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रिश्वत लेने के आरोप में हेड कॉन्स्टेबल को चार साल की सजा, 20 हजार का जुर्माना भी लगा - Head Constable Hari Shankar Chaturvedi

ग्वालियर शहर में रिश्वत मांगने के मामले में हेड कॉन्स्टेबल को लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार किया था. कोर्ट ने आज उसे चार साल की सजा सुनाई थी.

Head constable arrested for demanding bribe
रिश्वत मांगने के मामले में हेड कॉन्स्टेबल गिरफ्तार
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Published : Jan 31, 2020, 9:33 PM IST

ग्वालियर। रिश्वतखोर हेड कॉन्स्टेबल हरी शंकर चतुर्वेदी को कोर्ट ने चार साल की जेल की सजा सुनाई है. हेड कॉन्स्टेबल पर कोर्ट ने 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यह मामला बहोडापुर थाने का है. पूरा मामला 6 साल पुराना है. 3 सितंबर 2014 को जेल के सामने बने पुलिस पेट्रोल पंप पर हेड कॉन्स्टेबल हरी शंकर चतुर्वेदी को लोकायुक्त पुलिस ने तीन हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था.

रिश्वत मांगने के मामले में हेड कॉन्स्टेबल गिरफ्तार


हरिशंकर चतुर्वेदी ने एक्सीडेंट के मामले में तुलसी प्रजापति से पांच हजार रुपये रिश्वत मांगी थी. बाद में दोनों के बीच तीन हजार रुपए में मामला बात बन गई थी, लेकिन इसी दौरान तुलसी प्रजापति और एक्सीडेंट में फरियादी बने युवक के बीच सुलह समझौता हो गया. फिर भी वाहन चालक की गिरफ्तारी करने के लिए हेड कॉन्स्टेबल रिश्वत मांग रहा था.


फरियादी तुलसी प्रजापति बाद में अपने बयानों से मुकर गया था, लेकिन सरेराह हुई ट्रैप की कार्रवाई में जो साक्ष्य पेश किए गए, उसे कोर्ट ने पर्याप्त माना और हेड कांस्टेबल को सजा सुनाई.

ग्वालियर। रिश्वतखोर हेड कॉन्स्टेबल हरी शंकर चतुर्वेदी को कोर्ट ने चार साल की जेल की सजा सुनाई है. हेड कॉन्स्टेबल पर कोर्ट ने 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यह मामला बहोडापुर थाने का है. पूरा मामला 6 साल पुराना है. 3 सितंबर 2014 को जेल के सामने बने पुलिस पेट्रोल पंप पर हेड कॉन्स्टेबल हरी शंकर चतुर्वेदी को लोकायुक्त पुलिस ने तीन हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था.

रिश्वत मांगने के मामले में हेड कॉन्स्टेबल गिरफ्तार


हरिशंकर चतुर्वेदी ने एक्सीडेंट के मामले में तुलसी प्रजापति से पांच हजार रुपये रिश्वत मांगी थी. बाद में दोनों के बीच तीन हजार रुपए में मामला बात बन गई थी, लेकिन इसी दौरान तुलसी प्रजापति और एक्सीडेंट में फरियादी बने युवक के बीच सुलह समझौता हो गया. फिर भी वाहन चालक की गिरफ्तारी करने के लिए हेड कॉन्स्टेबल रिश्वत मांग रहा था.


फरियादी तुलसी प्रजापति बाद में अपने बयानों से मुकर गया था, लेकिन सरेराह हुई ट्रैप की कार्रवाई में जो साक्ष्य पेश किए गए, उसे कोर्ट ने पर्याप्त माना और हेड कांस्टेबल को सजा सुनाई.

Intro:ग्वालियर
शहर के बहोडापुर थाने में पदस्थ रहे एक प्रधान आरक्षक को मात्र ₹3000 की रिश्वत लेना महंगा पड़ा है। उसे लोकायुक्त की विशेष कोर्ट ने भ्रष्टाचार के आरोप में 4 साल के लिए जेल भेज दिया है। वही उस पर 20000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है।


Body:बहोडापुर क्षेत्र में एक बाइक सवार तुलसी प्रजापति की शिकायत पर प्रधान आरक्षक को लोकायुक्त पुलिस ने 6 साल पहले 3 सितंबर 2014 को जेल के सामने बने पुलिस पेट्रोल पंप पर सरेराह 3000 रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था । तुलसी प्रजापति पर हेड कांस्टेबल हरी शंकर चतुर्वेदी ने दबाव बनाया था कि यदि एक्सीडेंट के मामले में गिरफ्तारी से बचना है तो उसे 5000 रुपए की रिश्वत दी जाए। मामला तीन हजार रुपए में तय हो गया था।


Conclusion:जबकि तुलसी प्रजापति और एक्सीडेंट में फरियादी बने युवक के बीच सुलह समझौता हो गया था फिर भी वाहन चालक की गिरफ्तारी करने के लिए हेड कांस्टेबल यह रिश्वत मांग रहा था। खास बात यह भी है कि फरियादी तुलसी प्रजापति बाद में अपने बयानों से मुकर गया था लेकिन सरेराह हुई ट्रैप की कार्रवाई में जो साक्ष्य पेश किए गए उसे न्यायालय ने पर्याप्त माना और हेड कांस्टेबल को सजा सुनाई।
बाइट अरविंद श्रीवास्तव... अधिवक्ता लोकायुक्त जिला न्यायालय ग्वालियर
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