ग्वालियर। करीब 10 महीने बंद रहने के बाद स्थानीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय एवं शोध संस्थान को एक बार फिर से कोविड-19 सेंटर बनाया जा रहा है. जहां कोरोना संक्रमित मरीजों को रखा जाएगा. कोरोना संक्रमण के बढ़ते मरीजों के कारण एक बार दोबारा कुछ शासकीय और संस्थाओं को कोविड-19 बनाया जा रहा है. इसी के मद्देनजर पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग से आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य को ओपीडी बंद करने के निर्देश जारी हुए थे. स्वास्थ्य विभाग के आदेश के बाद आयुर्वेदिक चिकित्सालय प्रबंधन ने तत्काल कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए व्यवस्था जुटाने में असमर्थता जाहिर कर दी थी.
- आयुर्वेदिक चिकित्सालय की OPD रहेगी बंद, 200 मरीजों पर पड़ेगा असर
आयुर्वेदिक चिकित्सालय प्रबंधन ने कोरोना मरीजों की व्यवस्था जुटाने के लिए 15 दिन का समय मांगा था. जिसकी अवधि बुधवार को समाप्त हो गई है. अब आयुर्वेदिक चिकित्सालय एवं शोध संस्थान में 1 अप्रैल से ओपीडी बंद होगी. जिसका सीधा असर यहां आने वाले करीब 200 मरीजों पर सीधे तौर पर पड़ेगा. खास बात यह भी है कि इन मरीजों के लिए कोई दूसरी वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की गई है. आयुर्वेदिक कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि वह सरकार के नियमों से बने हुए हैं इसलिए कोरोना संक्रमित मरीजों को उनके चिकित्सालय में रखने की व्यवस्था की जा रही है.
- पहली मंजिल पर 36 मरीजों के भर्ती की सुविधा
यहां पहली मंजिल पर करीब 36 रोगियों को भर्ती किए जाने की सुविधा होगी. इससे पहले मार्च में भी आयुर्वेदिक कॉलेज की ओपीडी बंद रही थी और सीधे दिसंबर तक मरीजों को परेशान होना पड़ा था. अब एक बार फिर से मरीजों की ओपीडी बंद होने से परेशानी का सामना करना पड़ेगा. मरीजों का कहना है कि आयुर्वेदिक चिकित्सालय उन्हें तमाम गरीब और प्राकृतिक चिकित्सा में विश्वास रखने वालों के लिए एक वरदान है. क्योंकि यह गंभीर से गंभीर बीमारी के मरीज ठीक होते हैं और दवाओं के कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होते हैं.