ग्वालियर। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में जीत के लिए अपने प्रचार अभियान का आगाज करने और पार्टी में एकजुटता दिखाने के लिए पीसीसी चीफ कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एक ही जहाज से ग्वालियर आये और साथ -साथ घूमे भी. लेकिन स्थानीय स्तर पर व्याप्त गुटबाजी ने उनका मूड ऑफ कर दिया. अपने समर्थक के एक कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह तो पहुंच गए लेकिन तय कार्यक्रम के बावजूद कमलनाथ नहीं पहुंचे. इस पर उन्होंने कॉल कर जब उनसे पूछा तो जवाब मिला कि ये कार्यक्रम तो रद्द हो गया था. इस पर नाराज होकर दिग्विजय सिंह ने फोन काट दिया. हालांकि यह गड़बड़ी कराने वालों की क्लास लगाने के बाद कमलनाथ वहां गए लेकिन तब तक दिग्विजय सिंह निकल चुके थे.
खादी ग्रामोद्योग मेले में दिखी खींचतान : रविवार को कमलनाथ और दिग्विजय सिंह एक साथ विमान से ग्वालियर आये और पहले चॉपर से एक साथ मुरैना गए और फिर ग्वालियर पहुंचे. यहां अनेक नेताओं के घर भी दोनों साथ गए. संत कृपाल सिंह के आश्रम से लौटकर दोनों को फूलबाग मैदान में चल रहे खादी ग्रामोद्योग मेले में पहुंचना था. इस संस्था पर दिग्विजय सिंह के समर्थक वासुदेव शर्मा काबिज हैं, जिन्हें दिग्विजय सिंह जिला कांग्रेस अध्यक्ष बनवाना चाहते थे. लेकिन डॉ.देवेंद्र शर्मा फिर रिपीट हो गए. यहां दिग्विजय और कमलनाथ दोनों के आने का कार्यक्रम पहले से तय था. इसलिए तय कार्यक्रम से पहले ही नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविन्द सिंह, वरिष्ठ नेता अरुण यादव, पूर्व सांसद रामसेवक सिंह बाबू, पूर्व मंत्री भगवान सिंह यादव सहित अनेक दिग्विजय समर्थक वहां पहले ही पहुंच गए.
दिग्विजय ने किया कमलनाथ को फोन : वासुदेव शर्मा अगवानी के लिए मुख्य गेट पर खड़े थे लेकिन दिग्विजय सिंह पीछे के गेट से पहुंच गए. उन्होंने आते ही कमलनाथ के बारे में पूछा तो लोगों ने बताया कि वे अभी नहीं आये. इस बीच शर्मा ने उन्हें बताया कि उनकी गाड़ियों का काफिला तो सीधे होटल की तरफ निकल गया. इस पर दिग्विजय सिंह के चेहरे के भाव बदल गए और उन्होंने मोबाइल से सीधे कमलनाथ को कॉल किया. उन्होंने पूछा कि खादी वाले कार्यक्रम में नहीं आये? तो कमलनाथ ने कहा कि हमें तो बताया गया कि वह रद्द हो गया. इस पर दिग्विजय सिंह ने तल्ख़ लहजे में पूछा - किसने कहा ? इसके बाद पूरा उत्तर सुने बगैर ही उन्होंने कॉल काट दिया.
कमलनाथ ने भ्रमित करने पर रोष जताया : सूत्रों की मानें तो इस बात से कमलनाथ का माथा ठनका कि कहीं न कहीं किसी ने गड़बड़ी की है, क्योंकि कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था. बताते हैं कि संत कृपाल सिंह के आश्रम से लौटते वक्त कमलनाथ और दिग्विजय सिंह अलग-अलग गाड़ी में बैठ गये थे. कमलनाथ की गाड़ी में विधायकों सहित जिला कांग्रेस अध्यक्ष थे. दिग्विजय सिंह के फोन काटने के बाद कमलनाथ ने तीनो लोगों को बुलाया और गलत जानकारी देने पर नाराजगी जताई. उन्हें लोग अपनी सफाई देते रहे लेकिन उनके तेवर काफी तल्ख़ थे और उन्होंने तत्काल खादी मेला जाने का फैसला किया और प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अशोक सिंह के साथ होटल में नीचे आये और फिर कार से फूलबाग स्थित खादी मेला पहुंचे.
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दोनों एक साथ दिल्ली रवाना : मेले में कमलनाथ ने गांधीजी के चित्र पर माल्यार्पण कर वहां भ्रमण भी किया और दुकानदारों से भी मिले और फिर लौटकर होटल पहुंचे. कमलनाथ इसके बाद संत रविदास जयंती के कार्यक्रम में शिरकत करने गए. हालांकि बाद में दोनों ने सभी कार्यक्रमो में एक साथ शिरकत की और फिर एक ही विमान से दिल्ली रवाना हुए. इस घटना के साथ ही कांग्रेस में चल रही आपसी खींचतान और गुटबाजी उजागर हो गई. इससे पहले राहुल गांधी की यात्रा के समय प्रभारी बनाये गए नेता और जिला अध्यक्ष के बीच इतनी तनातनी हुई थी.