ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में मल्टी आर्ट कॉन्प्लेक्स सहित विभिन्न निर्माण कार्य एवं आर्थिक अनियमितताओं की शिकायत के लिए बनाए गए न्यायिक आयोग ने अपनी जांच शुरू कर दी है. जिसमें 2 दिनों में चार पक्षकारों ने अपने बयान आयोग में दर्ज कराए हैं और साथ ही इसमें विश्वविद्यालय के पूर्व वित्त नियंत्रक एनएसयूआई नेता व दो अन्य शिकायतकर्ता भी शामिल है.
दरअसल मोहम्मद इजरायल खान और धर्मेंद्र सिंह ने बिना वित्तीय स्वीकृति के 55 करोड़ रुपए खर्च किए जाने की शिकायत उच्च शिक्षा विभाग में की थी. वित्त मंत्रालय की स्वीकृति के बिना ग्रांट मद, फीस राशि, भवन निर्माण में खर्च किए गए हैं. वही धर्मेंद्र सिंह के द्वारा भ्रष्टाचार संबंधी 10 बिंदुओं की शिकायत में 2015 की ऑडिट आपत्ति भी शिकायत के साथ संलग्न की गई है.
बता दें की उच्च शिक्षा विभाग ने शिकायतों की जांच सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. अनिल पारे से कराने का निर्णय लिया था और ये आदेश 30 अक्टूबर को जारी कर दिया गया था. जिसके बाद यहां पर उन्होंने शिकायतकर्ता मोहम्मद इजरायल खान से शिकायत संबंधी तथ्यों पर भी बात की.