ग्वालियर। मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी आज 39 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. जिसमें से मुरैना जिले की सुमावली विधानसभा से कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए ऐदल सिंह कंसाना पर भरोसा जताया है. एंदल सिंह कंसाना सुमावली विधानसभा के एक कद्दावर नेता माने जाते हैं. यह कांग्रेस की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. कुल 5 बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. जिनमें से दो बार जीत हासिल हुई है. साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस से विधायक बने एंदल सिंह कंसाना सिंधिया के साथ कमलनाथ सरकार को गिरा कर बीजेपी में शामिल हुए थे. 2020 के उपचुनाव में इन्होंने बीजेपी से चुनाव लड़ा, लेकिन इन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
ऐदल सिंह कंसाना की राह आसान नहीं: अब जानते हैं कि ऐदल सिंह कंसाना के लिए बीजेपी से यह चुनाव जीतने की राह कितनी आसान है. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए ऐदल सिंह कंसाना की जीतने की राह आसान नहीं है, क्योंकि यह सुमावली विधानसभा पूरी तरह जातिगत वोटो के आधार पर विधायक चुनती है. सुमावली विधानसभा में चार जातियां जीतने का निर्णय करती है. जिनमें कुशवाहा (गुर्जर, क्षत्रिय और ब्राह्मण समाज शामिल है और इस विधानसभा क्षेत्र में क्षत्रिय और गुर्जरों के बीच प्रतिद्वंदिता होती आई है इसलिए साल 2020 के उपचुनाव में बीजेपी से कांग्रेस में आए अजब सिंह कुशवाहा को जीत हासिल हुई थी और अजब सिंह कुशवाहा का समर्थन क्षत्रिय समाज ने खुलकर किया था.
कांग्रेस के सामने होगी चुनौती: बीजेपी की तरफ से ऐदल सिंह कंसाना को उम्मीदवार के रूप में घोषित कर दिया है. वहीं अब सबसे बड़ा सवाल है कि कांग्रेस कंसाना के सामने किसको खड़ा करती है. बीजेपी का उम्मीदवार घोषित होने के बाद अब कांग्रेस भी यहां जातिगत समीकरण साधने में जुटी है. कांग्रेस द्वारा अगर फिर से कुशवाहा समाज से उम्मीदवार खड़ा करती है, तो उनके समर्थन में क्षत्रिय समाज और जाटव समय के गठबंधन के चलते कांग्रेस पूरी तरह मजबूत स्थिति में आ जाएगी और ऐदल सिंह कंसाना के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है, क्योंकि जानकारों का मानना है कि कांग्रेसी फिर से सुमावली विधानसभा में कुशवाहा या क्षत्रिय समाज में से टिकट देगी. अधिकतर कुशवाहा समाज में से टिकट की उम्मीद ज्यादा दिखाई दे रही है, क्योंकि जो वर्तमान के विधायक है. अजब सिंह कुशवाहा उनका पिछला 5 साल का कार्यकाल विवादित रहा है और उन पर कई मामले दर्ज भी है. इसलिए कांग्रेस किसी अन्य उम्मीदवार को घोषित कर सकती है. वहीं क्षत्रिय समाज से उम्मीदवार के रूप में बीजेपी के कद्दावर नेता रहे गजराज सिंह सिकरवार के परिवार में से सोच रही है, लेकिन अभी हाल में ही गजराज सिंह सिकरवार की तबीयत खराब हो जाने के कारण अब स्थिति असमंजस में है.
कंसाना को टिकट मिलने से नहीं कोई नाराजगी: राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांग्रेस कुशवाहा समाज या क्षत्रिय समाज में से अपना उम्मीदवार चयन करेगी. अगर ऐसा होता है तो बीजेपी के उम्मीदवार ऐदल सिंह कंसाना के लिए जितना एक बड़ा चैलेंज हो सकता है, लेकिन यहां सबसे खास बात यह है कि ऐदल सिंह कंसाना के लिए बीजेपी पूरी तरह मेहनत करेगी, क्योंकि यहां पर कोई भी बीजेपी का ऐसा नेता नहीं है, जो कंसाना को टिकट मिलने से नाराज है, इसलिए यहां पर कंसाना के लिए पार्टी की तरफ से कोई विरोध नहीं है.