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दस B.Ed कॉलेजों की मान्यता रद्द, NCTE नियमों का पालन ना करने पर गिरी गाज - Gwalior-Chambal division

ग्वालियर- चंबल संभाग में NCTE के नियमों का पालन नहीं करने पर 10 B.Ed कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है.

NCTE ने की 10 कॉलेजों की मान्यता रद्द
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Published : Aug 26, 2019, 3:39 PM IST

ग्वालियर। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने एक बड़ा फैसला लेते हुए ग्वालियर- चंबल संभाग के 10 B.Ed कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है. इन सभी कॉलेजों पर आरोप है, कि उन्होंने NCTE के नियमों का पालन नहीं किया.

NCTE ने की 10 कॉलेजों की मान्यता रद्द


बताया जा रहा है कि NCTE ने मध्यप्रदेश के कुल 44 कॉलेजों की मान्यता रद्द की है, जिसमें से 10 कॅालेज ग्वालियर- चम्बल संभाग के हैं. वहीं इस बारे में जीवाजी यूनिवर्सिटी के PRO शांति देव सिसोदिया का कहना है, कि हाल ही में NCTE की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें कॉलेजों की मान्यता रद्द करने का निर्णय लिया गया है.


चूंकि अब NCTE ने मान्यता रद्द कर दी है, ऐसे में जीवाजी यूनिवर्सिटी इन्हें आगे संबद्धता प्रदान नहीं करेगी. साथ ही उनका कहना है कि जीवाजी यूनिवर्सिटी हर साल अपने स्तर पर भी संबंधित कॉलेजों की निरीक्षण करती है और जो कॉलेज नियमों को पूरा करते हैं उन्हीं को संबंद्धता देती है. सिसोदिया ने कहा कि यदि बीच सेशन में भी किसी कॉलेज की कोई शिकायत मिलती है, तो बकायदा एक कमेटी बनाकर उस कॉलेज की जांच करवाई जाती है.


गौरतलब है कि ग्वालियर- चंबल संभाग में B.Ed कॉलेजों की भरमार है, यह कॉलेज बड़ी संख्या में बाहरी छात्रों का एडमिशन लेते हैं, क्योंकि यह छात्र बाहरी होते हैं इसीलिए क्लास अटेंड करने भी नहीं आते हैं. इन कॉलेजों के पास ना तो तय नियमों के अनुसार भवन हैं और न ही पदस्थ शिक्षक होते हैं.

ग्वालियर। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने एक बड़ा फैसला लेते हुए ग्वालियर- चंबल संभाग के 10 B.Ed कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है. इन सभी कॉलेजों पर आरोप है, कि उन्होंने NCTE के नियमों का पालन नहीं किया.

NCTE ने की 10 कॉलेजों की मान्यता रद्द


बताया जा रहा है कि NCTE ने मध्यप्रदेश के कुल 44 कॉलेजों की मान्यता रद्द की है, जिसमें से 10 कॅालेज ग्वालियर- चम्बल संभाग के हैं. वहीं इस बारे में जीवाजी यूनिवर्सिटी के PRO शांति देव सिसोदिया का कहना है, कि हाल ही में NCTE की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें कॉलेजों की मान्यता रद्द करने का निर्णय लिया गया है.


चूंकि अब NCTE ने मान्यता रद्द कर दी है, ऐसे में जीवाजी यूनिवर्सिटी इन्हें आगे संबद्धता प्रदान नहीं करेगी. साथ ही उनका कहना है कि जीवाजी यूनिवर्सिटी हर साल अपने स्तर पर भी संबंधित कॉलेजों की निरीक्षण करती है और जो कॉलेज नियमों को पूरा करते हैं उन्हीं को संबंद्धता देती है. सिसोदिया ने कहा कि यदि बीच सेशन में भी किसी कॉलेज की कोई शिकायत मिलती है, तो बकायदा एक कमेटी बनाकर उस कॉलेज की जांच करवाई जाती है.


गौरतलब है कि ग्वालियर- चंबल संभाग में B.Ed कॉलेजों की भरमार है, यह कॉलेज बड़ी संख्या में बाहरी छात्रों का एडमिशन लेते हैं, क्योंकि यह छात्र बाहरी होते हैं इसीलिए क्लास अटेंड करने भी नहीं आते हैं. इन कॉलेजों के पास ना तो तय नियमों के अनुसार भवन हैं और न ही पदस्थ शिक्षक होते हैं.

Intro:ग्वालियर - नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए ग्वालियर चंबल संभाग के 10 बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है।इन सभी कॉलेजों पर आरोप है कि उन्होंने एनसीटीई द्वारा नियमों का पालन नहीं किया है। बताया जा रहा है कि एनसीटीई ने मध्य प्रदेश के कुल 44 कॉलेजों की मान्यता रद्द की है जिसमें से 10 गवलियर चम्बक के हैं। वह इस बारे में जीवाजी यूनिवर्सिटी के पीआरओ शांति देव सिसौदिया का कहना है कि हाल ही में एनसीटीई की बैठक आयोजित की गई थी जिसमें इन कॉलेजों की मान्यता रद्द करने का निर्णय लिया गया है, क्योंकि जब एनसीटीई द्वारा मान्यता रद्द करने की बात सामने आ चुकी है ऐसे में जीवाजी यूनिवर्सिटी अब इन्हें आगे संबद्धता प्रदान नहीं करेगा। साथ ही उनका कहना है कि जीवाजी यूनिवर्सिटी हर साल अपने स्तर पर भी जीवाजी यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों की निरीक्षण करता है और जो कॉलेज नियमों को पूरा करते हैं उन्हीं को संबद्धता देते हैं यदि बीच सेशन में भी किसी कॉलेज की कोई शिकायत मिलती है तो बाकायदा एक कमेटी बनाकर उस कॉलेज की जांच कराई जाती है।
Body:गौरतलब है कि ग्वालियर चंबल संभाग में B.Ed कॉलेजों की भरमार है यह कॉलेज बड़ी संख्या में बाहरी छात्रों का एडमिशन लेते हैं क्योंकि यह छात्र बाहरी होते हैं इसीलिए यह यहां क्लास अटेंड करने भी नहीं आते हैं। केवल परीक्षा के समय या कॉलेज पहुंचते हैं।इन कॉलेजों के पास ना तो तय नियमों के अनुसार भवन है और ना ही शिक्षक पदस्थ होते हैं।
Conclusion:बाइट शांतिदेव सिसोदिया, पीआरओ, जीवाजी यूनिवर्सिटी
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