिलों में भी बेतहाशा वृद्धि हो गई है. बिजली कटौती इस समय दीपावली के मेंटेनेंस के नाम पर काटी जा रही है, जबकि इससे पहले गर्मी में लोड बढ़ने के बहाने बिजली की कटौती हो रही थी.

इन सबके बीच लगातार बिजली की कटौती और बढ़े हुए बिजली के बिलों के चलते लोग परेशान हैं. जबकि उप चुनाव नजदीक है, ऐसे में सत्तारूढ़ दल को बिजली की समस्या कहीं रुला न दे. सीएम की बिजली बिलों को आधा माफ करने और बिलों को स्थगित करने की योजना का भी कुछ अता-पता नहीं है. बिजली घर के दफ्तरों में लोग अपने बिलों के पेमेंट के लिए चक्कर लगाते देखे जा सकते हैं.

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