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न्याय के लिए भटक रहा कानून का रखवाला, लाखों की चोरी में अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगा कोई सुराग - ग्वालियर

अपने ही कर्मचारी के साथ हुई लाखों की चोरी में अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. 10 दिन पहले रायपुर रेलवे स्टेशन पर हुई वारदात में संदिग्धों के सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद भी पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर सकी है. इसके साथ ही फरियाद ने पुलिस पर बदमाशों से मिली भगत का आरोप लगाया है.

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Published : Feb 16, 2019, 11:55 PM IST

ग्वालियर। अपने ही कर्मचारी के साथ हुई लाखों की चोरी में अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. 10 दिन पहले रायपुर रेलवे स्टेशन पर हुई वारदात में संदिग्धों के सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद भी पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर सकी है. इसके साथ ही फरियाद ने पुलिस पर बदमाशों से मिली भगत का आरोप लगाया है.

दरअसल मुरैना के वायरलेस विभाग में पदस्थ ग्वालियर के रहने वाले महेंद्र दुबे के साथ 6 फरवरी दोपहर को उस समय ठगी की वारदात हुई. जब वे रायपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतरने की तैयारी में थे. ट्रेन के गेट के पास खड़े कुछ लोगों ने उन्हें अपनी बातों में लगाया. जबकि एक बदमाश ने उनका बैग काटकर उसमें रखे करीब साढ़े आठ लाख रूपये के जेवरातों पर हाथ साफ कर लिया. होटल पहुंचते ही पीड़ित ने अपने साथ हुई वारदात का पता लगा. वह तुरंत रेलवे स्टेशन पहुंचे और जीआरपी पुलिस से इसकी शिकायत की. वहीं फरियादा का कहना है कि कई घंटे बैठे रहने के बाद बमुश्किल उनकी एफ आईआरदर्ज हो सकी. खास बात यह है कि साढे आठ लाख रुपए का जेवर जाने के बावजूद जीआरपी रायपुर ने सिर्फ 2.20 लाख की चोरी का मामला दर्ज किया.

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लाखों की चोरी
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फरियादी पुलिसकर्मी का कहना है कि उन्होंने रेलवे स्टेशन पर लगे सीसीटीवी फुटेज में चार संदिग्ध युवकों को पहचाना है. जो ट्रेन से उतरते समय उनके आसपास मौजूद थे. लेकिन जीआरपी ने 10 दिनों के भीतर एक भी संदिग्ध को नहीं पकड़ पाई है. उनका कहना है कि जब एक पुलिसकर्मी के साथ हुई वारदात को लेकर पुलिस इतनी लापरवाह है, तो आम लोगों के साथ क्या सलूक होता होगा यह आसानी से समझा जा सकता है. खास बात यह है कि पुलिसकर्मी महेंद्र दुबे रायपुर एसपी और जीआरपी एसपी से भी मिले. लेकिन उन्हें ठोस कार्रवाई करने के बजाय इतना जेवरात साथ में रखकर नहीं चलने पर नसीहत दे दी.

ग्वालियर। अपने ही कर्मचारी के साथ हुई लाखों की चोरी में अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. 10 दिन पहले रायपुर रेलवे स्टेशन पर हुई वारदात में संदिग्धों के सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद भी पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर सकी है. इसके साथ ही फरियाद ने पुलिस पर बदमाशों से मिली भगत का आरोप लगाया है.

दरअसल मुरैना के वायरलेस विभाग में पदस्थ ग्वालियर के रहने वाले महेंद्र दुबे के साथ 6 फरवरी दोपहर को उस समय ठगी की वारदात हुई. जब वे रायपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतरने की तैयारी में थे. ट्रेन के गेट के पास खड़े कुछ लोगों ने उन्हें अपनी बातों में लगाया. जबकि एक बदमाश ने उनका बैग काटकर उसमें रखे करीब साढ़े आठ लाख रूपये के जेवरातों पर हाथ साफ कर लिया. होटल पहुंचते ही पीड़ित ने अपने साथ हुई वारदात का पता लगा. वह तुरंत रेलवे स्टेशन पहुंचे और जीआरपी पुलिस से इसकी शिकायत की. वहीं फरियादा का कहना है कि कई घंटे बैठे रहने के बाद बमुश्किल उनकी एफ आईआरदर्ज हो सकी. खास बात यह है कि साढे आठ लाख रुपए का जेवर जाने के बावजूद जीआरपी रायपुर ने सिर्फ 2.20 लाख की चोरी का मामला दर्ज किया.

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फरियादी पुलिसकर्मी का कहना है कि उन्होंने रेलवे स्टेशन पर लगे सीसीटीवी फुटेज में चार संदिग्ध युवकों को पहचाना है. जो ट्रेन से उतरते समय उनके आसपास मौजूद थे. लेकिन जीआरपी ने 10 दिनों के भीतर एक भी संदिग्ध को नहीं पकड़ पाई है. उनका कहना है कि जब एक पुलिसकर्मी के साथ हुई वारदात को लेकर पुलिस इतनी लापरवाह है, तो आम लोगों के साथ क्या सलूक होता होगा यह आसानी से समझा जा सकता है. खास बात यह है कि पुलिसकर्मी महेंद्र दुबे रायपुर एसपी और जीआरपी एसपी से भी मिले. लेकिन उन्हें ठोस कार्रवाई करने के बजाय इतना जेवरात साथ में रखकर नहीं चलने पर नसीहत दे दी.

Intro:ग्वालियर
आम लोगों के जान माल की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली पुलिस अपने ही विभाग के कर्मचारी के साथ हुई वारदात को हल्के ढंग से ले रही है। 10 दिन पहले रायपुर रेलवे स्टेशन पर हुई वारदात में पुलिस ने संदिग्धों के सीसीटीवी फुटेज आने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की है।


Body:दरअसल मुरैना के वायरलेस विभाग में पदस्थ ग्वालियर के रहने वाले महेंद्र दुबे के साथ 6 फरवरी दोपहर को उस समय ठगी की वारदात पेश आई थी। जब वे रायपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतरने की तैयारी में थे ट्रेन के गेट के पास खड़े कुछ लोगों ने उन्हें अपनी बातों में लगाया जबकि एक बदमाश ने उनका बैग काटकर उसमें रखे करीब साढे आठ लाख रूपये के जेवर उड़ा दिए। होटल पहुंचते ही पुलिसकर्मी को अपने साथ हुई वारदात का पता लगा तुरंत वह रेलवे स्टेशन पहुंचे और जीआरपी पुलिस से संपर्क किया। सुबह 9 बजे से शाम 6:30 बजे तक बैठे रहने के बाद बमुश्किल उनकी एफ आई आर दर्ज हो सकी। खास बात यह है कि साढे आठ लाख रुपए का जेवर जाने के बावजूद जीआरपी रायपुर ने सिर्फ 2.20 लाख की ठगी और चोरी दर्ज की है।


Conclusion:पीड़ित पुलिसकर्मी का कहना है कि उन्होंने रेलवे स्टेशन पर लगे सीसीटीवी फुटेज में चार संदिग्ध युवकों को पहचाना है। जो ट्रेन से उतरते समय उनके आसपास मौजूद थे। लेकिन जीआरपी ने 10 दिनों के भीतर एक भी संदिग्ध को पकड़ नहीं पाया है। उनका कहना है कि जब एक पुलिसकर्मी के साथ हुई वारदात को लेकर पुलिस इतनी लापरवाह है तो आम लोगों के साथ क्या सलूक होता होगा यह आसानी से समझा जा सकता है। खास बात यह है कि पुलिसकर्मी महेंद्र दुबे रायपुर एसपी और जीआरपी एसपी से भी मिले लेकिन उन्हें ठोस कार्रवाई करने के बजाय इतना जेवर साथ में रखकर चलने पर नसीहत दे दी गई।
बाइट महेंद्र दुबे पीड़ित पुलिसकर्मी ग्वालियर
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