ग्वालियर। वेतन नहीं मिलने और अपनी मांगों को लेकर पिछले दिनों ग्वालियर में सफाई कर्मचारी हड़ताल पर थे. कर्मचारियों का कहना था की इको ग्रीन कंपनी की तर्ज पर नगर निगम के अधिकारी भी सफाई व्यवस्था पर काम कर रहे हैं. लेकिन जब वेतन देने की बात आती है तो एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल देते हैं. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर निगम में इस समय सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. इसका कारण यह है कि नगर निगम की जो अन्य विभाग है. उनमें आपसी सामंजस नहीं बैठ रहा है. वही अधिकारी आपसी सामान्य रखने का दावा कर रहे हो, लेकिन कई ऐसे उदाहरण देखने को मिल जाते हैं. जिससे साफ जाहिर होता है.
जलदाय विभाग और नगर पालिका में नहीं है तालमेल
नगर निगम की अन्य विभाग जैसी राजस्व ,जलकर, लोक निर्माण, टाउन प्लानिंग और स्वच्छता है. जिनके बीच आपसी सामंजस ठीक नहीं है और इसका खामियाजा ग्वालियर शहर की जनता को भुगतना पड़ता है.शहर में इन दिनों जलदाय विभाग और नगर पालिका प्रशासन की आपसी सामंजस और तालमेल अभाव साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. नगर पालिका द्वारा शहर में इंटरलॉकिंग सड़कों का जाल बिछाया गया, लेकिन 20 दिन बाद ही जलदाय विभाग ने इंटरलॉकिंग सड़क को तोड़ना शुरू कर दिया. जलदाय विभाग द्वारा हाल में ही कई मोहल्ले में सड़कें तोड़ दी गई है. निर्माण कार्य के नाम पर तोड़ी गई सड़कों को ठीक भी नहीं किया गया.
शहर के लोगों को हो रही परेशानी
शहर में कई सड़कों के हालात खस्ता है और यही वजह है कि लोग आए दिन यह दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं. यहां सड़क की खुदाई के साथ-साथ मोटे-मोटे पत्थर रखे है. नगर निगम और पीडब्ल्यूडी सड़कों की मरम्मत पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए खर्च करते हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. इनमें आपसी सामंजस ना होने के कारण इन समस्याओं को एक दूसरे पर डालते रहते हैं. खुद नगर निगम जिले स्थान पर सड़क का निर्माण कराता है. वहां कुछ समय बाद पीएचई सीवर लाइन डालने के लिए सड़क खो देता है. जिससे दोपहिया वाहन चालकों के दुर्घटना होने का अधिकतर कारण सड़क पर गड्ढे होना है.
बिजली विभाग और नगर निगम में भी आपसी सामंजस की कमी
एक साल पहले कमलनाथ सरकार के समय लोगों को सुविधाओं के लिए महानगरों में 24 घंटे बस चलाने का निर्णय लिया था. लेकिन नगर निगम और पर वन विभाग के आपसी तालमेल और सामान्य से यह बस शुरू नहीं हो पाई. वहीं नगर निगम और जलकर विभाग में आपसी सामंजस्य की कमी देखने को मिलती है. शहर में अवैध नल कनेक्शन काफी मात्रा में है, लेकिन इस की ओर जल कर विभाग का कोई ध्यान नहीं है. इससे लाखों रुपए पिहानी नगर निगम को हो रही है. बिजली विभाग और नगर निगम में भी आपसी सामंजस की कमी देखने को मिल रहा है. शहर में जलने वाली स्ट्रीट लाइट तभी तो दिन में जली हुई मिलती है, तो कभी रात में बंद दिखाई देती है.