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व्यापमं मामले में CBI ने 9 लोगों को दी क्लीनचिट, 24 के खिलाफ चालान पेश - व्यापमं

पीएमटी फर्जीवाड़ा मामले में सीबीआई ने एसआईटी द्वारा आरोपी बनाए गए 9 लोगों को क्लीन चिट दे दी है. वहीं 24 लोगों के खिलाफ चालान पेश किया गया है.

ग्वालियर कोर्ट
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Published : Apr 5, 2019, 7:08 PM IST

ग्वालियर। बहुचर्चित पीएमटी फर्जीवाड़ा मामले में सीबीआई ने एसआईटी द्वारा आरोपी बनाए गए 9 लोगों को क्लीन चिट दे दी है. सीबीआई ने व्यापमं के पूर्व अध्यक्ष, परीक्षा नियंत्रक और पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य सहित कैंसर अस्पताल के संचालक को क्लीन चिट दे दी है. वहीं एक आरोपी की मौत हो चुकी है इसलिए उसे केस से हटा दिया गया है .

कोर्ट ने व्यापमं मामले में सुनाया फैसला


मामले में 24 प्री पीजी छात्र अभिभावक और व्यापमं के कर्मचारियों के खिलाफ चालान पेश किया गया है. दरअसल, एसआईटी ने 2010-11 के पीएमटी फर्जीवाड़ा मामले में ग्वालियर के झांसी रोड थाने में कई छात्रों और उनके अभिभावकों के खिलाफ धोखाधड़ी और परीक्षा अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए गए थे. व्यापमं के अध्यक्ष रहे सुधीर सिंह भदोरिया, परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर पंकज त्रिवेदी, पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य रहे डॉक्टर गुलाब सिंह किरार और कैंसर अस्पताल के डॉक्टर बीआर श्रीवास्तव सहित 9 शासकीय कर्मचारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था.

सभी पर आरोप था कि इन लोगों ने व्यापमं के प्री पीजी फर्जीवाड़े में पचास लाख रुपए से ज्यादा की दलाली खा कर ओएमआर शीट में गड़बड़ी कर कई लोगों को प्री पीजी परीक्षा पास कराई थी.इस केस में हाई प्रोफाइल लोग शामिल थे. इसलिए एसआईटी ने सभी को आरोपी बनाया था. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बाद में यह मामला 2015 में सीबीआई के हैंड ओवर हो गया. सीबीआई ने 4 साल तक अपनी जांच की और व्यापमं फर्जी के जुड़े अफसरों को सुधीर सिंह भदोरिया डॉक्टर पंकज त्रिवेदी रश्मि परिहार शुभी सिंह भदोरिया सहित अभिभावक एवं गुलाब सिंह किरार डॉक्टर बीआर श्रीवास्तव सीके मिश्रा के खिलाफ सीबीआई को कोई सबूत नहीं मिला. जिससे यह साबित होता हो कि उन्होंने इस फर्जीवाड़े में किसी तरह अपनी भूमिका निभाई है.

ग्वालियर। बहुचर्चित पीएमटी फर्जीवाड़ा मामले में सीबीआई ने एसआईटी द्वारा आरोपी बनाए गए 9 लोगों को क्लीन चिट दे दी है. सीबीआई ने व्यापमं के पूर्व अध्यक्ष, परीक्षा नियंत्रक और पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य सहित कैंसर अस्पताल के संचालक को क्लीन चिट दे दी है. वहीं एक आरोपी की मौत हो चुकी है इसलिए उसे केस से हटा दिया गया है .

कोर्ट ने व्यापमं मामले में सुनाया फैसला


मामले में 24 प्री पीजी छात्र अभिभावक और व्यापमं के कर्मचारियों के खिलाफ चालान पेश किया गया है. दरअसल, एसआईटी ने 2010-11 के पीएमटी फर्जीवाड़ा मामले में ग्वालियर के झांसी रोड थाने में कई छात्रों और उनके अभिभावकों के खिलाफ धोखाधड़ी और परीक्षा अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए गए थे. व्यापमं के अध्यक्ष रहे सुधीर सिंह भदोरिया, परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर पंकज त्रिवेदी, पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य रहे डॉक्टर गुलाब सिंह किरार और कैंसर अस्पताल के डॉक्टर बीआर श्रीवास्तव सहित 9 शासकीय कर्मचारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था.

सभी पर आरोप था कि इन लोगों ने व्यापमं के प्री पीजी फर्जीवाड़े में पचास लाख रुपए से ज्यादा की दलाली खा कर ओएमआर शीट में गड़बड़ी कर कई लोगों को प्री पीजी परीक्षा पास कराई थी.इस केस में हाई प्रोफाइल लोग शामिल थे. इसलिए एसआईटी ने सभी को आरोपी बनाया था. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बाद में यह मामला 2015 में सीबीआई के हैंड ओवर हो गया. सीबीआई ने 4 साल तक अपनी जांच की और व्यापमं फर्जी के जुड़े अफसरों को सुधीर सिंह भदोरिया डॉक्टर पंकज त्रिवेदी रश्मि परिहार शुभी सिंह भदोरिया सहित अभिभावक एवं गुलाब सिंह किरार डॉक्टर बीआर श्रीवास्तव सीके मिश्रा के खिलाफ सीबीआई को कोई सबूत नहीं मिला. जिससे यह साबित होता हो कि उन्होंने इस फर्जीवाड़े में किसी तरह अपनी भूमिका निभाई है.

Intro:ग्वालियर
बहुचर्चित पीएमटी फर्जीवाड़ा मामले में सीबीआई ने एसआईटी द्वारा आरोपी बनाए गए व्यापम के पूर्व अध्यक्ष, परीक्षा नियंत्रक और पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य सहित कैंसर अस्पताल के संचालक डॉ बीआर श्रीवास्तव को क्लीन चिट दे दी है। एक आरोपी की मौत हो चुकी है इसलिए उसे केस से हटा दिया गया है कुल मिलाकर 24 प्री पीजी छात्र अभिभावक और व्यापम के कर्मचारियों के खिलाफ चालान पेश किया गया है।


Body:दरअसल एसआईटी ने 2010- 11 के पीएमटी फर्जीवाड़ा मामले में ग्वालियर के झांसी रोड थाने में कई छात्रों और उनके अभिभावकों के खिलाफ धोखाधड़ी और परीक्षा अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए गए थे। इनमें व्यापम के अध्यक्ष रहे सुधीर सिंह भदोरिया परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर पंकज त्रिवेदी पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य रहे डॉक्टर गुलाब सिंह किरार और कैंसर अस्पताल के डॉक्टर बीआर श्रीवास्तव सहित 9 शासकीय कर्मचारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था। आरोप था कि इन लोगों ने व्यापम के प्री पीजी फर्जीवाड़े में पचास लाख रुपए से अधिक की दलाली खा कर ओएमआर शीट में गड़बड़ी करके कई लोगों को प्री पीजी परीक्षा पास कराई थी। इस केस में हाई प्रोफाइल लोग शामिल थे इसलिए एसआईटी ने सभी को आरोपी बनाया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बाद में यह मामला 2015 में सीबीआई के हैंड ओवर हो गया।


Conclusion:सीबीआई ने 4 साल तक अपनी जांच की और इसमें में व्यापम फर्जी के जुड़े अफसरों सुधीर सिंह भदोरिया डॉक्टर पंकज त्रिवेदी रश्मि परिहार शुभी सिंह भदोरिया सहित अभिभावक एवं गुलाब सिंह किरार डॉक्टर बीआर श्रीवास्तव सीके मिश्रा के खिलाफ सीबीआई को कोई सबूत नहीं मिला जिससे यह साबित होता हो कि उन्होंने इस फर्जीवाड़े में किसी तरह अपनी भूमिका निभाई। प्री पीजी के जिन लोगों के खिलाफ चालान पेश हुआ है उसमें गुलाब सिंह के बेटे शक्ति प्रताप किरार विशाल यादव गौरव भदौरिया डॉक्टर रिचा जोहरी योगेश उपरीत डॉक्टर जगदीश सागर अंकित वर्मा डॉक्टर नवीन शर्मा और दूसरे आरोपी शामिल है इनमें कई अभिभावकों के खिलाफ भी चालान पेश किया गया है।
बाइट पीयूष गुप्ता ...बचाव पक्ष के अधिवक्ता जिला न्यायालय ग्वालियर
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