ग्वालियर। प्रदेश सरकार बिजली बिल वसूली के लिए अलग-अलग तरह के फरमान जारी कर रही है. इसके बावजूद बिल की वसूली नहीं हो पा रही है. इसी कड़ी में ग्वालियर में विद्युत बिल के बकाये 927 करोड़ रुपए की वसूली के लिए मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने एक अनोखा सर्कुलर जारी किया है जो मीटर रीडरों के गले की फांस बन गया है. जारी सर्कुलर में मीटर रीडरों का टारगेट सेट करते हुए उन्हें एक माह में 500 कंज्यूमर से बकाया बिल की राशि वसूलनी है और अगर टारगेट पिछड़ा तो 20 फीसदी सैलरी काट ली जाएगी. वहीं, मीटर रीडरों का कहना है कि "चुनावी साल में जिन कंज्यूमर से राशि वसूली करना है वह बिल भरना नहीं चाहते और मारपीट करने के लिए तैयार रहते हैं. वहीं नेताओं के दबाव में पुलिस भी FIR नहीं लिखती और विभाग भी मदद नहीं करता, फिर ऐसे में वसूली कैसे की जा सकती है."
मीटर रीडरों पर अब काम का एक और बोझ: मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी में लगभग 45 हजार से ज्यादा आउटसोर्स मीटर रीडर हैं. इनमें से लगभग 12 हजार मीटर रीडर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इनकी सैलरी लगभग 8 से 12 हजार रुपए के बीच है. हाल ही में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जारी हुए एक फरमान ने मीटर रीडरों को मुसीबत में डाल दिया है. दरसल जारी सर्कुलर में कहा गया है प्रत्येक मीटर रीडर को प्रतिदिन 20 कंज्यूमर और महीने में 500 कंज्यूमर से बकाए बिल की वसूली करनी है. अगर वसूली में पिछड़े तो सैलरी में से 20 फीसदी की कटौती की जाएगी. वहीं सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि 500 से ज्यादा कंज्यूमर से वसूली करने वाले मीटर रीडर को 2250 रुपए का इंसेंटिव भी दिया जाएगा.
चुनावी साल में कोई बिल नहीं भरना चाहता: मध्यप्रदेश में आगामी दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के फरमान को लेकर आउट सोर्स मीटर रीडर कर्मचारियों का कहना है कि "शहर में विद्युत बकाया वसूली कंज्यूमर से की जा सकती है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में परिस्थितियां बिल्कुल अलग हैं. ग्रामीण क्षेत्रों के लोग मीटर की रीडिंग तक नहीं लेने देते हैं. ऐसे में वसूली कैसे कर पाएंगे ? हालात यह बन जाते हैं कि हम लोगों को मारपीट का शिकार भी होना पड़ता है. नेताओं के दबाव में पुलिस FIR तक दर्ज नहीं होती और हमारे अधिकारी हमारे साथ मदद के लिए खड़े नहीं होते. चुनावी साल में हालत और बिगड़े हुए हैं कंज्यूमर को उम्मीद है कि उनके बिल हमेशा की तरह इस बार भी माफ हो जाएंगे इसलिए कोई बिल भरना नहीं चाहता."
आउटसोर्स मीटर कर्मचारियों का वेतन: वहीं, इस मामले में मध्य प्रदेश संविदा एवं ठेका श्रमिक कर्मचारी संघ(इंटक) का कहना है कि सर्कुलर पर फिर से विचार करना चाहिए क्योंकि यहां व्यवहारिकता नहीं है. इन आउटसोर्स मीटर कर्मचारियों को कंपनी मात्र 8 से 10 हजार रुपए ही वेतन दे रही है. अब सवाल ये उठता है कि यह मीटर रीडर 18 से 20 दिन अपने काम में जुटे रहते हैं और अब वसूली का फरमान ? कितना काम कराएगी कंपनी इन आउटसोर्स कर्मचारियों से ?
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ग्वालियर में सबसे ज्यादा बकाया: बहरहाल, चुनावी साल में विद्युत कंपनी का फरमान आउटसोर्स कर्मचारी मीटर रीडरों के लिए परेशानी भरा है क्योंकि ग्वालियर शहर में 427 करोड़ रुपया कंज्यूमर पर बकाया है. वहीं, लगभग 500 करोड़ रुपया ग्वालियर ग्रामीण कंज्यूमर पर बकाया है. दिलचस्प बात तो ये है कि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की विधानसभा में ही 200 करोड़ रुपए से ज्यादा का बिल उनके मतदाताओं पर बकाया है. ऐसे में क्या आउटसोर्स मीटर रीडर बकाया रिकवरी वसूल कर पाएंगे ? इस सवाल का जवाब विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों और खुद ऊर्जा मंत्री के पास नहीं है क्योंकि यह चुनावी साल है.