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हाईकोर्ट ने महापौर की याचिका की खारिज, विवेक नारायण शेजवलकर ने कमलनाथ सरकार पर लगाया ये आरोप

महापौर विवेक नारायण शेजवलकर को फिलहाल हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है. दरअसल विवेक नारायण शेजवलकर ने प्रदेश सरकार द्वारा भेजे गए नोटिस को खारिज कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिसे हाई कोर्ट ने खारिज करने से इनकार कर दिया.

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Published : Mar 23, 2019, 12:10 AM IST

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ग्वालियर। महापौर विवेक नारायण शेजवलकर को फिलहाल हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है. दरअसल विवेक नारायण शेजवलकर ने प्रदेश सरकार द्वारा भेजे गए नोटिस को खारिज कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिसे हाई कोर्ट ने खारिज करने से इनकार कर दिया.

बता दें कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार के सत्ता में आते ही ज्यादातर जिलों में काबिज बीजेपी शासित नगर निगम के महापौर और अध्यक्ष को नोटिस भेजे गए हैं. सभी से वित्तीय अनियमितताओं और दूसरे आरोपों को लेकर यह नोटिस भेजे गए था. महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने प्रदेश सरकार पर परेशान करने की नियत से अनावश्यक नोटिस भेज का आरोप लगाया था और नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. बता दें कि जबलपुर महापौर को इस मामले में हाईकोर्ट से राहत मिल चुकी है .

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प्रदेश के 16 स्थानीय निकायों में अधिकांश में बीजेपी काबिज है. ग्वालियर, जबलपुर और एक अन्य महापौर को सरकार ने वित्तीय अनियमितताओं और आर्थिक मदद के दुरुपयोग को लेकर नोटिस भेजा है. ग्वालियर महापौर विवेक नारायण शेजवलकर की छवि बेहद साफ-सुथरी मानी जाती है. ऐसे में नोटिस जारी होने से महापौर बेफिक्र हैं और उन्हें उम्मीद है कि आखिर में लड़ाई वहीं जीतेंगे. उनका कहना है कि कांग्रेस सरकार को बीजेपी शासित नगर निगम आंख की किरकिरी महसूस हो रहे है. इसलिए वह इस तरह के नोटिस भेज रहे है.

ग्वालियर। महापौर विवेक नारायण शेजवलकर को फिलहाल हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है. दरअसल विवेक नारायण शेजवलकर ने प्रदेश सरकार द्वारा भेजे गए नोटिस को खारिज कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिसे हाई कोर्ट ने खारिज करने से इनकार कर दिया.

बता दें कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार के सत्ता में आते ही ज्यादातर जिलों में काबिज बीजेपी शासित नगर निगम के महापौर और अध्यक्ष को नोटिस भेजे गए हैं. सभी से वित्तीय अनियमितताओं और दूसरे आरोपों को लेकर यह नोटिस भेजे गए था. महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने प्रदेश सरकार पर परेशान करने की नियत से अनावश्यक नोटिस भेज का आरोप लगाया था और नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. बता दें कि जबलपुर महापौर को इस मामले में हाईकोर्ट से राहत मिल चुकी है .

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प्रदेश के 16 स्थानीय निकायों में अधिकांश में बीजेपी काबिज है. ग्वालियर, जबलपुर और एक अन्य महापौर को सरकार ने वित्तीय अनियमितताओं और आर्थिक मदद के दुरुपयोग को लेकर नोटिस भेजा है. ग्वालियर महापौर विवेक नारायण शेजवलकर की छवि बेहद साफ-सुथरी मानी जाती है. ऐसे में नोटिस जारी होने से महापौर बेफिक्र हैं और उन्हें उम्मीद है कि आखिर में लड़ाई वहीं जीतेंगे. उनका कहना है कि कांग्रेस सरकार को बीजेपी शासित नगर निगम आंख की किरकिरी महसूस हो रहे है. इसलिए वह इस तरह के नोटिस भेज रहे है.

Intro:ग्वालियर
ग्वालियर नगर निगम के महापौर को हाई कोर्ट से फिलहाल राहत नहीं मिली है। महापौर का आरोप है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार जांच के बहाने भाजपा शासित निकायों को परेशान करने की नियत से अनावश्यक नोटिस भेज रही है। जिसका आने वाले समय में जनता द्वारा जवाब दिया जाएगा।


Body:प्रदेश की कमलनाथ सरकार के सत्ता में आते ही ज्यादातर जिलों में काबिज भाजपा शासित नगर निगम नगर पालिका में महापौर और अध्यक्ष को नोटिस भेजे गए हैं। वित्तीय अनियमितताओं और दूसरे आरोपों के चलते यह नोटिस भेजे गए हैं। जबलपुर महापौर को इस मामले में हाईकोर्ट से राहत मिल चुकी है ।लेकिन ग्वालियर महापौर विवेक नारायण शेजवलकर को हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है ।शेजवलकर ने सरकार द्वारा भेजे गए नोटिस को खारिज कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाई कोर्ट ने नोटिस खारिज करने से इंकार कर दिया। इस पर महापौर ने नोटिस के बिंदुओं पर विस्तृत विवरण सरकार से मांगा है। महापौर का कहना है कि उन्हें जानबूझकर परेशान किया जा रहा है इसे वे कोर्ट में चुनौती देंगे। वही आने वाले लोकसभा चुनाव में जनता सरकार को माकूल जवाब देगी।


Conclusion:प्रदेश के 16 स्थानीय निकायों में अधिकांश में भाजपा काबिज है ।ग्वालियर जबलपुर और एक अन्य महापौर को सरकार ने वित्तीय अनियमितताओं और आर्थिक मदद के दुरुपयोग को लेकर नोटिस भेजा है। लेकिन खास बात यह है कि भाजपा के संस्थापक पुरुषों में से एक रहे स्वर्गीय नारायण कृष्ण शेजवलकर के पुत्र और ग्वालियर महापौर की छवि भी बेहद साफ-सुथरी मानी जाती है ।ऐसे में महापौर बेफिक्र हैं और उन्हें उम्मीद है कि आखिर में लड़ाई वही जीतेंगे।उनका मानना है कि कांग्रेस सरकार को भाजपा शासित नगर निगम आंख की किरकिरी महसूस हो रहे है इसलिए वह इस तरह के नोटिस भेज रही है।
बाइट अंकुर मोदी अतिरिक्त महाधिवक्ता हाई कोर्ट ग्वालियर
बाइट विवेक नारायण शेजवलकर महापौर ग्वालियर
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