ग्वालियर। ग्वालियर जिला एवं सत्र न्यायालय की एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा भिंड के भाजपा विधायक नरेंद्र कुशवाह के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट पर हाई कोर्ट की मुख्य पीठ जबलपुर ने रोक लगा दी है. 27 दिसंबर को भिंड के भाजपा विधायक नरेंद्र कुशवाह द्वारा कोर्ट में पेश नहीं होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. भाजपा विधायक ने उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ जबलपुर बेंच में इस आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच ने इस मामले में रोक लगा दी है.
जिला पंचायत चुनाव में विवाद : वर्चुअल रूप से सुनवाई में शामिल हुए विधायक के अधिवक्ता अवधेश तोमर ने बताया कि इस मामले में फरियादी बाबूराम जामौर से तीनों आरोपियों का समझौता हो चुका है. गौरतलब है कि करीब 8 साल पहले जब भिंड में जिला पंचायत के सदस्यों के चुनाव हो रहे थे, उस समय बाबूलाल जामौर भी सदस्य के रूप में वार्ड 6 जवासा से अपना नामांकन दाखिल करना चाह रहे थे. लेकिन भिंड विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह की पत्नी मिथलेश कुशवाह अपना नामांकन दाखिल करने की तैयारी में थी.
मारपीट का आरोप : आरोप है कि भिंड विधायक नरेंद्र कुशवाह गोहद विधायक केशव देसाई और उनके समर्थकों ने बाबूराम जामौर को बीच रास्ते में से अगवा कर लिया था और जंगल में ले गए थे. उनके साथ जमकर मारपीट की गई थी. उनका जातिगत अपमान भी किया गया था. इस मामले में भिंड के देहात थाने में नरेंद्र सिंह कुशवाह, गोहद के कांग्रेस विधायक केशव देसाई सहित दो अन्य लोगों के खिलाफ दलित उत्पीड़न अवैध निरोध में रखने और धमकाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था.
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कोर्ट में पेश नहीं हुए नरेंद्र कुशवाह : एमपी एमएलए कोर्ट में यह मामला लंबे समय से विचाराधीन है. न्यायालय ने पूर्व में भी आरोपियों को अपने बयान दर्ज करने के लिए निर्देशित किया था. न्यायालय के आदेश पर पिछली सुनवाई के दौरान कांग्रेस के विधायक केशव देसाई पेश हुए थे, लेकिन भिंड के भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह कोर्ट के निर्देश के बावजूद दूसरी बार पेश नहीं हुए. उनके खिलाफ विशेष न्यायालय ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. उन्हें 8 जनवरी को आवश्यक रूप से पेश होने के होने के निर्देश दिए थे. इसके लिए एमपी एमएलए कोर्ट ने भिंड और ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक को भी निर्देशित किया था.