ग्वालियर। महापौर विवेक नारायण शेजवलकर को फिलहाल हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है. दरअसल विवेक नारायण शेजवलकर ने प्रदेश सरकार द्वारा भेजे गए नोटिस को खारिज कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिसे हाई कोर्ट ने खारिज करने से इनकार कर दिया.
बता दें कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार के सत्ता में आते ही ज्यादातर जिलों में काबिज बीजेपी शासित नगर निगम के महापौर और अध्यक्ष को नोटिस भेजे गए हैं. सभी से वित्तीय अनियमितताओं और दूसरे आरोपों को लेकर यह नोटिस भेजे गए था. महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने प्रदेश सरकार पर परेशान करने की नियत से अनावश्यक नोटिस भेज का आरोप लगाया था और नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. बता दें कि जबलपुर महापौर को इस मामले में हाईकोर्ट से राहत मिल चुकी है .
प्रदेश के 16 स्थानीय निकायों में अधिकांश में बीजेपी काबिज है. ग्वालियर, जबलपुर और एक अन्य महापौर को सरकार ने वित्तीय अनियमितताओं और आर्थिक मदद के दुरुपयोग को लेकर नोटिस भेजा है. ग्वालियर महापौर विवेक नारायण शेजवलकर की छवि बेहद साफ-सुथरी मानी जाती है. ऐसे में नोटिस जारी होने से महापौर बेफिक्र हैं और उन्हें उम्मीद है कि आखिर में लड़ाई वहीं जीतेंगे. उनका कहना है कि कांग्रेस सरकार को बीजेपी शासित नगर निगम आंख की किरकिरी महसूस हो रहे है. इसलिए वह इस तरह के नोटिस भेज रहे है.