ग्वालियर। पूरे मध्यप्रदेश में कड़ाके की ठंड जारी है. जिसके चलते यहां जनजीवन प्रभावित हो गया है. सबसे ज्यादा ठंड ग्वालियर चंबल अंचल में देखी जा रही है. यहां घने कोहरे और शीतलहर के चलते पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है. यही वजह है कि ग्वालियर में लगातार तीसरे दिन सीवियर कोल्ड डे रहा. जबकि मुरैना और भिंड जिले में रात सबसे ठंडी रही. सोमवार रात को न्यूनतम तापमान 8 डिग्री दर्ज किया गया है. मौसम वैज्ञानिक ने कहा है कि ठंड का दौर अभी कुछ दिन और बना रह सकता है.
अंचल में 3 दिन से छाया है कोहरा
ग्वालियर चंबल अंचल में कोल्ड-डे बना हुआ है. यहां सर्दी कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. अंचल में पिछले 3 दिनों से घना कोहरा छाया हुआ है. जिसकी दृश्यता 20 मीटर आंकी गई है. शीतलहर के कारण लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. रात और सुबह में ओस की बूंदे खेतों और घरों के बाहर बर्फ की तरह जम रही हैं. घने कोहरे का असर यातायात पर भी देखने को मिल रहा है. दर्जन भर ट्रेनें ऐसी हैं जो 3 घंटे देरी से ग्वालियर पहुंच रही हैं. मौसम वैज्ञानिक उमाकांत उपाध्याय का कहना है कि ग्वालियर चंबल अंचल में आने वाले दो दिनों तक ऐसी ही सर्दी पड़ेगी. 20 तारीख के बाद एक नया पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान में सक्रिय हो रहा है, जिससे सर्दी से राहत मिलेगी.
शीतलहर से लोगों में साइड इफेक्ट
ग्वालियर चंबल अंचल के लोगों में शीतलहर का साइड इफेक्ट भी देखने को मिल रहा है. संक्रमित बीमारियों का ग्राफ बढ़ गया है. बच्चों और बुजुर्गों में सर्दी, जुकाम, खांसी, निमोनिया और सांस संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं. साथ ही ब्रेन हेमरेज और हार्ट अटैक मरीजों में 4 गुना वृद्धि देखने को मिल रही है, और रोजाना 2 से 3 लोगों की मौत के मामले भी सामने आ रहे हैं. डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि शीतलहर और कड़ाके की सर्दी में लोग बाहर टहलने न जाएं. क्योंकि सबसे ज्यादा सुबह के वक्त ही लोग हार्ट अटैक और ब्रेन हेमरेज के शिकार हो रहे हैं. साथ ही फसलों पर भी खतरा मंडराने लगा है. हरी सब्जियों की पैदावर पर भी कोहरे का साइड इफेक्ट कम उपज के रूप में देखने को मिल रहा है.
(cold waves in Gwalior Chambal zone )(Gwalior Weather update )