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नए बीजेपी जिलाध्यक्ष को लेकर पार्टी में विरोध, कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखा पत्र - BJP national president Jagat Prakash Nadda

ग्वालियर में प्रदेश संगठन मंत्री सुहास भगत के कमल माखीजानी को पार्टी जिला अध्यक्ष बनाने के विरोध में पार्टी के निवर्तमान अध्यक्ष सहित पूर्व अध्यक्ष और कई पदाधिकारियों ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को पत्र लिखकर इसके विरोध में कार्रवाई की मांग की है.

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Published : May 12, 2020, 8:13 AM IST

ग्वालियर। चाल चरित्र और चेहरे का दंभ भरने वाली बीजेपी अब अपने नए नवेले जिला अध्यक्ष के मनोनयन के बाद असली रूप में आती नजर आ रही है. पार्टी के निवर्तमान अध्यक्ष सहित पूर्व अध्यक्ष और कई पदाधिकारियों ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को पत्र लिखकर चेताया है कि वे प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, सह संगठन मंत्री अतुल राय के खिलाफ कार्रवाई करें और अपने फैसले पर पुनर्विचार करें अन्यथा पार्टी कार्यकर्ता अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होंगे.

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लिखा गया पत्र

दरअसल बीजेपी जिला महामंत्री कमल माखीजानी को पिछले दिनों ही ग्वालियर में पार्टी की कमान सौंपी गई है लेकिन माखीजानी का नेतृत्व पार्टी के ही कई लोगों को पच नहीं रहा है. उन्हें ग्वालियर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर का नजदीकी बताया जाता है, जबकि विरोधी खेमा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर से नजदीक से जुड़ा है.

पार्टी के निवर्तमान अध्यक्ष देवेश शर्मा साडा के पूर्व अध्यक्ष जयसिंह कुशवाह वेद प्रकाश शिवहरे और रामेश्वर भदौरिया सहित दो दर्जन से ज्यादा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा को लिखे पत्र में कहा है कि प्रदेश संगठन मंत्री सुहास भगत ने अपने रिश्तेदार ग्वालियर सांसद शेजवलकर के कहने पर कमल माखीजानी को जिला अध्यक्ष बनवाया है जिससे पार्टी के लोग नाराज हैं.

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हस्ताक्षर की प्रति

उन्होंने कमल माखीजानी पर पार्टी की छवि धूमिल करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि पूर्व में भी विवादों में रह चुके हैं. दो दर्जन से ज्यादा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर से युक्त एक मांग पत्र राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजा गया है. जिसमें प्रदेश संगठन मंत्री सुहास भगत पर विधानसभा चुनाव में हुई हार का ठीकरा भी फोड़ा गया है और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की गई है.

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हस्ताक्षर की प्रति

पार्टी कार्यकर्ताओं ने मंगल वाटिका में जिलाध्यक्ष माखीजानी के खिलाफ बैठक की और पत्र लिखने के साथ ही हाईकमान को चेताया है और अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए दबाव भी बनाया गया है. खास बात यह है कि इस मामले में कई पदाधिकारियों से बातचीत करने की कोशिश की गई लेकिन कोई भी सामने मुंह खोलने तैयार नहीं है और पार्टी का अंदरूनी मामला बता रहे हैं.

ग्वालियर। चाल चरित्र और चेहरे का दंभ भरने वाली बीजेपी अब अपने नए नवेले जिला अध्यक्ष के मनोनयन के बाद असली रूप में आती नजर आ रही है. पार्टी के निवर्तमान अध्यक्ष सहित पूर्व अध्यक्ष और कई पदाधिकारियों ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को पत्र लिखकर चेताया है कि वे प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, सह संगठन मंत्री अतुल राय के खिलाफ कार्रवाई करें और अपने फैसले पर पुनर्विचार करें अन्यथा पार्टी कार्यकर्ता अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होंगे.

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लिखा गया पत्र

दरअसल बीजेपी जिला महामंत्री कमल माखीजानी को पिछले दिनों ही ग्वालियर में पार्टी की कमान सौंपी गई है लेकिन माखीजानी का नेतृत्व पार्टी के ही कई लोगों को पच नहीं रहा है. उन्हें ग्वालियर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर का नजदीकी बताया जाता है, जबकि विरोधी खेमा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर से नजदीक से जुड़ा है.

पार्टी के निवर्तमान अध्यक्ष देवेश शर्मा साडा के पूर्व अध्यक्ष जयसिंह कुशवाह वेद प्रकाश शिवहरे और रामेश्वर भदौरिया सहित दो दर्जन से ज्यादा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा को लिखे पत्र में कहा है कि प्रदेश संगठन मंत्री सुहास भगत ने अपने रिश्तेदार ग्वालियर सांसद शेजवलकर के कहने पर कमल माखीजानी को जिला अध्यक्ष बनवाया है जिससे पार्टी के लोग नाराज हैं.

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हस्ताक्षर की प्रति

उन्होंने कमल माखीजानी पर पार्टी की छवि धूमिल करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि पूर्व में भी विवादों में रह चुके हैं. दो दर्जन से ज्यादा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर से युक्त एक मांग पत्र राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजा गया है. जिसमें प्रदेश संगठन मंत्री सुहास भगत पर विधानसभा चुनाव में हुई हार का ठीकरा भी फोड़ा गया है और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की गई है.

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हस्ताक्षर की प्रति

पार्टी कार्यकर्ताओं ने मंगल वाटिका में जिलाध्यक्ष माखीजानी के खिलाफ बैठक की और पत्र लिखने के साथ ही हाईकमान को चेताया है और अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए दबाव भी बनाया गया है. खास बात यह है कि इस मामले में कई पदाधिकारियों से बातचीत करने की कोशिश की गई लेकिन कोई भी सामने मुंह खोलने तैयार नहीं है और पार्टी का अंदरूनी मामला बता रहे हैं.

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