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अल्ट्रावायलेट सेनेटाइजिंग चेंबर से होगा कोरोना का खात्मा, जीवाजी यूनिवर्सिटी ने किया तैयार

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Published : May 14, 2020, 7:19 PM IST

ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी के छात्रों ने अल्ट्रावायलेट सेनिटाइजिंग चेंबर बनाया है. जिसके जरिए आसानी से कोरोना के संक्रमण को खत्म किया जा सकता है.

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छात्रों ने बनाया अल्ट्रावायलेट सेनिटाइजिंग चेंबर

ग्वालियर। कोरोना से बचाव के लिए लोग कई तरह के उपाय कर रहे हैं. कोई सेनेटाइजिंग रूम बना रहा है तो कोई देसी जुगाड़ के जरिए खुद को संक्रमण से बचाने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में जीवाजी विश्वविद्यालय के छात्रों ने एक UV-सेनेटाइसिंग चेंबर बनाया है. जिससे रोजाना इस्तेमाल करने वाले सामान जैसे मोबाइल, सब्जियां, मास्क, पेपर पैक्ड फूड जैसे आइटम को बहुत ही कम समय में सेनेटाइज किया जा सकता है.

छात्रों ने बनाया अल्ट्रावायलेट सेनिटाइजिंग चेंबर

ये सेनेटाइजर चेंबर कुछ ही सेकंड के अल्ट्रावायलेट किरणों के जरिए संक्रमण को खत्म कर देता है. इस सेनेटाइजेशन चेंबर का इस्तेमाल खासतौर पर कार्यालयों में फाइलों के संक्रमण को दूर करने बैंकों में रुपयों को लेन-देन से होने वाले संक्रमण को खत्म करने में किया जा सकता है. चेंबर को बनाने में करीब 1000 से 1200 रुपए का खर्चा आता है.

पर्यावरण अध्ययन शाला विभाग के HOD डॉ हरेंद्र शर्मा ने बताया कि इसे बनाने में कार्ड-बोर्ड में एलुमिनियम फाइल का इस्तेमाल किया गया है. जिससे अल्ट्रावायलेट रेज के लिए अलग-अलग रेंज की ट्यूब या बल्ब लगाए जा सकते हैं और UV रेज के जरिए संक्रमण को खत्म कर सकते हैं. सेनिटाइजेशन चेंबर को जरूरत के हिसाब से बड़ा या छोटा बनाया जा सकता है.

हालांकि लॉकडाउन के कारण बाजार बंद होने से लोगों को अल्ट्रावायलेट रेज निकालने वाला बल्ब और ट्यूब मिलने में परेशानी आ सकती है. लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद ये आसानी से बाजार में उपलब्ध होने वाली चीज है. ऑफिस से लेकर घर तक इस विशेष सेनेटाइजर चेंबर का इस्तेमाल लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.

ग्वालियर। कोरोना से बचाव के लिए लोग कई तरह के उपाय कर रहे हैं. कोई सेनेटाइजिंग रूम बना रहा है तो कोई देसी जुगाड़ के जरिए खुद को संक्रमण से बचाने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में जीवाजी विश्वविद्यालय के छात्रों ने एक UV-सेनेटाइसिंग चेंबर बनाया है. जिससे रोजाना इस्तेमाल करने वाले सामान जैसे मोबाइल, सब्जियां, मास्क, पेपर पैक्ड फूड जैसे आइटम को बहुत ही कम समय में सेनेटाइज किया जा सकता है.

छात्रों ने बनाया अल्ट्रावायलेट सेनिटाइजिंग चेंबर

ये सेनेटाइजर चेंबर कुछ ही सेकंड के अल्ट्रावायलेट किरणों के जरिए संक्रमण को खत्म कर देता है. इस सेनेटाइजेशन चेंबर का इस्तेमाल खासतौर पर कार्यालयों में फाइलों के संक्रमण को दूर करने बैंकों में रुपयों को लेन-देन से होने वाले संक्रमण को खत्म करने में किया जा सकता है. चेंबर को बनाने में करीब 1000 से 1200 रुपए का खर्चा आता है.

पर्यावरण अध्ययन शाला विभाग के HOD डॉ हरेंद्र शर्मा ने बताया कि इसे बनाने में कार्ड-बोर्ड में एलुमिनियम फाइल का इस्तेमाल किया गया है. जिससे अल्ट्रावायलेट रेज के लिए अलग-अलग रेंज की ट्यूब या बल्ब लगाए जा सकते हैं और UV रेज के जरिए संक्रमण को खत्म कर सकते हैं. सेनिटाइजेशन चेंबर को जरूरत के हिसाब से बड़ा या छोटा बनाया जा सकता है.

हालांकि लॉकडाउन के कारण बाजार बंद होने से लोगों को अल्ट्रावायलेट रेज निकालने वाला बल्ब और ट्यूब मिलने में परेशानी आ सकती है. लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद ये आसानी से बाजार में उपलब्ध होने वाली चीज है. ऑफिस से लेकर घर तक इस विशेष सेनेटाइजर चेंबर का इस्तेमाल लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.

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