ग्वालियर। वैसे तो आनंद कुमार किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. अपने कड़ी मेहनत से सैकड़ों बच्चों को काबिल बनाने वाले आनंद गरीब बच्चों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं हैं. मध्यप्रदेश के ऐसे ही एक आनंद कुमार से आपका परिचय करवाते हैं. जिन्होंने गरीब बच्चों का भविष्य संवारने के लिए अपने भविष्य को दांव पर लगा दिया, यानि अपना सबकुछ गरीब बच्चों के लिए समर्पित कर दिया और कर्ज लेकर निःशुल्क मुस्कान स्कूल की नींव रखी, इस दौरान कई बार ऐसा भी वक्त आया जब आर्थिक तंगी ने उनका रास्ता रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.
चंदन पाल बताते है कि एक बार तो ऐसा भी वक्त आया, जब पैसे की कमी होने की वजह से उन्होंने स्कूल बंद करने का फैसला कर लिया था, अगले दिन जब स्कूल पहुंचे तो बच्चे वहां उनका इंतजार कर रहे थे. बच्चों के देख कर उन्होंने अपना फैसला बदल दिया और अपनी पत्नी के गहने बेच कर स्कूल चलाने के फैसला किया. चंदन पाल पिछले 20 सालों से मुफ्त में गरीब बच्चों को तालीम दे रहे हैं.
इसी दौरान स्कूल बंद होने की खबर सोशल मीडिया के जरिये सलमान खान को मिली, तब उन्होंने स्कूल के शिक्षकों का खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली और चंदन पाल को मुंबई बुलाकर उनसे मुलाकात भी की थी. इसके बाद फिर शिक्षा की गाड़ी पटरी पर दौड़ने लगी. स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक भी चंदन पाल को अपनी प्रेरणा का स्रोत मानते हैं और छात्र भी चंदन पाल के मुरीद हैं.
मुफ्त में तालीम देने वाले चंदन पाल गरीब बच्चों के लिए मसीहा हैं, जो उनकी जरूरतों की जिम्मेदारी खुद उठा रहे हैं. जिसके कारीगर हैं चंदन पाल, जो अपने नाम को उसके अनुरूप सार्थक कर रहे हैं.