Gajak Health Benefits: चंबल की शाही गजक आप घर पर तैयार कर सकते हैं, वो भी महज 20 मिनट में. इस गजक को तैयार करने के लिए आपको कुछ सामग्री की आवश्यकता होगी. सबसे पहले आप देसी शुद्ध गुड़ और साफ एवं स्वच्छ तिल लें. इसके बाद गुड़ की चासनी बनाएं. 5 से 10 मिनट में गुड़ की चासनी बनाकर तैयार हो जाएगी. उसको ठंडा करने के लिए किसी चौड़ी परात में रख दें. इसके बाद साफ एवं स्वच्छ तिल को धीमी आंच पर भूंजने के लिए रख दें. तिल भूंजने के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि तिल जलनी नहीं चाहिये.
गुड़ की चासनी व तिल : गुड़ की चासनी को ठंडा होने के बाद इसके लेयर बना लें. उसके बाद इस लेयर को लकड़ी के सहारे लगभग 5 से 10 मिनट तक खींचे. इसे तब तक खींचें जब तक चासनी का रंग सफेद ना हो जाए. उसके बाद इस चासनी की लेयर को भुनी हुई तिल में मिलाए. उसकी अच्छी से कुटाई करें. जब चासनी और भुनी हुई तिल कुटाई के दौरान अच्छे से मिल जाए तो गजक की पट्टी तैयार की जाती है. इस प्रकार यह गजक बनाकर पूरी तरह तैयार हो जाती है. हालांकि पहली बार में ये काम इतना आसान नहीं है. लेकिन अभ्यास करके इसे बना सकते हैं.
चंबल के पानी का भी अंतर : तिल को भूंजते समय सावधानी रखें कि यह जल न जाए, नहीं तो गजक का स्वाद बेकार हो जाएगा. यह गजक चंबल के मुरैना में तैयार की जाती है. हालांकि चंबल की गजक का जो स्वाद है, वह यहां की पानी के कारण है. क्योंकि गजक चंबल के मुरैना के आसपास ही बनाई जाती है. मुरैना में जो गजक तैयार की जाती है, उसका स्वाद कहीं का नहीं है. यहां लगभग 500 से अधिक कारीगर हैं, जो गजक बनाने का काम करते हैं. कारीगरों का मानना है कि चंबल नदी के पानी की तासीर के कारण गजक बेहद टेस्टी है.
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इम्युनिटी व पावर बढ़ाती है गजक : चंबल की गजक स्वाद के साथ-साथ इम्युनिटी व पावर बढ़ाने के लिए खास मानी जाती है. गजक बनाने में इस्तेमाल होने वाला तेल और गुड़ सर्दियों में शरीर के लिए औषधि का काम करता है. इसके अलावा गजक पूरी तरह शुद्ध होती है. इसमें किसी भी तरह की कोई मिलावट नहीं है. यह गर्म तासीर की होती है. इसलिए सर्दियों में यह शरीर के लिए लाभदायक है. इसलिए ग्वालियर चंबल अंचल में मकर संक्रांति के त्योहार पर मिठाई की जगह गजक की जमकर बिक्री होती है. मुरैना में लगभग 25 प्रकार की वैरायटी की गजक तैयार की जाती है, जो अलग-अलग स्वाद में रहती है.