ग्वालियर। ग्वालियर चंबल अंचल शुरू से ही महिला सुरक्षा को लेकर बदनाम रहा है. और आज भी यह बदनामी का दाग छूटने का नाम नहीं ले रहा है. ग्वालियर जिले में आज भी यह अपराध मासूम बच्चियों, स्कूल कॉलेज जाने वाली युवतियों और कामकाजी घरेलू महिलाओं के साथ सबसे ज्यादा देखने को मिलते हैं. यही वजह है कि महिलाओं से ज्यादती और हिंसा में ग्वालियर, भोपाल और इंदौर से भी आगे है. ग्वालियर जिले में रोज महिला और छात्राओं के साथ हिंसा के 8 से 10 मामले सामने आते हैं. इससे साबित होता है कि ग्वालियर जिले के साथ-साथ शहर में भी महिला और छात्रा अपने आप को असुरक्षित महसूस करती हैं.
शहर के कई इलाके ऐसे हैं जहां शाम के वक्त जाना महिला और छात्राओं के लिए खतरे से कम नहीं है. और यही वजह है कि ये इलाके शाम होते ही सूनसान हो जाते है. साथ ही शहर में कोचिंग और कॉलेज जाने वाली छात्राएं छेड़खानी का शिकार होती हैं. लेकिन पुलिस ऐसे मामलों में को गंभीरता से नहीं लेती है.
इन इलाकों में महिलाओं और छात्राओं के साथ होती हैं सबसे अधिक वारदातें
ग्वालियर शहर में कई इलाके ऐसे हैं जहां पर दिन में भी महिला और छात्राओं का जाना खतरे से खाली नहीं है शाम के वक्त यहां पर अंधेरा छाया रहता है यही वजह है यहां पर सबसे अधिक महिला और छात्राओं के साथ वारदातें होती हैं. इनमें से सबसे पॉश इलाका गोविंदपुरी है, जहां बाइक और कार सवार गुंडे महिला और छात्राओं को छेड़खानी का शिकार बनाते हैं. तो वहीं दूसरा पॉश इलाका नाका चंद्रबदनी है, यहां पर भी लगातार महिलाओं के साथ देखी जा सकती है. साथ ही सिंधिया नगर पहाड़ी और शिक्षा नगर लक्ष्मी बाई कॉलोनी यह दो ऐसे इलाके हैं, जहां पर सबसे ज्यादा कोचिंग और शिक्षा संस्थान हैं लेकिन यहां की छात्राएं सुरक्षित नहीं हैं या हर रोज छेड़खानी की घटनाएं सामने आती हैं.
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कोचिंग और शिक्षा संस्थानों वाले इलाके में पुलिस की गश्त की कमी
शहर के बीचोबीच लक्ष्मीबाई नगर है, जहां पर 200 से अधिक कोचिंग संस्थान हैं, और यही वजह है कि यहां ग्वालियर की अधिकतर छात्राएं कोचिंग के लिए आती हैं. लेकिन यहां पर पुलिस सुरक्षा न होने के कारण आयोजन छात्राओं के साथ छेड़खानी की घटनाएं सामने आती हैं. इस कॉलोनी में सीसीटीवी लगाई गई है, लेकिन आधे से ज्यादा बंद पड़ी हुई हैं, वहीं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस दावा करती है कि यहां पर पुलिस का गश्त रहता है, लेकिन यहां गश्त देने वाले पुलिसकर्मी दिखाई नहीं देते हैं. यही वजह है कि इस इलाके में दुकान यह तीनों पर आवारा तत्वों की लोग एकजुट होकर छात्राओं को छेड़खानी का शिकार बनाते हैं.
हाईकोर्ट ने कराया सर्वे लेकिन रिपोर्ट पेश नहीं हुई
शहर में महिला अपराधों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पहली बार शहर में महिला वकीलों से सर्वे कराया था. इन्हें अलग-अलग इलाके में सर्वे कर महिला सुरक्षा के इंतजामों की रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट में पेश करनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण में के चलते यह रिपोर्ट कोर्ट में नहीं पेश की जा सकी है.
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छात्राओं की सुरक्षा के लिए शुरू की गई बेटी की पेटी योजना हुई फेल
ग्वालियर शहर में महिला और छात्राओं के साथ बढ़ते अपराध को देखकर ग्वालियर पुलिस ने बेटी की पेटी योजना शुरू की गई थी. इस योजना के माध्यम से कोचिंग और स्कूल कॉलेज संस्थानों पर एक पेटी लगाई गई थी. इस पेटी के माध्यम से कोई भी पीड़ित महिला और छात्रा एक आवेदन पर शिकायत लेकर डाल सकती हैं, लेकिन पुलिस की यह पहल शुरू होते ही खत्म हो चुकी है. इन पेटी को खोलने के लिए कोई भी पुलिस अधिकारी महीने भर तक नहीं आया और यह बेटी की पेटी शहर से भी गायब हो चुकी हैं.
ग्वालियर जिले में पिछले 8 महीने में युवती और महिलाओं के साथ हुए अपराध के आंकड़े बेहद डराने वाले हैं.
- जिले में जनवरी महीने की बात करें तो इस महीने में दुष्कर्म के 22 मामले, छेड़छाड़ के 48 मामले, दहेज प्रताड़ना के 61 मामले, अपहरण के 24, मामले हत्या के 2 मामले, हत्या का प्रयास के 2 मामले सामने आए हैं.
- फरवरी महीने में दुष्कर्म के 26 मामले, छेड़छाड़ के 48 मामले, दहेज प्रताड़ना के 63 मामले, अपहरण के 31 मामले, हत्या के 0 मामले, हत्या का प्रयास के 1 मामले सामने आए हैं.
- मार्च महीने में दुष्कर्म के 14 मामले, छेड़छाड़ के 43 मामले, दहेज प्रताड़ना के 57 मामले, अपहरण के 21मामले, हत्या के 1 मामले, हत्या का प्रयास के 0 मामले सामने आए हैं.
- अप्रैल महीने में दुष्कर्म के 8 मामले, छेड़छाड़ के 13 मामले, दहेज प्रताड़ना के 6 मामले, अपहरण के 5 मामले, हत्या के 0 मामले, हत्या का प्रयास के 0 मामले सामने आए हैं.
- मई के महीने में दुष्कर्म के 25 मामले, छेड़छाड़ के 23 मामले,दहेज प्रताड़ना के 25 मामले, अपहरण के 7 मामले, हत्या के 3 मामले, हत्या का प्रयास के 0 मामले सामने आए हैं.
- जून के महीने में दुष्कर्म के 18 मामले, छेड़छाड़ के 34 मामले, दहेज प्रताड़ना के 47 मामले, अपहरण के 18 मामले, हत्या के 5 मामले, हत्या का प्रयास के 0 मामले सामने आए हैं.
- जुलाई के महीने में दुष्कर्म के 5 मामले, छेड़छाड़ के 28 मामले,दहेज प्रताड़ना के 80 मामले, अपहरण के 15 मामले, हत्या के 3 मामले, हत्या का प्रयास के 1 मामले सामने आए हैं.
- अगस्त के महीने में दुष्कर्म के 16 मामले, छेड़छाड़ के 27 मामले,दहेज प्रताड़ना के 67 मामले, अपहरण के 16 मामले, हत्या के 2 मामले, हत्या का प्रयास के 1 मामले सामने आए हैं.
इन 8 महीनों का कुल आंकड़ा जोड़ा जाए तो दुष्कर्म के 144 मामले, छेड़छाड़ के 264 मामले, दहेज प्रताड़ना के 206 मामले, अपहरण के 137 मामले ,हत्या के 16 और हत्या का प्रयास के 5 मामले सामने आए हैं.
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ग्वालियर में महिलाओं और युवतियों के साथ हुए कुल अपराधों की बात करें तो इन 8 महीनों में 1975 मामले सामने आए हैं, तो वहीं भोपाल में 1575 और इंदौर में 1552 मामले सामने आए हैं.