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NSUI का यूनिवर्सिटी में हंगामा, कहा- वरिष्ठ अधिकारियों को जांच के नाम पर बचाया जा रहा

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Published : Jan 29, 2021, 5:25 PM IST

एनएसयूआई के छात्रों ने एक बार फिर जीवाजी विश्वविद्यालय में दो घंटे तक हंगामा किया. छात्रों का आरोप है कि बीएससी नर्सिंग में कई फेल छात्रों को पास किया गया. इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा जांच के नाम पर बचाया जा रहा है, जबकि छोटे कर्मचारियों पर गाज गिराई जा रही है.

Jiwaji University
जीवाजी विश्वविद्यालय

ग्वालियर। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन यानी एनएसयूआई के छात्रों ने एक बार फिर जीवाजी विश्वविद्यालय में हंगामा किया. एनएसयूआई का आरोप है कि इस मामले में जांच के नाम पर गोपनीय और परीक्षा विभाग के अफसरों को बचाया जा रहा है, जबकि छोटे कर्मचारियों पर गाज गिराई जा रही है.

बड़ी संख्या में एनएसयूआई के छात्र विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर पहुंचे, जहां उन्होंने करीब 2 घंटे तक हंगामा किया. उनका कहना है कि विश्वविद्यालय जांच का भरोसा देकर दोषियों को बचाने का काम कर रहा है. उनका यह भी आरोप है कि फर्जी अंकसूचियां पहले भी पकड़ी जा चुकी है. बीएससी नर्सिंग में कई फेल छात्रों को पास किया गया है. इस मामले के उजागर होने के बाद विश्वविद्यालय ने जांच कमेटी बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट 4 जनवरी को आ गई थी, लेकिन कार्य परिषद के सदस्य अनूप अग्रवाल और मनेंद्र सोलंकी ने मामले की शिकायत राजभवन और हायर एजुकेशन से की. इसके बाद कुलपति संगीता शुक्ला ने जांच रिपोर्ट को सीधे तौर पर उच्च शिक्षा विभाग और राज्यपाल के पास भेज दिया है.

एनएसयूआई का यूनिवर्सिटी में हंगामा
विश्वविद्यालय का कहना है कि इस मामले में प्रारंभिक जांच पड़ताल में दोषी पाए गए 5 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. जांच रिपोर्ट में अब जैसे ही हायर एजुकेशन और राजभवन से आदेश आएंगे, उसी के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय में बड़े स्तर पर मनमानी चल रही है. इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की जाए. जिन छात्रों को फेल से पास किया गया है, उनसे पूछताछ की जाए. उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए. बता दें कि, एनएसयूआई के हंगामा के दौरान विश्वविद्यालय में लंबे अरसे के बाद कार्य परिषद की बैठक आयोजित की जा रही थी, लेकिन इसके बावजूद छात्रों का हंगामा चलता रहा.

ग्वालियर। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन यानी एनएसयूआई के छात्रों ने एक बार फिर जीवाजी विश्वविद्यालय में हंगामा किया. एनएसयूआई का आरोप है कि इस मामले में जांच के नाम पर गोपनीय और परीक्षा विभाग के अफसरों को बचाया जा रहा है, जबकि छोटे कर्मचारियों पर गाज गिराई जा रही है.

बड़ी संख्या में एनएसयूआई के छात्र विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर पहुंचे, जहां उन्होंने करीब 2 घंटे तक हंगामा किया. उनका कहना है कि विश्वविद्यालय जांच का भरोसा देकर दोषियों को बचाने का काम कर रहा है. उनका यह भी आरोप है कि फर्जी अंकसूचियां पहले भी पकड़ी जा चुकी है. बीएससी नर्सिंग में कई फेल छात्रों को पास किया गया है. इस मामले के उजागर होने के बाद विश्वविद्यालय ने जांच कमेटी बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट 4 जनवरी को आ गई थी, लेकिन कार्य परिषद के सदस्य अनूप अग्रवाल और मनेंद्र सोलंकी ने मामले की शिकायत राजभवन और हायर एजुकेशन से की. इसके बाद कुलपति संगीता शुक्ला ने जांच रिपोर्ट को सीधे तौर पर उच्च शिक्षा विभाग और राज्यपाल के पास भेज दिया है.

एनएसयूआई का यूनिवर्सिटी में हंगामा
विश्वविद्यालय का कहना है कि इस मामले में प्रारंभिक जांच पड़ताल में दोषी पाए गए 5 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. जांच रिपोर्ट में अब जैसे ही हायर एजुकेशन और राजभवन से आदेश आएंगे, उसी के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय में बड़े स्तर पर मनमानी चल रही है. इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की जाए. जिन छात्रों को फेल से पास किया गया है, उनसे पूछताछ की जाए. उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए. बता दें कि, एनएसयूआई के हंगामा के दौरान विश्वविद्यालय में लंबे अरसे के बाद कार्य परिषद की बैठक आयोजित की जा रही थी, लेकिन इसके बावजूद छात्रों का हंगामा चलता रहा.
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