ग्वालियर। अयोध्या में 22 जनवरी को श्री रामलला विराजेंगे और राम मंदिर का उद्घाटन होगा. इस दिन जहां पूरे देश में दीप महोत्सव होगा. वहीं जो महिलाएं गर्भवती हैं, वह इसी दिन प्रसव के लिए डॉक्टर से तारीख ले रही हैं. इसी दिन महिला डॉक्टर के पास गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी के लिए संपर्क साध रहे हैं और महिला डॉक्टर के पास इस दिन की एक लंबी लिस्ट बन गई है. गर्भवती महिलाओं का मानना है कि इस दिन जन्म लेने वाली संतान भाग्यशाली और पराक्रमी होगी. देखिए ईटीवी भारत संवाददाता अनिल गौर की खास रिपोर्ट...
22 जनवरी का दिन शुभ
देश में 22 जनवरी का दिन काफी शुभ माना जा रहा है, क्योंकि इसी दिन अयोध्या में भगवान श्री राम लला विराजमान होंगे. ज्योतिषियों का मानना है कि इस दिन विशेष महायोग बन रहा है. इस दिन जो संतान जन्म लेगी, वह पराक्रमी और भाग्यशाली होगा. ऐसा जातक अपने भाग्य को संभालने वाला होगा. सोमवार के दिन मृग, नक्षत्र, अभिजीत मुहूर्त के साथ-साथ सर्वार्थ सिद्ध योग, अमृत योग की निष्पत्ति हो रही है.
जानिए 22 जनवरी को बनेंगे क्या संयोग
पंडित विजय भूषण वेदार्थी ने बताया है कि इस समय चंद्र अपनी उच्च राशि में भ्रमण करने के साथ-साथ मेष लग्न में भाग्य गुरु स्थित होने के साथ ही लग्नेश मंगल भाग्य स्थान में होने से लग्नेश एवं भाग्येश का राशि परिवर्तन योग भी बन रहा है. यह शुभ समय देव प्रतिष्ठा के लिए विशेष शुभ माना जाता है. इस दिन उक्त अभिजीत मुहूर्त में जन्म लेने वाली संतान जन्मजात भाग्यशाली होगी. युवावस्था में स्वयं की पराक्रम से अपने भाग्य का निर्माण करेगी और अपनी पूरे कुटुंब परिवार की प्रकृति के लिए प्रयासरत रहेगी.
महिलाएं डिलीवरी के लिए मांग रहीं 22 जनवरीं की डेट
इसी दिन अद्भुत संयोग बनने के कारण जो गर्भवती महिलाएं हैं, उनके परिजन डॉक्टर से चर्चा कर प्लान कर रहे हैं कि उनके यहां बच्चों का जन्म इसी शुभ दिन हो. वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शिल्पी ओझा बताया है कि ज्यादातर गर्भवती महिलाओं ने 22 जनवरी को डिलीवरी कराने का समय मांग रहीं हैं. जिन गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी ऑपरेशन से होना है, वह 22 जनवरी की डेट चाहती है. ऐसी संख्या लगभग 500 से अधिक है.
फिट महिलाओं की ही कराई जाएगी डिलीवरी
वहीं शहर के वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दिशा गुप्ता ने बताया है कि 22 जनवरी को डिलीवरी के लिए ज्यादातर महिलाएं संपर्क कर रहीं हैं. वह एप्रोच भी लग रही हैं. वह चाहती हैं कि 22 जनवरी को जब अयोध्या में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा होगी, उसी दिन उनके बच्चे का जन्म हो, इसलिए इस महीने में जिन गर्भवती महिलाओं का ऑपरेशन से प्रसव होना है, वह 22 जनवरी का दिन फाइनल कर चुकी हैं, लेकिन 22 जनवरी को इतनी डिलीवरी करना संभव नहीं है. यही कारण है कि इस दिन जो गर्भवती महिलाएं समय निर्धारण के अनुरूप फिट होंगी, उनकी ही डिलीवरी की जाएगी.