ETV Bharat / state

ऑटो चालकों के घरों की अर्थव्यवस्था का थमा पहिया, लॉकडाउन आगे बढ़ा तो कैसे कमाएंगे रूपया ?

लॉकडाउन की वजह से ऑटो चालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. जिसके चलते उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

livelihood-crisis-infront-of-auto-driver-in-gwalior
ऑटो चालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट
author img

By

Published : Apr 11, 2020, 5:02 PM IST

ग्वालियर। कोरोना वायरस के चलते लंबे अरसे से लॉकडाउन जारी है. जिसकी वजह से शहर का पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी पूरी तरह से बंद है. शहर में करीब डेढ़ हजार से ज्यादा ऑटो रिक्शा बंद होने से ऑटो चालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. इनमें ज्यादातर लोग गरीब तबके के हैं. उन्हें सरकारी मदद भी नहीं मिल पा रही है. इनमें कई लोगों को घर भी चलाना है और ऑटो की किस्त भी भरनी है. ऐसे में उन्हें आने वाले दिनों में लॉकडाउन बढ़ने की चिंता सता रही है.

ऑटो संचालक रशीद खान और लल्ला कुशवाहा का कहना है कि बीते कई दिनों से कमाई का कोई जरिया ही नहीं बचा है. थोड़े-बहुत पैसे थे, वो खत्म हो गए हैं. ऐसे में घर का राशन, बच्चों की फीस कैसे भर पाएंगे. वहीं अगर किसी सदस्य की तबीयत खराब हो जाती है तो, उनके इलाज के लिए पैसे तक नहीं हैं. अब तो बस सरकार से ही उम्मीद है.

ग्वालियर। कोरोना वायरस के चलते लंबे अरसे से लॉकडाउन जारी है. जिसकी वजह से शहर का पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी पूरी तरह से बंद है. शहर में करीब डेढ़ हजार से ज्यादा ऑटो रिक्शा बंद होने से ऑटो चालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. इनमें ज्यादातर लोग गरीब तबके के हैं. उन्हें सरकारी मदद भी नहीं मिल पा रही है. इनमें कई लोगों को घर भी चलाना है और ऑटो की किस्त भी भरनी है. ऐसे में उन्हें आने वाले दिनों में लॉकडाउन बढ़ने की चिंता सता रही है.

ऑटो संचालक रशीद खान और लल्ला कुशवाहा का कहना है कि बीते कई दिनों से कमाई का कोई जरिया ही नहीं बचा है. थोड़े-बहुत पैसे थे, वो खत्म हो गए हैं. ऐसे में घर का राशन, बच्चों की फीस कैसे भर पाएंगे. वहीं अगर किसी सदस्य की तबीयत खराब हो जाती है तो, उनके इलाज के लिए पैसे तक नहीं हैं. अब तो बस सरकार से ही उम्मीद है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.