ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ (Gwalior Bench of High Court) ने ग्वालियर कलेक्ट्रेट में नौकरी कर रहे नोवर्ट जेम्स नामक एक चपरासी सहित जिलाधीश को नोटिस भेजा है. डॉली थेरेसा नाम की महिला ने आरोप लगाया है कि नोवर्ट जेम्स ने फर्जी आदिवासी प्रमाण पत्र (Fake Tribal Certificate) के जरिए 27 साल पहले यानी 1994 में नौकरी हासिल की थी. उसने यह सर्टिफिकेट जबलपुर से जारी होने का दावा किया था.
चपरासी और जिलाधीश को कोर्ट ने भेजा नोटिस
शिकायतकर्ता महिला ने इस बारे में जब जबलपुर के सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग (Assistant Commissioner Tribal Welfare Department) से संपर्क किया तो उन्होंने इस तरह का किसी को भी सर्टिफिकेट जारी करने की बात से इनकार किया. इसके बाद महिला ने कलेक्टर और हाई लेवल कमिटी को उसकी शिकायत की. इसके बावजूद भी नोवर्ट जेम्स पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. महिला ने इसे लेकर एक याचिका हाईकोर्ट में दायर की. हाईकोर्ट ने इस मामले में नोवर्ट जेम्स और जिलाधीश को नोटिस जारी किया है. वस्तुस्थिति स्पष्ट करने की बात कही है.
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हाईकोर्ट ने चार सप्ताह में मांगा जवाब
खास बात यह है कि जेम्स के परिवार के अन्य सदस्य सामान्य रूप से ग्वालियर में रहते हैं. वह जनरल कैटेगरी में अपने को बताते हैं. लेकिन जेम्स ने जबलपुर से जाति प्रमाण पत्र हासिल किया जिसके आधार पर वह नौकरी कर रहा है. हाईकोर्ट ने 4 सप्ताह के भीतर अन आवेदक चपरासी जेम्स और ग्वालियर जिला प्रशासन से जवाब मांगा है.