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सिंधिया के गढ़ में शर्म की तस्वीर, पत्थर झेल कर खुले में शौच को जाती हैं महिलाएं - स्वच्छ भारत अभियान

ओडीएफ प्लस ग्वालियर की डबरा तहसील में कई गांवों की महिलाएं आज भी खुले में शौच करने को मजबूर हैं. खुलासा तब हुआ जब डबरा तहसील में 2 दर्जन से अधिक महिलाएं कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंची. जहां उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों से गुहार लगाई कि उनके गांव में शौचालय नहीं बना है. इस कारण उन्हें काफी शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है. महिलाएं शौचालय के साथ आवास के लिए भी आवेदन दे चुकी लेकिन सुनवाई नहीं हुई.

Women reached gwalior collectorate with complaint
शिकायत लेकर ग्वालियर कलेक्ट्रेट पहुंची महिलाएं
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Published : Mar 29, 2023, 5:32 PM IST

Updated : Mar 29, 2023, 6:11 PM IST

शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची महिलाएं

ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में स्वच्छता मिशन की तस्वी शर्मसार करने वाली है. खुले में शौच से मुक्ति को लेकर भले ही ग्वालियर को ओडीएफ प्लस का दर्जा प्राप्त हो गया है, लेकिन ग्वालियर में अब कोई भी व्यक्ति खुले में शौच को नहीं जाता इस दावे की पोल ग्वालियर कलेक्टर के सामने गुहार लेकर पहुंची महिलाओं ने ही खोल दी.

शौच के लिए खेतों में जाने की मजबूरी : जिले की डबरा तहसील में गांव की 2 दर्जन से अधिक महिलाओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला प्रशासन के अधिकारियों से गुहार लगाई कि उनके गांव में शौचालय नहीं होने से उन्हे हर दिन शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है. महिलाओं ने बताया कि वे जब शौच के लिए बाहर खेतों में जाती हैं तो कई लोग उन पर पत्थर बरसाते हैं और अपने खेतों से भगा देते हैं. इस कारण उन्हें रोज बेइज्जत होना पड़ता है. महिलाएं इसकी शिकायत वह कई बार प्रशासन के अधिकारियों से कर चुकी हैं, लेकिन अभी तक उनके यहां शौचालय नहीं बना है. महिलाओं का कहना है कि ''वह आवास के लिए भी कई बार आवेदन कर चुकी हैं, लेकिन इस पर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है''.

कब मिलेगी आवास और शौचालय की मंजूरी : बता दें कि जिले के डबरा तहसील में आने वाली बारोल, पथर्रा सहित कई ग्राम पंचायतें हैं, जहां आज भी महिलाएं शौच के लिए बाहर जाती हैं. प्रशासन से शिकायत करने आईं स्व सहायता समूह की महिलाओं ने जब अधिकारियों के सामने अपना दर्द बयां किया तो वह भी सुनकर दंग रह गए. इन महिलाओं ने बताया है कि ''गांव में कई महिलाएं कच्चे मकानों में रह रही हैं, महिलाओं को शौच के लिए भी बाहर जाना पड़ता है. वह कई बार प्रशासन को प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास स्वीकृत करने के लिए आवेदन दे चुके हैं लेकिन इसके बावजूद न तो उन्हें अभी आवास मिला है और न ही शौचालय स्वीकृत हुआ है''.

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लोग मारते हैं पत्थर: महिलाओं ने अधिकारियों को बताया कि ''वह जब शौच के लिए बाहर जाती है तो उन्हें बेइज्जती महसूस होती है. कई बार लोगों ने उन्हें पत्थर मारकर भी भगाया है''. उन्होंने बताया कि ''एक तरफ तो हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छता मिशन के जरिए घर-घर शौचालय बनाने का दावा कर रहे हैं लेकिन अभी भी कई गांव ऐसे हैं जहां महिलाएं शौच के लिए बाहर जाती हैं''.

एसडीएम ने की शौचालय बनवाने की बात: बता दें कि प्रदेश सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का यह ग्रह क्षेत्र है. जहां पर महिलाएं आज भी शौच के लिए खुली जगह में जाती हैं. हालांकि इस मामले को लेकर प्रशासन के अधिकारियों ने तत्काल संज्ञान लिया है और संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया है. एसडीएम अनिल बनवारिया का कहना है कि ''महिलाओं की शिकायत के बाद गांव के सरपंच और सचिव को बोला गया है और तत्काल इस मामले की जांच करा कर सभी को शौचालय मुहैया कराए जाएंगे''.

शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची महिलाएं

ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में स्वच्छता मिशन की तस्वी शर्मसार करने वाली है. खुले में शौच से मुक्ति को लेकर भले ही ग्वालियर को ओडीएफ प्लस का दर्जा प्राप्त हो गया है, लेकिन ग्वालियर में अब कोई भी व्यक्ति खुले में शौच को नहीं जाता इस दावे की पोल ग्वालियर कलेक्टर के सामने गुहार लेकर पहुंची महिलाओं ने ही खोल दी.

शौच के लिए खेतों में जाने की मजबूरी : जिले की डबरा तहसील में गांव की 2 दर्जन से अधिक महिलाओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला प्रशासन के अधिकारियों से गुहार लगाई कि उनके गांव में शौचालय नहीं होने से उन्हे हर दिन शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है. महिलाओं ने बताया कि वे जब शौच के लिए बाहर खेतों में जाती हैं तो कई लोग उन पर पत्थर बरसाते हैं और अपने खेतों से भगा देते हैं. इस कारण उन्हें रोज बेइज्जत होना पड़ता है. महिलाएं इसकी शिकायत वह कई बार प्रशासन के अधिकारियों से कर चुकी हैं, लेकिन अभी तक उनके यहां शौचालय नहीं बना है. महिलाओं का कहना है कि ''वह आवास के लिए भी कई बार आवेदन कर चुकी हैं, लेकिन इस पर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है''.

कब मिलेगी आवास और शौचालय की मंजूरी : बता दें कि जिले के डबरा तहसील में आने वाली बारोल, पथर्रा सहित कई ग्राम पंचायतें हैं, जहां आज भी महिलाएं शौच के लिए बाहर जाती हैं. प्रशासन से शिकायत करने आईं स्व सहायता समूह की महिलाओं ने जब अधिकारियों के सामने अपना दर्द बयां किया तो वह भी सुनकर दंग रह गए. इन महिलाओं ने बताया है कि ''गांव में कई महिलाएं कच्चे मकानों में रह रही हैं, महिलाओं को शौच के लिए भी बाहर जाना पड़ता है. वह कई बार प्रशासन को प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास स्वीकृत करने के लिए आवेदन दे चुके हैं लेकिन इसके बावजूद न तो उन्हें अभी आवास मिला है और न ही शौचालय स्वीकृत हुआ है''.

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लोग मारते हैं पत्थर: महिलाओं ने अधिकारियों को बताया कि ''वह जब शौच के लिए बाहर जाती है तो उन्हें बेइज्जती महसूस होती है. कई बार लोगों ने उन्हें पत्थर मारकर भी भगाया है''. उन्होंने बताया कि ''एक तरफ तो हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छता मिशन के जरिए घर-घर शौचालय बनाने का दावा कर रहे हैं लेकिन अभी भी कई गांव ऐसे हैं जहां महिलाएं शौच के लिए बाहर जाती हैं''.

एसडीएम ने की शौचालय बनवाने की बात: बता दें कि प्रदेश सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का यह ग्रह क्षेत्र है. जहां पर महिलाएं आज भी शौच के लिए खुली जगह में जाती हैं. हालांकि इस मामले को लेकर प्रशासन के अधिकारियों ने तत्काल संज्ञान लिया है और संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया है. एसडीएम अनिल बनवारिया का कहना है कि ''महिलाओं की शिकायत के बाद गांव के सरपंच और सचिव को बोला गया है और तत्काल इस मामले की जांच करा कर सभी को शौचालय मुहैया कराए जाएंगे''.

Last Updated : Mar 29, 2023, 6:11 PM IST

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