ग्वालियर। मध्य प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर इस समय ग्वालियर चंबल-अंचल राजनीतिक पार्टियों का केंद्र बिंदु बन गया है. हालात ये हैं कि ग्वालियर चंबल-अंचल में राजनीतिक पार्टियों के बड़े नेता यहां पर डेरा डाले हुए हैं. वहीं, अंचल में कार्यकर्ता टिकट की उम्मीद को लेकर लगातार पार्टी के बड़े नेताओं से संपर्क कर रहे हैं. इसी को लेकर इन दिनों ग्वालियर प्रभारी और कांग्रेस के पूर्व मंत्री अजय सिंह जिले के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए सिंधिया पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि "कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद भी गद्दारों को टिकट नहीं दिया जाएगा."
टिकट की न करें उम्मीद: ग्वालियर दौरे पर पहुंचे पूर्व मंत्री अजय सिंह ने कहा कि "अबकी बार सर्वे के आधार पर जिसका नाम आएगा उसको ही टिकट मिलेगा. जिन लोगों ने सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल होकर कमलनाथ की सरकार गिराई थी उनके साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा. उन्होंने पार्टी के साथ गद्दारी की है. अगर वह प्रायश्चित करना चाहते हैं तो कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं मगर टिकट की उम्मीद बिल्कुल न करें. जो सिंधिया के साथ पार्टी छोड़कर गए हैं वह अब दुखी हैं और कई ऐसे नेता हैं जो कांग्रेस में फिर से दोबारा आने के लिए लगातार गुहार लगा रहे हैं. अगर कोई भाजपा नेता दुखी होकर आना चाहता है तो उसका स्वागत है."
'सिंधिया को संपत्ति की हवस': ग्वालियर में सिंधिया पर तंज कसते हुए पूर्व मंत्री अजय सिंह ने कहा कि "इस व्यक्ति को कितनी संपत्ति चाहिए जिससे की इसे शांति मिलेगी. ऐसा आपने पहली बार किसी को देखा होगा कि संपत्ति की हवस नहीं मिट रही है. यही कारण है कि आगामी विधानसभा चुनाव में संपत्ति हड़पने वाले नेताओं को जनता फिर एक बार सबक सिखाएगी. जनता सब कुछ समझ रही है कि ग्वालियर में लगातार अधिकारियों के माध्यम से बेशकीमती संपत्ति को ये अपना हक बता कर ले रहे हैं."
कांग्रेस की चंबल-अंचल की सीट पर नजर: पूर्व मंत्री अजय सिंह इन दिनों ग्वालियर चंबल-अंचल के दौरे पर हैं. वह लगातार अंचल के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात कर रहे हैं. साथ ही हर विधानसभा में जाकर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक ले रहे हैं. अंचल में इन दिनों कांग्रेस के तमाम ऐसे बड़े नेता मौजूद हैं जो यहां की सीट पर नजर बनाए हुए हैं. इससे पहले पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह अंचल के दौरे पर आए हुए थे. इसके साथ ही कांग्रेस के संगठन प्रभारी भी लगातार यहां पर डेरा डाले हुए हैं.