ग्वालियर। प्रवेश प्रक्रिया के अंतिम दौर में पहुंचते ही कॉलेजों में चुनावों की सुगबुगाहट शुरू होने लगी है. छात्र संगठनों के पदाधिकारी-कार्यकर्ताओं की गतिविधियां कैंपस में दिखने लगी हैं. लेकिन अभी यह तय होना बाकी है कि चुनाव होंगे या नहीं और होंगे तो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष यानी किस प्रणाली से होंगे.
अगस्त-सितंबर में थी तैयारी : पिछले 4 साल से चुनाव नहीं हो पाए हैं. उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इस सत्र के लिए जारी किए गए शैक्षणिक कैलेंडर के हिसाब से अगस्त-सितंबर में छात्र संघ चुनाव प्रस्तावित हैं. जिसको लेकर छात्र संगठनों में आक्रोश है. छात्र संगठन अब चुनाव कराने के लिए आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. खास बात यह है कि छात्र राजनीति से ही ग्वालियर अंचल में ऐसे तमाम नेता निकले हैं, जो देश और प्रदेश के राजनीति पटल पर पहचान बनाए हुए हैं. । वहीं ऐसे में कांग्रेस ओर बीजेपी भी सरकार से कह रही है राजनीति की नींव, ये छात्र संघ के चुनाव हैं. इसे तय समय पर कराएं जाएं.
एनएसयूआई व एबीवीपी तैयार : एनएसयूआई ने साफ कर दिया है मध्य प्रदेश सरकार राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर प्रदेश में भी चुनाव कराए जाएंय नहीं तो वह प्रदेश स्तर पर आंदोलन करने जा रही है. वहीं दूसरी ओर ABVP भी कह रही हैचुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होना चाहिए. उससे से ही सही नेतृत्व निकलता है. बहरहाल अब देखना ये है कब राज्य सरकार ओर उच्च शिक्षा विभाग कब छात्र संघ इलेक्शन पर निर्णय लेता है.