ग्वालियर। पिछले साल मार्च से लंबे अरसे तक बंद रहे चिड़ियाघर को इस साल फरवरी में खोला गया था, लेकिन अप्रैल के शुरुआत में यह फिर बंद हो गया. जिसे सोमवार से शुरू कर दिया गया है. कोरोना संक्रमण काल में ग्वालियर का यह चिड़ियाघर पिछले साल मार्च से अभी तक सिर्फ डेढ़ महीने ही खुल सका है. यानी करीब 13 महीने तक यह बंद रहा है. सोमवार से शुरू किए गए चिड़ियाघर को कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराने के दावे के साथ शुरू किया गया है. पहले सामान्य दिनों में रोजाना करीब डेढ़ से दो हजार लोगों की मौजूदगी रहने वाले चिड़ियाघर में फिलहाल गिने-चुने दर्शक ही पहले दिन पहुंचे. अधिकांश लोगों को चिड़ियाघर के शुरू होने के बारे में पता ही नहीं चला है.
चिड़ियाघर में लगाए गए कूलर
ग्वालियर का यह चिड़ियाघर शहर के बीचो-बीच फुलवाग परिसर में स्थित है. चिड़ियाघर खुलने से आसपास के लोग वहां पहुंचे. चिड़ियाघर के पशु-पक्षियों में नया देखने को तो कुछ भी नहीं है, लेकिन भीषण गर्मी व उमस के कारण जानवर अपने पिजरों में ठंडक का आनंद लेते हुए दिखाई दिए. व्हाइट टाइगर जरूर अपने जंगल में चहल कदमी करता दिखा. चिड़ियाघर में उमस और गर्मी से बचाने के लिए शेर बाघ और बिल्ली प्रजाति के अन्य जानवरों के लिए कूलर लगाए गए हैं. वहीं उनके पिंजरों में पर्याप्त पानी रखा गया है.
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यहां सुबह-शाम स्प्रिंकलर को पिंजरों में चालू कर दिया जाता है, जिससे जानवर ठंडक का अहसास ले पाते हैं. इसके अलावा चिड़ियाघर में खस की चटाई लगाई गई है. पशु पक्षियों को ठंडक का अहसास होने के लिए पर्याप्त इंतजाम चिड़ियाघर प्रशासन ने किए हैं. कमिश्नर ने चिड़ियाघर शुरू करने से पहले उसका निरीक्षण किया था. कमिश्नर का कहना है कि चिड़ियाघर के सभी कर्मचारियों को वैक्सीनेट किया जा चुका है. यहां आने वाले सैलानियों को गेट पर ही सेनेटाइजर से अपने हाथ साफ करने होंगे और घूमने के दौरान मास्टर को पहनना जरूरी होगा. वहीं चिड़ियाघर के कर्मचारी परिसर में मास्क नहीं पहनने वालों पर भी कड़ी नजर रखेंगे. यदि कोई बार-बार मास्क उतारता दिखा तो उसे बाहर का भी रास्ता दिखाया जा सकता है. काफी दिनों बाद खुले चिड़ियाघर में लोग आए तो वे काफी खुश दिखे.