ग्वालियर। हनुमान जयंती पर ग्वालियर में धार्मिक जुलूस के रूट को लेकर पुलिस प्रशासन और हिंदूवादी संगठनों के बीच टकराव की नौबत आ गई. प्रशासन ने हर वर्ष के तय रूट पर जुलूस निकालने की अनुमति दी है, जबकि हिंदूवादी संगठन मुस्लिम बहुल आपा गंज इलाके से जुलूस निकालने पर अड़ा हुआ है. इसके चलते तनाव का माहौल है. एक तरफ जहां बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एकत्रित हैं. वहीं भारी सुरक्षा व्यवस्था भी की गई है. चार ड्रोन से चप्पे-चप्पे की निगरानी की जा रही है.
मुस्लिम इलाके से जुलूस निकालने की जिद: हर वर्ष हनुमान जयंती पर पंचमुखी हनुमान मंदिर से महाआरती के बाद एक भव्य धार्मिक जुलूस निकलता है, जो माधोगंज के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए महाराज बाड़े पहुंचता है. प्रशासन ने इस जुलूस को निकालने के लिए पूर्व निर्धारित रूट से निकालने की अनुमति भी दे दी थी, लेकिन बजरंग दल और हिन्दू सेना सहित सभी संगठन जुलूस को अल्पसंख्यक बहुल इलाके आपागंज से होकर जाने पर अड़े हुए हैं. हालांकि एडिशनल एसपी दावा कर रहे हैं कि इसको लेकर बातचीत हो गई है. सभी लोग स्वीकृत मार्ग से निकालने पर ही सहमत हैं, लेकिन संगठन के लोग अभी भी अपनी बात पर अड़े हुए हैं. विहिप के प्रांत पदाधिकारी पप्पू वर्मा ने साफ ऐलान किया है कि आपागंज भारत का ही एक कोना है. इसलिए वहां से भी जुलूस निकलेगा. इसके चलते तनाव बरकरार है. पंचमुखी मंदिर पर बड़ी संख्या में भक्त पहुंच चुके हैं और उस पूरे इलाके की पुलिस द्वारा कड़ी घेराबंदी की गई है. आपागंज इलाके में भी कड़ी सुरक्षा की गई है.
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ड्रोन से हो रही निगरानी, कड़ी घेराबंदी: एडिशनल एसपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि आपसी सहमति से जुलूस निकलेगा. जिसके लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था लगाई गई है. पांच सौ से ज्यादा सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं. साथ ही चार ड्रोन कैमरे लगाकर निगरानी की जा रही है. आज के जुलूस को लेकर पुलिस का सबसे ज्यादा फोकस लश्कर के आपा गंज क्षेत्र पर है. जहां टकराव की स्थिति बन सकती है, क्योंकि हिंदू संगठन यहां से जुलूस निकालने पर अड़े हैं, लेकिन प्रशासन ने आपागंज इलाके से जुलूस निकालने की अनुमति जारी नहीं की है. इसकी वजह भी है क्योंकि एक बार आपागंज से निकाले गए जुलूस के दौरान उपद्रव और तनाव हो चुका है. इसके बाद से यहां से जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी गई है. सुरक्षा के मददेनजर पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है और ड्रोन से नजर रखी जा रही है. पुलिस के आला अधिकारी भी यहां हिंदूवादी संगठनों के लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं. जिससे किसी तरह के तनाव की स्थिति निर्मित न हो. बुधवार को बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने एक ट्वीट भी किया था. जिसमें अल्पसंख्यक बहुल इलाकों से हिन्दू जुलूस न निकालने देने पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए कहा था कि नियम कानून एक जैसे होने चाहिए. अगर यही गाइडलाइन है तो मुहर्रम और ताजिये आदि जुलूस के भी हिन्दू बहुल इलाकों निकालने की इजाजत नहीं देना चाहिए.