ग्वालियर। कुटुंब न्यायालय में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक पति ने तालाक की अर्जी लगाई. जिसमें उसने अपनी तीसरी संतान का बाप किसी और का बताते हुए पत्नी के चरित्रहीन बता दिया था. उसका आरोप था कि पत्नी करीब एक साल से उससे अलग दूसरे शहर में रही थी. ऐसे में ये संतान उसकी हो ही नहीं सकती. पति के दावे के बाद डीएनए टेस्ट करवाया गया, जिसमें वह झूठा साबित हो गया.
पीड़िता उत्तर प्रदेश में शिक्षिका के रूप में कार्यरत है. उसके एक बेटा और एक बेटी है. जब उसने तीसरी बार बेटी को जन्म दिया तो पति ने तलाक की अर्जी लगा दी. उसका कहना था कि वह एक साल से पत्नी के संपर्क में नहीं है तो ये संतान उसकी नहीं हो सकती है.
पति ने 2015 में कुटुंब न्यायालय में डीएनए टेस्ट के लिए आवेदन किया, महिला ने दुखी होकर उसके लिए भी हामी भर दी. 2018 में महिला का डीएनए टेस्ट हुआ था, 2019 में रिपोर्ट आने के बाद पति का दावा झूठा निकला. जिसके बाद कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी, लेकिन फिर भी वह अपनी पत्नी को साथ रखने को तैयार नहीं है.