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ग्वालियर सेंट्रल जेल में भाई को मंगल टीका लगाने के लिए पहुंची 20 हजार बहनें

होली की भाई दूज पर ग्वालियर सेंट्रल जेल में बंद बंदी भाइयों से मिलने 20 हजार बहनें पहुंचीं. इससे पहले सुरक्षा की दृष्टि से सेंट्रल जेल के अंदर पहुंचने के लिए चार सुरक्षा चेकिंग प्वाइंट लगाए थे. वहीं पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह से बंद रखा गया था.

Sisters reached to meet brother in Gwalior Central Jail
ग्वालियर सेंट्रल जेल में भाई से मिलने पहुंचे बहनें
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Published : Mar 9, 2023, 6:30 PM IST

ग्वालियर: होली की भाई दूज पर ग्वालियर की सेंट्रल जेल में बंद बंदी भाइयों को मंगल टीका करने 20 हजार से अधिक बहनें "गुरुवार को सेंट्रल जेल पहुंची. महिलाओं की भीड़ को देखते हुए जेल प्रशासन ने पुख्ता बंदोबस्त किया. जेल में खुली मुलाकात के लिए महिलाओं और उनके साथ आने वाले 6 वर्ष के बच्चे को ही प्रवेश दिया गया. वहीं पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह से बंद रखा गया था. इसके अलावा सुरक्षा की दृष्टि से बाहर से खाने पीने की वस्तुओं को भी जेल में ले जाने पर प्रतिबंधित किया गया था.

3 साल से लगी थी जेल में खुली मुलाकात पर रोक: कोविड-19 के कारण पिछले 3 साल से ग्वालियर सेंट्रल जेल में खुली मुलाकात पर रोक लगी हुई थी. हालांकि रक्षाबंधन और दीपावली पर खुली मुलाकात फिर से बहाल की गई थी, लेकिन होली की भाई दौज पर 3 साल बाद बहनें जेल में बंद अपने भाइयों से खुली मुलाकात में शुभ मंगल टीका करने गुरुवार को काफी बड़ी संख्या में सेंट्रल जेल पहुंची. जिसके लिए जेल प्रशासन ने पहले से ही पुख्ता इंतजाम कर रखे थे, लेकिन जेल प्रशासन को उम्मीद नहीं थी कि महिलाओं की संख्या एकाएक इतनी बढ़ जाएगी.

एमपी क्राइम से मिलती-जुलती ये खबरें जरूर पढ़ें...

जेल में मिलने का रिकॉर्ड टूटा: पिछले आंकड़े बताते हैं कि संभागभर से लगभग 5 हजार से अधिक महिलाएं अपने बंदी भाइयों से मिलने रक्षाबंधन, दीपावली और होली की दौज पर आती रहीं हैं. लेकिन इस बार यह रिकॉर्ड टूटा है. अपने बंदी भाइयों को मंगल टीका करने लगभग 20 हजार से अधिक महिलाएं पहुंची. महिलाओं की अधिक संख्या को देखकर जेल प्रशासन को थाना बहोड़ापुर पुलिस की मदद लेना पड़ी.

ग्वालियर: होली की भाई दूज पर ग्वालियर की सेंट्रल जेल में बंद बंदी भाइयों को मंगल टीका करने 20 हजार से अधिक बहनें "गुरुवार को सेंट्रल जेल पहुंची. महिलाओं की भीड़ को देखते हुए जेल प्रशासन ने पुख्ता बंदोबस्त किया. जेल में खुली मुलाकात के लिए महिलाओं और उनके साथ आने वाले 6 वर्ष के बच्चे को ही प्रवेश दिया गया. वहीं पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह से बंद रखा गया था. इसके अलावा सुरक्षा की दृष्टि से बाहर से खाने पीने की वस्तुओं को भी जेल में ले जाने पर प्रतिबंधित किया गया था.

3 साल से लगी थी जेल में खुली मुलाकात पर रोक: कोविड-19 के कारण पिछले 3 साल से ग्वालियर सेंट्रल जेल में खुली मुलाकात पर रोक लगी हुई थी. हालांकि रक्षाबंधन और दीपावली पर खुली मुलाकात फिर से बहाल की गई थी, लेकिन होली की भाई दौज पर 3 साल बाद बहनें जेल में बंद अपने भाइयों से खुली मुलाकात में शुभ मंगल टीका करने गुरुवार को काफी बड़ी संख्या में सेंट्रल जेल पहुंची. जिसके लिए जेल प्रशासन ने पहले से ही पुख्ता इंतजाम कर रखे थे, लेकिन जेल प्रशासन को उम्मीद नहीं थी कि महिलाओं की संख्या एकाएक इतनी बढ़ जाएगी.

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जेल में मिलने का रिकॉर्ड टूटा: पिछले आंकड़े बताते हैं कि संभागभर से लगभग 5 हजार से अधिक महिलाएं अपने बंदी भाइयों से मिलने रक्षाबंधन, दीपावली और होली की दौज पर आती रहीं हैं. लेकिन इस बार यह रिकॉर्ड टूटा है. अपने बंदी भाइयों को मंगल टीका करने लगभग 20 हजार से अधिक महिलाएं पहुंची. महिलाओं की अधिक संख्या को देखकर जेल प्रशासन को थाना बहोड़ापुर पुलिस की मदद लेना पड़ी.

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