ग्वालियर। चंबल संभाग में बेटी बचाओ अभियान सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गया है. ये हकीकत सरकारी आंकड़े बयां कर रहे हैं, जिसके चलते ग्वालियर प्रशासन भ्रूण हत्या रोकने में नाकाम साबित हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक अकेले ग्वालियर के 120 गांव ऐसे हैं, जो लिंगानुपात के मामले में डेंजर जोन में हैं, वहीं प्रशासन एक फॉर्मूला लेकर आया है, जिसके मुताबिक हर एक सरकारी अधिकारी को एक-एक गांव दिया जाएगा, जो उसकी मॉनिटरिंग करेगा.
साथ ही जिस इलाके में सबसे अधिक परिवर्तन नजर आएगा, उस इलाके की जिम्मेदारी संभाल रही ब्रांड एंबेसडर बेटी को एक दिन के लिए ग्वालियर जिले का कलेक्टर बनाया जाएगा. अब अधिकारियों को गोद लिए गांव में जाना होगा और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम के पैरामीटर के तहत लोगों को बेटियों की संख्या बढ़ाने को लेकर जागरूक करना होगा, जिसमें डबरा, मुरार, भितरवार ,घाटीगांव विकासखंड के 120 गांव शामिल हैं. इस गांव में लिंगानुपात औसतन 1000 पुरुषों पर 711 महिला है, जबकि औसत 930 के आसपास होना चाहिए था.
इन 120 गांव में सेक्स रेश्यो बढ़ाने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की ब्रांड एंबेस्डर की भी मदद ली जाएगी, वहीं यह अभियान 8 मार्च यानी महिला दिवस तक जारी रहेगा.