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सलमान खान भी हैं MP के 'आनंद कुमार' के मुरीद, 20 साल से दे रहे मुफ्त तालीम - ग्वालियर के चंदन पाल

ग्वालियर के चंदन पाल पिछले 20 सालों से गरीब और असहाय बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रहे हैं. हालांकि इसके लिए उन्हें मुसीबतों का समाना भी करना पड़ा. जिससे निपटने के लिए उन्होंने अपनी पत्नी के गहने तक बेच दिए, लेकिन चंदन पाल ने अपनी इस मुहिम पर कभी ब्रेक नहीं लगाया.

MP के 'आनंद कुमार'
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Published : Jul 27, 2019, 2:35 PM IST

Updated : Jul 28, 2019, 3:17 PM IST

ग्वालियर। वैसे तो आनंद कुमार किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. अपने कड़ी मेहनत से सैकड़ों बच्चों को काबिल बनाने वाले आनंद गरीब बच्चों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं हैं. मध्यप्रदेश के ऐसे ही एक आनंद कुमार से आपका परिचय करवाते हैं. जिन्होंने गरीब बच्चों का भविष्य संवारने के लिए अपने भविष्य को दांव पर लगा दिया, यानि अपना सबकुछ गरीब बच्चों के लिए समर्पित कर दिया और कर्ज लेकर निःशुल्क मुस्कान स्कूल की नींव रखी, इस दौरान कई बार ऐसा भी वक्त आया जब आर्थिक तंगी ने उनका रास्ता रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.

MP के 'आनंद कुमार'

चंदन पाल बताते है कि एक बार तो ऐसा भी वक्त आया, जब पैसे की कमी होने की वजह से उन्होंने स्कूल बंद करने का फैसला कर लिया था, अगले दिन जब स्कूल पहुंचे तो बच्चे वहां उनका इंतजार कर रहे थे. बच्चों के देख कर उन्होंने अपना फैसला बदल दिया और अपनी पत्नी के गहने बेच कर स्कूल चलाने के फैसला किया. चंदन पाल पिछले 20 सालों से मुफ्त में गरीब बच्चों को तालीम दे रहे हैं.

इसी दौरान स्कूल बंद होने की खबर सोशल मीडिया के जरिये सलमान खान को मिली, तब उन्होंने स्कूल के शिक्षकों का खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली और चंदन पाल को मुंबई बुलाकर उनसे मुलाकात भी की थी. इसके बाद फिर शिक्षा की गाड़ी पटरी पर दौड़ने लगी. स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक भी चंदन पाल को अपनी प्रेरणा का स्रोत मानते हैं और छात्र भी चंदन पाल के मुरीद हैं.

मुफ्त में तालीम देने वाले चंदन पाल गरीब बच्चों के लिए मसीहा हैं, जो उनकी जरूरतों की जिम्मेदारी खुद उठा रहे हैं. जिसके कारीगर हैं चंदन पाल, जो अपने नाम को उसके अनुरूप सार्थक कर रहे हैं.

ग्वालियर। वैसे तो आनंद कुमार किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. अपने कड़ी मेहनत से सैकड़ों बच्चों को काबिल बनाने वाले आनंद गरीब बच्चों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं हैं. मध्यप्रदेश के ऐसे ही एक आनंद कुमार से आपका परिचय करवाते हैं. जिन्होंने गरीब बच्चों का भविष्य संवारने के लिए अपने भविष्य को दांव पर लगा दिया, यानि अपना सबकुछ गरीब बच्चों के लिए समर्पित कर दिया और कर्ज लेकर निःशुल्क मुस्कान स्कूल की नींव रखी, इस दौरान कई बार ऐसा भी वक्त आया जब आर्थिक तंगी ने उनका रास्ता रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.

MP के 'आनंद कुमार'

चंदन पाल बताते है कि एक बार तो ऐसा भी वक्त आया, जब पैसे की कमी होने की वजह से उन्होंने स्कूल बंद करने का फैसला कर लिया था, अगले दिन जब स्कूल पहुंचे तो बच्चे वहां उनका इंतजार कर रहे थे. बच्चों के देख कर उन्होंने अपना फैसला बदल दिया और अपनी पत्नी के गहने बेच कर स्कूल चलाने के फैसला किया. चंदन पाल पिछले 20 सालों से मुफ्त में गरीब बच्चों को तालीम दे रहे हैं.

इसी दौरान स्कूल बंद होने की खबर सोशल मीडिया के जरिये सलमान खान को मिली, तब उन्होंने स्कूल के शिक्षकों का खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली और चंदन पाल को मुंबई बुलाकर उनसे मुलाकात भी की थी. इसके बाद फिर शिक्षा की गाड़ी पटरी पर दौड़ने लगी. स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक भी चंदन पाल को अपनी प्रेरणा का स्रोत मानते हैं और छात्र भी चंदन पाल के मुरीद हैं.

मुफ्त में तालीम देने वाले चंदन पाल गरीब बच्चों के लिए मसीहा हैं, जो उनकी जरूरतों की जिम्मेदारी खुद उठा रहे हैं. जिसके कारीगर हैं चंदन पाल, जो अपने नाम को उसके अनुरूप सार्थक कर रहे हैं.

Intro:ग्वालियर- बिहार के सुपर 30 के संचालक आनंद कुमार को तो आप जानते ही हैं लेकिन आज हम आपको ऐसे ही ग्वालियर जिले की चंदन पाल मिलवाते हैं चंदन पाल की कहानी भी बिहार की आनंद कुमार से ही मिलती जुलती है। ग्वालियर जिले में 20 साल से चंदन पाल गरीब बच्चों को फ्री में शिक्षा दे रहे हैं। चंदन पाल स्कूल के बाद वह एक होटल पर मैनेजर का काम करते हैं।और उससे जो पैसा आता है उस पैसे को स्कूल में लगा देते हैं। ग्वालियर के चंदन पाल के पास कुछ साल पहले एक मजदूर की छोटी सी बच्ची मुस्कान ने उनसे एक सवाल किया .....उसके जैसे गरीब बच्चों को पढ़ने लिखने या स्कूल जाने का अधिकार नहीं है बच्चे के इस सवाल ने चंदन पाल है पूरी जिंदगी को बदल दिया । और उसके बाद चंदन पाल ने गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए एक स्कूल खोला। 20 साल से चंदन पाल स्कूल में गरीब बच्चों को फ्री में शिक्षा दे रहे हैं। खास बात यह है कि इस स्कूल के शिक्षकों की सैलरी अभिनेता सलमान खान देते हैं।


Body:दरअसल स्कूल को खोलने की कहानी बड़ी दिलचस्प है। 20 साल पहले चंदन पाल के इलाके में रहने वाली मजदूरी की बेटी मुस्कान जो पैसे ना होने के कारण स्कूल नहीं जा पा रही थी जब एक दिन इस बच्ची मुस्कान ने चंदन पाल को कहा था कि अंकल मुझे किसी स्कूल में एडमिशन करा दो, चंदनपाल ने बच्ची की बात सुन उसका एडमिशन एक स्कूल में करा दिया था लेकिन चंदन पाल की मन में कहीं न कहीं इन गरीब बच्चों की शिक्षा को लेकर सवाल उखड़ रहे थे। इसी बीच चंदन पाल इन गरीब बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए एक स्कूल खोल दिया और इस स्कूल का नाम मुस्कान रखा। शुरुआत में जब इस स्कूल की आधारशिला चंदनपाल ने रखी तो लोगों ने उसे पागल समझा और उसे यहां तक कहा कि तुम तो खुद पेंटर हो पेंटिंग करके अपना घर देखो । लेकिन जब दूसरे के हित के लिए कोई आगे निकल आए तो तमाम परेशानियों को झेलते हुए चंदन पाल ने अपने इस निशुल्क स्कूल को आगे बढ़ाया। आज यहां पर 250 गरीव बच्चे और वेसहाय परिवारों के बच्चे फ्री में पढ़ते हैं। चंदन पाल की पेंटिंग का काम अब उतना नहीं चलता है यही कारण है कि वह पेंटिंग के साथ साथ स्कूल के बाद एक होटल में मैनेजर की नौकरी करते हैं और उससे जो पैसा आता है इस स्कूल में लगा देते हैं। लेकिन इसी बीच जब एक दिन ऐसा ना होने के कारण इस स्कूल को बंद करने की नौबत आ गई थी उसके बाद स्कूल की एक बच्ची ने स्कूल बंद होने की सूचना सोशल मीडिया पर डाली। जब यह पोस्ट अभिनेता सलमान खान ने पड़ी तो सलमान खान ने अपने पीए को इस स्कूल का निरीक्षण करने के लिए ग्वालियर भेजा ।और उसके बाद सलमान खान ने चंदन पाल को मुंबई बुलाया और स्कूल को निरंतर जारी रखने के लिए कहा। सलमान खान इस स्कूल के शिक्षकों और खर्चा खुद उठाते हैं हर महा 30,000 रुपए स्कूल को भेजते हैं।


Conclusion:निशुल्क मुस्कान स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक चंदन पाल को प्रेरणास्रोत मानते है और उनको अच्छा लगता है कि वह भी चंदन के सहयोगी बनी है।और इस सामाजिक कार्य में उनका सहयोग कर रही है ।वहीं इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का मानना है कि उनके माता-पिता के पास इतना पैसा नहीं है कि वह किसी अच्छे स्कूल में पढ़ सकें। लेकिन इस स्कूल में एक अच्छी स्कूल की सभी सुविधाएं मौजूद है। पढ़ाई तो बेहतर है ही इसके साथ किताबें स्टेशनरी और इसी स्कूल में मुफ्त दी जाती है। और समय-समय पर उन्हें भी कराई जाती है। बाईट - चन्दनपाल , स्कूल संचालक बाईट - राहुल , शिक्षक बाईट - छात्रा
Last Updated : Jul 28, 2019, 3:17 PM IST
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